दुनिया की तीन में से एक महिला ने शारीरिक या यौन हिंसा का किया है सामना: डब्ल्यूएचओ अध्ययन

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.

//
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और उसके साझेदारों ने एक नए अध्ययन में पाया है कि दुनिया भर में तीन में से लगभग एक महिला ने अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट एक अध्ययन पर आधारित है. एजेंसी का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है.

इसमें यह भी पाया गया कि युवतियां, जो किसी रिश्ते में थीं, उनमें से एक चौथाई ने करीब 25 वर्ष की आयु पूरी होने तक अपने साथी द्वारा हिंसा का अनुभव किया.

आंकड़ों में 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई है, क्योंकि कई जगहों पर सरकारों ने लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों का आदेश दिया, जिसके कारण लोग घर में घर के अंदर ही रहे.

रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में पाया गया है कि हिंसा से निम्न और निम्नतर आय वाले देशों में रह रही महिलाएं ज़्यादा प्रभावित हैं.

गरीब देशों में 37 फीसदी महिलाओं ने अपने जीवन में अंतरंग साथी द्वारा शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है. कुछ देशों में तो यह आंकड़ा 50 प्रतिशत तक है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा हर देश और संस्कृति में है, जिससे लाखों महिलाओं और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचा है और कोविड -19 महामारी के चलते यह बढ़ गई है.’

टेड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, ‘कोविड-19 के उलट, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को एक वैक्सीन के जरिये नहीं रोका जा सकता. इसके विरुद्ध लड़ाई में सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों को मजबूत और सतत प्रयासों की मदद से ही सफलता हासिल करनी होगी.’

रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा, महिलाओं के खिलाफ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.

लेकिन दुनिया में छह फीसदी महिलाओं ने बताया कि उनके पति या साथी के बजाय, उन्हें अन्य लोगों से यौन हमले का अनुभव करना पड़ा.

यौन दुर्व्यवहार के सभी मामलों के दर्ज न हो पाने और कथित कलंक की वजह से वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंसा की रोकथाम के लिए प्रणाली में समाई आर्थिक व सामाजिक विषमताओं को दूर करना, शिक्षा व सुरक्षित रोजगार सुलभ बनाना और भेदभावपूर्ण लैंगिक मानकों व संस्थाओं में बदलाव लाना ज़रूरी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq