दक्षिणपंथी समूह ने एआईयूडीएफ प्रमुख द्वारा भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र’ बनाने के दावे की झूठी ख़बर चलाई

भाजपा समर्थक एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा एआईयूडीएफ के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल के पुराने भाषण को प्रसारित करते हुए अजमल के 'इस्लामिक राष्ट्र' बनाने की बात कहने का दावा किया जा रहा है. साल 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किए भाषण के मूल वीडियो में वे इस दावे के बिल्कुल विपरीत बात कह रहे हैं.

/
New Delhi: AIUDF (All India United Democratic Front) leader Badruddin Ajmal at Parliament House during its Monsoon session, in New Delhi on Wednesday, August 1, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI8_1_2018_000150B)
New Delhi: AIUDF (All India United Democratic Front) leader Badruddin Ajmal at Parliament House during its Monsoon session, in New Delhi on Wednesday, August 1, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI8_1_2018_000150B) PTI8_1_2018_000150B

भाजपा समर्थक एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा एआईयूडीएफ के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल के पुराने भाषण को प्रसारित करते हुए अजमल के ‘इस्लामिक राष्ट्र’ बनाने की बात कहने का दावा किया जा रहा है. साल 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किए भाषण के मूल वीडियो में वे इस दावे के बिल्कुल विपरीत बात कह रहे हैं.

New Delhi: AIUDF (All India United Democratic Front) leader Badruddin Ajmal at Parliament House during its Monsoon session, in New Delhi on Wednesday, August 1, 2018. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI8_1_2018_000150B)
एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: असम चुनाव में भाजपा की मदद करने करने के लिए बनाए गए हिंदू दक्षिणपंथी समूह सोशल मीडिया पर एक झूठा वीडियो प्रसारित कर रहे हैं जिसमें ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल द्वारा भारत को ‘इस्लामिक राष्ट्र’ बनाने का दावा किया जा रहा है.

अजमल के इस भाषण का मूल वीडियो साल 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, जिसमें एआईयूडीएफ नेता दक्षिणपंथी समूहों द्वारा किए जा रहे दावे के बिल्कुल विपरीत बोल रहे हैं.

साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए अजमल ने कहा था, ‘मुगलों ने भारत पर 800 सालों तक राज किया था. उन्होंने कभी भी इसे इस्लामिक देश बनाने के बारे में नहीं सोचा था. यदि उनकी यही कोशिश रही होती तो शायद देश में एक भी व्यक्ति हिंदू न रह पाता. सभी लोगों को मुस्लिम बना दिया गया होता. क्या उन्होंने ऐसा किया? नहीं. न तो इसकी कोशिश हुई है और न ही वे ऐसा करने की हिम्मत कर सकते थे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसके बाद ब्रिटिश आए, जिन्होंने 200 सालों तक राज किया. उन्होंने भी भारत को ईसाई देश बनाने के बारे में नहीं सोचना. आजाद भारत के 70 सालों में 55 साल तक कांग्रेस ने इस देश में शासन किया. नेहरू से लेकर शास्त्री तक, राजीव गांधी से लेकर मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव तक, किसी भी कांग्रेस नेता ने भारतवर्ष को हिंदू राष्ट्र बनाने के बारे में नहीं सोचना. मोदी जी, प्लीज ऐसे सपने न देखिए. ये पूरे नहीं हो पाएंगे.’

हालांकि इसी वीडियो में एडिटिंग करके संघ परिवार के एक विंग ‘लीगल राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी’ (एलआरओ) द्वारा बीते नौ मार्च से झूठे वीडियो को फैलाया जा रहा है.

एलआरओ का दावा है कि वो ‘भारतीय हित, सशस्त्र बलों के मानवाधिकार और हिंदू हित’ के लिए काम करता है. इसने ट्वीट कर कहा, ‘बेहद चौंकाने वाली बात, बदरुद्दीन अजमल असम कांग्रेस की मदद से पूरे असम को इस्लाम में परिवर्तित करने की धमकी दे रहे हैं. क्या विभाजन-2 के लिए कांग्रेस का अजमल के साथ कोई सीक्रेट समझौता हुआ है.’

इसने एआईयूडीएफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए भारत के चुनाव आयोग को भी टैग किया था.

इस फेक वीडियो को न सिर्फ दक्षिणपंथी धड़े ने खूब प्रचारित किया बल्कि भाजपा नेता  और असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी के स्वामित्व वाले असमिया न्यूज चैनल ‘न्यूजलाइव’ एवं अन्य द्वारा बिना किसी सत्यापन के प्रसारित किया गया.

असमिया समाचार चैनल Dy365 ने बाद में अपने दर्शकों से माफी के बिना अपनी साइट से इस स्टोरी को हटा लिया.

खास बात ये है कि इस फेक न्यूज को न्यूज नेशन टीवी के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया ने भी अपने ट्विटर पर शेयर किया था. उनके द्वारा इसे डिलीट करने से पहले इस ट्वीट को 3,000 से अधिक बार रिट्वीट किया गया था.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीते 10 मार्च को एआईयूडीएफ एमएलए हाफिज रफीउल इस्लाम ने ओरिजिनल वीडियो को ट्वीट किया और असमिया न्यूज चैनल- न्यूजलाइव और Dy365- तथा ‘दक्षिणपंथी समूहों’ को कड़ी फटकार लगाई.

द वायर  से बात करते हुए एआईयूडीएफ के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘फेक न्यूज प्रसारित करने को लेकर हमने पहले ही चुनाव आयोग को सूचित किया है. हमारी क़ानूनी टीम कार्रवाई के लिए इस पर विचार कर रही है.’

10 मार्च को होजाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजमल ने कहा कि एलआरओ पिछले कई दिनों से उनके खिलाफ झूठी खबरें प्रसारित कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘एक फेक एनजीओ, जिसका कोई पता भी नहीं है और ये भी मालूम नहीं है कि आखिर कौन इसे चला रहा है, वो ये फर्जी वीडियो फैला रहा है ताकि आगामी असम चुनाव को प्रभावित किया जा सके.’

अजमल ने आगे कहा, ‘उन्हें नहीं पता है कि न तो कांग्रेस और न ही एआईयूडीएफ ने कभी कोई सांप्रदायिक बात की है.’

असम पुलिस की शिकायत पर ट्विटर ने ‘लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी’ और ‘वॉइस ऑफ असम’ हैंडल को सस्पेंड कर दिया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq