ओडिशा: गैंगरेप के चलते सीएम को गंवानी पड़ी थी कुर्सी, उसका मुख्य आरोपी दो दशक बाद गिरफ़्तार

साल 1999 में ओडिशा की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उनका आरोप था कि छेड़छाड़ मामले में तत्कालीन एडवोकेट जनरल के ख़िलाफ़ दर्ज कराया गया केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया था. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक पर एडवोकेट जनरल को बचाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

साल 1999 में ओडिशा की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. उनका आरोप था कि छेड़छाड़ मामले में तत्कालीन एडवोकेट जनरल के ख़िलाफ़ दर्ज कराया गया केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया था. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक पर एडवोकेट जनरल को बचाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

भुवनेश्वर: ओडिशा में एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी से हुए सामूहिक बलात्कार के सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र में पकड़ लिया गया है.

इस मामले के कारण ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक को 1999 में इस्तीफा देना पड़ा था.

भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस. सारंगी ने सोमवार को बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोनावला में एम्बी वैली से पकड़ा गया.

उन्होंने बताया कि बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ पलम्बर (नलसाज) के रूप में काम कर रहा था.

अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’ शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका.

अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं.

घटना के 17 दिनों बाद मामले के दो आरोपी प्रदीप साहू और धीरेंद्र मोहंती गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन मुख्य आरोपी बिबन दो दशकों तक फरार रहा.

मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में भुवनेश्वर के कैपिटल हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था.

खुर्दा जिला सत्र न्यायाधीश ने 2002 में साहू एवं धीरेंद्र मोहंती को दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी. उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा था.

इन तीनों लोगों ने 1999 में नौ-10 जनवरी की रात में बारंगा के निकट महिला की कार रोक ली थी और उससे सामूहिक बलात्कार किया था. आईएफएस अधिकारी पति से अलग रह रहीं यह महिला उस समय 29 वर्ष की थीं. वह अपने एक पत्रकार मित्र के साथ कार से कटक से भुवनेश्वर जा रही थीं. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस मामले ने एक राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया था, जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री जेबी पटनायक और पूर्व महाधिवक्ता इंद्रजीत रे पर घटना में भूमिका होने का आरोप लगाया था. हालांकि, आरोप एफआईआर का हिस्सा नहीं है.

इस घटना के बाद राज्य भर में लोगों की व्यापक नाराजगी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

रिपोर्ट के मुताबिक, 1999 में ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला था, तब मामले में कोई सुराग नहीं लगा था. तीन महीने पहले भुवनेश्वर पुलिस आयुक्त कार्यालय ने इस मामले को फिर से खोल दिया.

भुवनेश्वर-कटक पुलिस कमिश्नर सुधांशु सारंगी ने बताया, ‘मैं चौडवार जेल में इस मामले के एक दोषी से मिला था. मेरे संज्ञान में आया था कि मामले का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है, इसलिए हमने मामले की फिर से जांच शुरू की थी. दोषी ने हमें सूचित किया कि बिस्वाल (बीबन) को बीके कहा जाता था और फिर हमें एक गुप्त सूचना मिली कि आरोपी महाराष्ट्र में है.’

उन्होंने कहा, ‘आरोपी ने आधार कार्ड प्राप्त करने और महाराष्ट्र में एक बैंक खाता खोलने में भी कामयाबी हासिल कर ली थी. हमें यह भी पता चला है कि वह अपने परिवार के संपर्क में था. उन्होंने उसके खिलाफ मामला स्थायी रूप से बंद करने के लिए उसके मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने का भी प्रयास किया था.’

सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी.

पीड़ित महिला ने मुख्य आरोपी को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, घटना से दो साल पहले 12 जुलाई, 1997 को पीड़ित महिला ने तत्कालीन एडवोकेट जनरल इंद्रजीत रे पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. उन्होंने रे के खिलाफ 19 जुलाई, 1997 को कटक के कैंटोमेंट पुलिस स्टेशन में बलात्कार के प्रयास के आरोप में एक मामला दर्ज कराया था.

साथ ही उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक पर इंद्रजीत रे को बचाने का आरोप लगाया था. 1998 में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने के बाद रे ने एडवोकेट जनरल पद से इस्तीफा दे दिया था.

रेप की घटना के बाद पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्हें डराकर रे के खिलाफ आरोप वापस लेने पर मजबूर करने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत उनका सामूहिक बलात्कार किया गया था.

एक सीबीआई अदालत ने फरवरी 2000 में बलात्कार के प्रयास में दोषी ठहराते हुए इंद्रजीत रे को तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq