दिल्ली दंगों के एक साल: हत्या के 53 मामलों में से 38 में ही अब तक चार्जशीट दाख़िल हुई

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दंगे को लेकर कुल 755 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. अब तक 1753 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें 933 मुस्लिम और 820 हिंदू हैं.

(फोटोः पीटीआई)

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दंगे को लेकर कुल 755 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. अब तक 1753 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें 933 मुस्लिम और 820 हिंदू हैं.

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(फाइल फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: पिछले साल फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों के एक साल हो चुके हैं. दंगे में मारे गए 53 लोगों में से 38 लोगों के  में ही अभी तक दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट फाइल की है. वहीं अभी तक सिर्फ 17 मामलों में ही कोर्ट में बहस शुरू हो पाई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 51 दंगा पीड़ितों से बात करने के बाद पता चला है कि 44 केस में ही मुआवजा दिया गया है, जबकि करीब 12 परिवारों ने इस घटना के बाद अपना निवास स्थान बदल दिया.

साल 2020 के फरवरी महीने की 24 से 26 तारीख तक चले दंगे में 500 से अधिक लोग घायल हुए थे और करोड़ों रुपये की संपत्ति बर्बाद हुई थी. स्थिति ऐसी हो गई थी कि कई परिवारों को अपने ही शहर में शरणार्थी बनना पड़ा था.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘इस मामले को लेकर कुल 755 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. अब तक 1753 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 933 मुस्लिम और 820 हिंदू हैं.’

इसमें से 62 मामले, जिसमें 53 मर्डर शामिल हैं, क्राइम बांच की तीन विशेष टीम द्वारा जांच किए जा रहे हैं. पुलिस का दावा है कि इसमें से 46 मामलों का निपटारा किया जा चुका है.

एक अधिकारी ने कहा, ‘तीन एसआईटी ने 390 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 178 हिंदू और 212 मुस्लिम हैं. बड़े षड्यंत्र का जांच कर रही एसआईटी ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें 19 मुस्लिम और दो हिंदू हैं.’

वैसे तो मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये और नाबालिग की मौत के संबंध में पांच लाख रुपये दिल्ली सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर परिजनों ने बताया है कि ये राशि बेहद अपर्याप्त है, क्योंकि उनके घर का कमाने वाला व्यक्ति ही खत्म हो गया है.

उन्होंने कहा कि इस पैसे से न तो घर बनाए जा सकते हैं और न ही बच्चों के भविष्य को संवारा जा सकता है. ज्यादातर मामलों में मृतक की पत्नी को अभी तक कहीं भी नौकरी नहीं लगी है.

दिल्ली सरकार के मुताबिक, अब तक कुल 26.09 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है, जिसमें घायल, घर-संपत्ति-स्कूल इत्यादि को नुकसान समेत चीजें शामिल हैं. सबसे ज्यादा संपत्ति के नुकसान को लेकर 11.28 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

पुलिस ने बताया, ‘गिरफ्तार किए गए 1,753 लोगों में से 1,204 लोग न्यायिक हिरासत में हैं और 544 लोगों को जमानत मिल चुकी है. कुल 1,553 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है और 200 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर करनी बाकी है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘कुल 342 चार्जशीट मामलों में से 250 केस में ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान लिया है और कुछ मामलों में सजा पर बहस शुरू हो चुकी है.’