मध्य प्रदेशः बजरंग दल के विरोध के बाद इप्टा ने थिएटर महोत्सव रद्द किया

इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन छतरपुर ज़िले में पांच दिवसीय थिएटर महोत्सव का आयोजन करने वाला था. इस बीच बजरंग दल की अगुवाई वाले समूह ने एसडीएम को पत्र लिखकर महोत्सव में होने वाले दो नाटकों पर आपत्ति जताते हुए इसे रद्द करने को कहा. ऐसा न होने पर उग्र प्रदर्शन की धमकी दी गई थी.

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इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (फोटो साभारः फेसबुक)

इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन छतरपुर ज़िले में पांच दिवसीय थिएटर महोत्सव का आयोजन करने वाला था. इस बीच बजरंग दल की अगुवाई वाले समूह ने एसडीएम को पत्र लिखकर महोत्सव में होने वाले दो नाटकों पर आपत्ति जताते हुए इसे रद्द करने को कहा. ऐसा न होने पर उग्र प्रदर्शन की धमकी दी गई थी.

इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (फोटो साभारः फेसबुक)
इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (फोटो साभारः फेसबुक)

भोपालः इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा ) ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में होने वाले पांच दिवसीय थिएटर महोत्सव को रद्द कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजन रद्द करने के लिए कोरोना महामारी का हवाला दिया गया है, लेकिन आयोजकों का कहना है कि महोत्सव में दो नाटकों के मंचन को लेकर बजरंग दल के सख्त विरोध के बाद यह कदम उठाया गया है.

बजरंग दल की अगुवाई वाले एक समूह ने 22 फरवरी को छतरपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर इस महोत्सव में मंचन के लिए तैयार दो नाटकों ‘जात ही पूछो साधू की’ और ‘बेशर्म मेव जयते’ का विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि इन नाटकों के कंटेंट ने संस्कृति और धार्मिक प्रेमियों के संपूर्ण भाईचारे को नाराज किया है.

‘जात ही पूछो साधू की’ मराठी नाटक ‘पहिजे जातिचे’ नाम के मराठी नाटक का हिंदी रूपांतरण हैं, जिसे पद्म भूषण विजेता विजय तेंदुलकर ने लिखा था.

इससे पहले इसका मंचन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में खजुराहो के महोत्सव में किया गया था. इस पत्र में विरोधी समूह ने मांग की कि महोत्सव को रोका जाए और सार्वजनिक सभागार में दी गई इसकी मंजूरी को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.

पत्र में कहा गया, ‘अगर प्रशासन ऐसा करने में असफल रहता है तो बजरंग दल उग्र प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगा, जिसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा.’

इप्टा के छतरपुर जिले के प्रभारी देवेंद्र कुशवाहा के मुताबिक, ‘उन्हें पहली बार होने वाले इन नाटकों के लाइन-अप को लेकर एक शख्स का सात फरवरी का फोन आया था. मैंने उन्हें बताया कि यह पब्लिक फंडिंग के जरिये हो रहा है. इप्टा इसका आयोजन कर रहा है और कोई भी हमसे टिकट खरीद सकता है लेकिन उन्होंने इन दोनों नाटकों का विरोध किया, जबकि उन्होंने ये नाटक देखे भी नहीं है.’

इप्टा के महासचिव शिवेंद्र शुक्ला का कहना है कि पुलिस ने न तो कलाकारों और न ही महोत्सव को किसी प्रकार की सुरक्षा का आश्वासन दिया.

छतरपुर के पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आयोजकों ने खुद ही इस महोत्सव को रद्द किया है.

शुक्ला के मुताबिक, उन्होंने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा के लिए एसडीएम ऑफिस को पत्र लिखा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

शुक्ला ने कहा, ‘एसपी ने हमें बिना सुरक्षा का आश्वासन दिए कार्यक्रम का विरोध करने वालों से इस मुद्दे को सुलझाने को कहा.’

एसपी शर्मा ने कहा, ‘हमने आयोजकों से बात की थी. उन्हें पुलिस सुरक्षा का आश्वासन दिया गया था लेकिन आयोजकों ने खुद ही कार्यक्रम रद्द कर दिया.’

बजरंग दल के छत्तरपुर जिला के प्रभारी सुरेंद्र शिवहरे ने कहा कि उन्होंने दो नाटकों का विरोध किया था.

उन्होंने कहा, ‘अगर ये नहीं रुके तो हम भविष्य में भी ऐसे ही कार्यक्रमों का विरोध करना जारी रखेंगे. इन्हें संभालने के लिए हमारा खुद का सिस्टम है.’

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