कांग्रेस ‘कमज़ोर’ हो रही, लेकिन ग़ुलाम नबी आज़ाद के अनुभव का उपयोग नहीं हो रहा: कपिल सिब्बल

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले ग़ुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता जम्मू कश्मीर में एक मंच पर एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी को मज़बूत करने के लिए साथ आए हैं. हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार करने की सलाह दी है.

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शनिवार को जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेता राज बब्बर, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और भूपिंदर सिंह हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले ग़ुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता जम्मू कश्मीर में एक मंच पर एकत्र हुए. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी को मज़बूत करने के लिए साथ आए हैं. हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार करने की सलाह दी है.

शनिवार को जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेता राज बब्बर, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और भूपिंदर सिंह हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)
शनिवार को जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेता राज बब्बर, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और भूपिंदर सिंह हुड्डा. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू/नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के दौरे पर कहा कि उनकी पार्टी ‘कमजोर हो रही है’, लेकिन वह अनुभवी नेता गुलाम नबी आजाद के व्यापक राजनीतिक अनुभव का उपयोग नहीं कर रही है, जो हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए हैं.

गुलाम नबी आजाद का बीते 15 फरवरी को संसद के उच्च सदन में कार्यकाल पूरा हुआ था.

गांधी ग्लोबल परिवार द्वारा जम्मू कश्मीर में आयोजित एक कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद के अलावा सिब्बल, मनीष तिवारी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर और आनंद शर्मा सहित कई पार्टी नेता शामिल हुए.

कांग्रेस के इन नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है. ये उन 23 कांग्रेस सदस्यों में से हैं, जिन्होंने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधार की मांग की थी.

बता दें कि पार्टी में उस वक्त सियासी तूफान आ गया था, जब पिछले साल अगस्त में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखा गया था.

हालांकि, यह पहली बार है जब असंतुष्टों ने सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है.

सिब्बल ने आजाद की तुलना एक विमान के पायलट और इंजीनियर से करते हुए सवाल किया, ‘आजाद की असली भूमिका क्या है?’

उन्होंने कहा कि आजाद पार्टी को देश भर में जमीनी स्तर पर जानते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कांग्रेस उनके अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आजाद को संसद से स्वतंत्र कर रही है और ‘हम नहीं चाहते क्योंकि जब से वह राजनीति में आए, उन्होंने पार्टी में अपनी भूमिका निभाई है और खासा अनुभव प्राप्त किया है.’

वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में दिग्गज नेता की प्रमुख भूमिका होगी, क्योंकि राष्ट्र की पहचान को सत्तारूढ़ भाजपा से ‘खतरा’ है.

तिवारी ने गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, ‘जब यह देश खतरे का सामना कर रहा है और इसकी पहचान बदलने की कोशिश की जा रही है, तो ऐसे में हमें राष्ट्र रूपी जहाज को किनारे तक ले जाने के लिए आजाद जैसे नेता और उनके मार्गदर्शन की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘समय आ गया है जब प्रगतिशील, राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक मंच पर साथ आना चाहिए. इसमें आजाद की प्रमुख भूमिका रहेगी.’

तिवारी ने कहा, ‘आजाद कांग्रेस के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं और यह कहना गलत नहीं है कि वह पार्टी को गहराई से समझने वाले कुछ लोगों में शामिल हैं, क्योंकि वह विभिन्न राज्यों में पार्टी के प्रभारी रहे हैं.’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सवाल किए जा रहे हैं कि ‘हम यहां क्यों आए हैं?’

उन्होंने कहा, ‘हम भारत में रहते हैं और देश में कहीं भी जाने का हमारा अधिकार है. हमें किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. हम यहां एक संदेश देने आए हैं कि जिस व्यक्ति के साथ हमने 40 साल से अधिक समय बिताया है, हम उनके साथ हैं.’

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘हमने पार्टी की स्थिति में सुधार और इसे मजबूत बनाने के लिए अपनी आवाज उठाई है, ताकि युवा पार्टी में शामिल हों.’

आनंद शर्मा ने कहा, ‘आज हम जहां हैं, वहां पहुंचने के लिए हम सभी ने बहुत लंबा रास्ता तय किया है. हम ऊपर से नहीं आए हैं, हम सभी दरवाजे से चलकर आए हैं. हम छात्रों के आंदोलन और युवा आंदोलन के माध्यम से आए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने किसी को मुझे यह बताने का अधिकार नहीं दिया कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं. किसी को यह अधिकार नहीं है. हम इसे मजबूत बनाएंगे. जब कांग्रेस मजबूत होगी, तो इससे देश का मनोबल भी बढ़ेगा.’

उन्होंने कहा कि एक पार्टी ओहदा दे सकती है, लेकिन नेता वही बनते हैं, जिनको लोग मानते हैं.

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ जो कांग्रेस में हैं और दूसरे आजाद जैसे हैं जिनके अंदर कांग्रेस है.’ हुड्डा ने कहा कि जब कांग्रेस और विपक्ष मजबूत होंगे, तभी देश मजबूत होगा.

जम्मू कश्मीर राज्य के लिए लड़ाई जारी रखूंगा: आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा तथा नौकरी एवं संपत्ति पर स्थानीय निवासियों के विशेष अधिकार को बहाल कराने की लड़ाई जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि वह राज्यसभा से सिर्फ ‘रिटायर’ हैं, राजनीति से नहीं.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न खतरों से लड़ने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में एकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘दुश्मनों के खिलाफ हमें अपनी सेना के साथ खड़े रहने की जरूरत है.’

गांधी ग्लोबल परिवार द्वारा आयोजित शांति सम्मेलन में आजाद ने कहा, ‘मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं. यह पहली बार नहीं है जब मैं संसद से सेवानिवृत्त हुआ हूं. अपनी अंतिम सांस तक मैं देश की सेवा करता रहूंगा और लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ूंगा.’

केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू कश्मीर में बांटने के फैसले के संदर्भ में आजाद ने कहा, ‘हमने अपनी पहचान गंवा दी है, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे और पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से प्राप्त करने के लिए संसद के भीतर और बाहर लड़ाई जारी रखेंगे.’

आजाद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के तीनों क्षेत्रों- जम्मू, कश्मीर और लद्दाख, के प्रतिनिधि मिलकर सरकार बनाएं. लेह ने केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे का समर्थन किया है लेकिन करगिल उसके खिलाफ है. जम्मू में सभी पार्टियों भाजपा, आरएसएस से लेकर नेशनल कांफ्रेंस से पीडीपी और पैंथर्स पार्टी तक सभी राज्य का दर्जा वापस चाहते हैं.’

उन्होंने कहा कि वह जमीन/अचल संपत्ति और नौकरियों में स्थानीय लोगों के अधिकारों को भी लेकर लड़ेंगे.

आजाद ने कहा, ‘अगर बाहरी लोग जम्मू कश्मीर और लद्दाख में आकर बसने लगे तो जम्मू और लेह को इससे तत्काल खतरा है. हम बाहर से यहां रोजगार के लिए आने वालों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर में संसाधनों की कमी है, क्योंकि यहां हमारे पास बड़े उद्योग धंधे नहीं हैं.’

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद आजाद ने कहा था कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘पांच सितारा संस्कृति’ यानी कि फाइव-स्टार कल्चर घर कर गई है. उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन का आह्वान किया था.

असंतुष्ट नेताओं ने कहा- कांग्रेस कमजोर हो रही है, मजबूत करने के लिए एक साथ आए

सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा. हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है.’

उन्होंने जवाब देने के लिए सवाल किया, ‘हम यहां क्यों आए? सचाई यह है कि हम महसूस कर रहे हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. इसलिए हम एक साथ आए, अतीत की भांति, पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करने की खातिर.’

सिब्बल ने कहा कि ऐसे कई नेता हैं जो उनका समर्थन करते हैं लेकिन कार्यक्रम में मौजूद नहीं हैं और ‘हम देश तथा पार्टी की मजबूती के लिए, जो कुछ भी आवश्यक होगा, उसका बलिदान करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि देश के हर जिले में कांग्रेस मजबूत बने. हम नहीं चाहते कि कांग्रेस कमजोर रहे, अगर कांग्रेस कमजोर होती है तो देश कमजोर होता है.’

सिब्बल ने भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सच्चाई का मार्ग दिखाया लेकिन यह ‘सरकार झूठ फैला रही है.’

उन्होंने कहा, ‘गांधीजी अहिंसा को अंगीकार कर रहे थे, जबकि यह सरकार हिंसा को गले लगा रही है. वे गांधीजी की बात कर रहे हैं, लेकिन वे उनकी सच्चाई या अहिंसा को नहीं अपनाते हैं.’

चुनावी राज्यों में प्रचार कर नेताओं को अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा दिखानी चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि ‘ग्रुप ऑफ 23’ या ‘जी-23’ में शामिल नेता पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं, जिन पर दल को गर्व है.

हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते हुए इसके प्रति अपनी निष्ठा प्रदर्शित करने की सलाह दी.

कांग्रेस की यह सलाह जम्मू में एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम को संबोधित करने गए ‘जी-23’ के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया में आई है. इस समूह का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘जो-जो लोग रैली को संबोधित करने जम्मू गए हैं, जिन्होंने भाषण दिए हैं, वे बहुत ही सम्मानित और आदरणीय व्यक्ति हैं. कांग्रेस उन सबका बहुत आदर करती है और हमे गर्व है कि उनका बहुत लंबा जीवन (समय) कांग्रेस पार्टी में बीता है. वे सभी हमारे कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं.’

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी यह समझती है कि जब पांच राज्यों में (विधानसभा) चुनाव हो रहे हैं, जिसमें कांग्रेस संघर्ष कर रही है तो ज्यादा उपयुक्त होता कि आजाद सहित सभी नेता इन प्रांतों में प्रचार करते और कांग्रेस का हाथ मजबूत करते तथा पार्टी को आगे बढ़ाते.’

उन्होंने कहा, ‘सच्ची निष्ठा कांग्रेस के प्रति तभी होती, जब (ये) सभी लोग चुनावी राज्यों में प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते.’

आजाद का ‘इस्तेमाल’ किए जाने संबंधी एक नेता की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि पार्टी के इस दिग्गज नेता ने इस बारे में कभी शिकायत नहीं की.

उन्होंने कहा कि आजाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से केंद्रीय मंत्री रहे हैं और उन्होंने 40 साल से अधिक समय तक संसद में सात बार कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें राज्यसभा में उनका पांच कार्यकाल भी शामिल है.

सिंघवी ने कहा कि आजाद को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया था और 20-25 साल तक पार्टी महासचिव भी रखा.

हालांकि, सिंघवी ने पार्टी के आंतरिक अनुशासन के मुद्दे पर पूछे गए सवालों का और अधिक जवाब देने से इनकार कर दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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