केंद्र ने अदालत को बताया, गणतंत्र दिवस हिंसा के संबंध में 19 लोग गिरफ़्तार, 25 केस दर्ज

विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.

(फोटो: रॉयटर्स)

विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.

गणतंत्र दिवस पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर पहुंचे. (फोटो: पीटीआई)
गणतंत्र दिवस पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर पहुंचे. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अजय दिगपाल ने अदालत को बताया कि 50 लोगों को हिरासत में लिया गया और घटना की जांच की जा रही है.

उन्होंने यह भी बताया कि लाल किले पर सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

सरकार से प्राप्त सूचनाओं पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने जानना चाहा कि क्या ऐसी ही कोई अर्जी उच्चतम न्यायालय में भी दी गई है, या उस पर सुनवाई लंबित है या न्यायालय ने उसका निपटारा किया है.

अदालत ने दिल्ली निवासी धनंजय जैन की अर्जी को सूचीबद्ध करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में अगर ऐसा कोई मामला है तो उसकी पूरी जानकारी उसे दे.

याचिका में अनुरोध किया गया है कि किसान आंदोलन के नाम पर धरना दे रहे लोगों को हटाया जाए और सभी सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों को खाली कराया जाए.

उसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त को तत्काल पद से हटाने और गणतंत्र दिवस पर लाल किले की घटना के संबंध में अपना कर्तव्य कथित रूप से पूरा नहीं कर पाने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को दंडित करने का अनुरोध भी किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, याचिका में महत्वपूर्ण स्मारकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त अर्द्धसैनिक बल तैनात करने, दिल्ली के नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके बीच विश्वास और सुरक्षा की भावना को बहाल करने के लिए केंद्र से निर्देश देने की मांग भी की गई है.

बीते 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के विवादास्पद नए कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और दिल्ली के सीमाओं पर विरोध कर रहे केंद्र और किसान यूनियनों के बीच चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हजारों किसान करीब तीन महीने से दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं.

केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.

कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और स्मारक में घुस गए. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले के ध्वज स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा भी फहरा दिया था. 26 जनवरी को हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

एक किसान नेता ने बताया था कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 122 लोगों में से 32 को जमानत मिल चुकी है.

पंजाब के लुधियाना जिले में स्थित खन्ना शहर के इकोलाहा गांव के 75 साल के किसान जोरावर सिंह 26 जनवरी को किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर परेड के बाद से लापता हैं. जोरावर 26 जनवरी तक अपनी बेटी से नियमित संपर्क में थे, लेकिन इसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)