अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर की ज़मानत के बाद शिव कुमार को भी राहत मिलने की परिवार को उम्मीद

नवदीप कौर और शिव कुमार दोनों मज़दूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं. दोनों को जनवरी में गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि दोनों कृषि क़ानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया.

/
शिव कुमार और नवदीप कौर (फोटोः ट्विटर)

नवदीप कौर और शिव कुमार दोनों मज़दूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं. दोनों को जनवरी में गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि दोनों कृषि क़ानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया.

शिव कुमार और नवदीप कौर (फोटोः ट्विटर)
शिव कुमार और नवदीप कौर (फोटोः ट्विटर)

मोहालीः दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर और शिव कुमार की गिरफ्तारी और उन्हें कथित तौर पर हिरासत में प्रताड़ित किए जाने की घटना ने कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (केआईए), हरियाणा सरकार और पुलिस के बीच कथित सांठगांठ को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

नवदीप और शिव कुमार केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट करने का काम कर रहे थे.

केआईए के तहत अलग-अलग कारखानों में नवदीप और शिव कुमार काम कर रहे थे. ये मजदूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं, जिसने मजदूरों को समय पर मजदूरी दिए जाने और इलाके में मजदूरों की बेहतर कामकाजी स्थितियों को लेकर लड़ाई लड़ी है.

हालांकि, बताया जाता है कि इस यूनियन से केआईए परेशान था. किसान आंदोलन में इनकी मौजूदगी से हरियाणा सरकार खफा थी, इसलिए दोनों कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया और कथित तौर पर उनके साथ पुलिस हिरासत में बर्बरता की गई.

नवदीप की बहन ने द वायर  को बताया कि केआईए और हरियाणा सरकार उनके और शिव कुमार जैसे युवा नेताओं और किसान आंदोलन से डरी हुई है.

शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद द वायर  से बातचीत में उनके पिता राजबीर ने कहा कि जो कुछ भी चल रहा है, उससे उनका परिवार हैरान है.

उन्होंने कहा, ‘वह (शिव कुमार) कुंडली में कार्यकर्ता था. मुझे नहीं पता कि वह गिरफ्तार कैसे हुआ.’

खुद के बारे में बताते हुए राजबीर ने कहा कि उनके परिवार में पांच लोग हैं और वे हरियाणा में ही रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं दिहाड़ी मजदूर हूं और अपनी पत्नी, दो बेटों और एक बेटी के साथ रह रहा हूं. हम गरीब लोग हैं.’

शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट में हिरासत में प्रताड़ना के उजागर होने के बारे में पूछे जाने पर उनके पिता ने कहा, ‘मुझे शिव कुमार के एक दोस्त ने बताया कि उसे क्रूरता से पीटा गया. जेल में मेरी उससे हुई वीडियो कॉल में उसने कहा था कि पापा मैं ठीक हूं. मुझे लगता है कि उसने ऐसा इसलिए कहा था ताकि हम चिंता न करें. मैंने इसके बारे में अपनी पत्नी और बेटी को नहीं बताया.’

नवदीप कौर को उनके खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर में जमानत मिल गई है लेकिन शिव कुमार अभी भी हिरासत में है.

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से कौर को जमानत मिलने के कुछ घंटों बाद द वायर  से बातचीत में उनके वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता हरिंदर बैंस ने कहा कि न्याय मिल गया है.

बैंस ने कहा कि वे शिव कुमार की मेडिको-लीगल जांच कराने के लिए अदालत से मांग कर रहे हैं.

बैंस को उम्मीद है कि यह मेडिकल रिपोर्ट कुमार की जमानत का आधार बनेगी और उनके साथ भी नवदीप कौर की तरह ही इंसाफ होगा.

इस बीच नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने 26 फरवरी को शिव कुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ सोनीपत में प्रदर्शन किया था. विरोध प्रदर्शन में सिविल राइट्स फोरम के संयोजक ईश्वर राठी ने युवा कार्यकर्ताओं और सरकार से असहमति जताने वालों की गिरफ्तारी की निंदा की.

उन्होंने और समूह के अन्य सदस्यों ने मांग की कि जितनी जल्दी हो सके शिव कुमार को अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. शारीरिक और मानसिक रूप से उनके उत्पीड़न को तुरंत रोका जाना चाहिए और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.

शिव कुमार और नवदीप कौर के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी.

बैंस और उनके वकीलों की टीम इस हफ्ते सत्र अदालत में तीनों एफआईआर में जमानत देने की अपील करेंगे. इनमें से एक एफआईआर हरियाणा पुलिस के अधिकारी ने दर्ज कराई, जबकि एक कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (केआईए) के तहत एक कारखाने के अकाउंटेंट ने दर्ज कराई जबकि तीसरी एफआईआर एक निजी शिकायकर्ता ने दर्ज कराई है.

नवदीप कौर और शिव कुमार को हरियाणा पुलिस ने जनवरी में गिरफ्तार किया था. कौर को 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया.

12 जनवरी को केआईए में कारखाने के मजदूर वेतन नहीं दिए जाने पर प्रबंधन के पास पहुंचे थे. इन मजदूरों पर कथित तौर पर केआईए की क्विक रिसपॉन्स टीम द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया था.

मेडिको-लीगल रिपोर्ट के मुताबिक, शिव कुमार के दाहिने पैर में सूजन है और उनके दाहिने पैर के दूसरी और तीसरी उंगली के नाखून जड़ से टूटे हुए हैं. उनके बाएं पैर का अगूंठा काला पड़ गया है और बाएं अंगूठे और तर्जनी उंगली के नाखून नीले-काले पड़ गए हैं.

रिपोर्ट में कुमार के हवाले से कहा गया है कि 16 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हे सोनीपत की पुरानी कचहरी ले जाया गया, जहां स्टाफ ने उनसे मारपीट की.

शिव कुमार ने कहा कि पुलिस ने उनके दोनों पैर बांध दिए, जमीन पर लिटा दिया और उनके पैर के तलवों पर डंडे मारे.

रिपोर्ट में कहा गया, शिव कुमार के कूल्हे पर डंडे मारे गए, उसके बाद उनके हाथ बांध दिए गए और पैर फैला दिए गए. उसे जमीन पर लिटाया गया और दोनों पैर सीधा करके उनकी जांघों पर दो लोगों द्वारा दबाव डालते हुए धातु की पाइप को घुमाया गया. पुलिस ने उनके दोनों हाथों, हथेलियों और उनके सिर के पिछले हिस्से पर भी मारा.

रिपोर्ट में शिव कुमार की कथित तौर पर हिरासत में प्रताड़ना के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें सोने नहीं दिया गया, सिर पर पानी डाला गया और उनके पैरों पर गर्म पानी डाला गया.

इस रिपोर्ट को आर्थोपैडिक, मनोचिकित्सा, जनरल सर्जरी, रेडियो डायग्नोसिस, फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभागों के डॉक्टरों की टीम ने तैयार किया है.

अधिवक्ता बैंस को उम्मीद है कि कथित तौर पर हिरासत में शिव कुमार को दी गई प्रताड़ना जल्द ही उनकी जमानत का आधार बनेगी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq