संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने टीकों की जमाखोरी और टीकों के लिए गुप्त समझौतों की निंदा की

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक टीकाकरण अभियान हमारे समय की सबसे बड़ी नैतिक परीक्षा है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अनेक निम्न आय वाले देशों को अभी एक भी ख़ुराक नहीं मिल पाई है, जबकि अन्य धनी देश अपनी पूर्ण आबादी के टीकाकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक टीकाकरण अभियान हमारे समय की सबसे बड़ी नैतिक परीक्षा है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अनेक निम्न आय वाले देशों को अभी एक भी ख़ुराक नहीं मिल पाई है, जबकि अन्य धनी देश अपनी पूर्ण आबादी के टीकाकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस. (फोटो: रॉयटर्स)
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस. (फोटो: रॉयटर्स)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोविड-19 के टीकों की जमाखोरी के साथ ही टीका निर्माताओं के साथ गुप्त समझौतों की घटनाओं की निंदा की है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित करने के एक साल पूरा होने के मौके पर गुतोरस ने एक बयान में कहा, ‘वैश्विक टीकाकरण अभियान हमारे समय की सबसे बड़ी नैतिक परीक्षा है.’

उन्होंने कहा, ‘सभी लोगों का टीकाकरण हो यह सुनिश्चित करने लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का बहाल करना और समाज को लॉकडाउन करने की बजाए अब वायरस को लॉकडाउन करना जरूरी है.’

उन्होंने कहा कि विश्व में कम आय वाले ऐसे कई देश हैं, जिन्हें टीके की एक भी खुराक नहीं मिल पाई है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, ‘इतनी सारी जिंदगियां खत्म हो गई हैं, अर्थव्यवस्थाएं उलट-पुलट हुई हैं और समाज कराह रहे हैं. सबसे कमजोरों ने सबसे अधिक पीड़ा झेली है.’

उन्होंने कहा, ‘जो पहले से पीछे छूट गए थे, उन्हें और पीछे छोड़ा जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘टीकों के उत्पादन और उसे सभी तक पहुंचाने के लिए देशों को एक साथ आने की जरूरत है, जिसका मतलब है कि विश्व भर में इसका उत्पादन दोगुना करना होगा.’

महासचिव ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मचारियों की सराहना भी की. उन्होंने कहा, ‘आपने लोगों की जिंदगियां बचाने में मदद की है.’

यूएन प्रमुख के अनुसार, विश्व के अनेक देशों में टीका विकसित करने के लिए अभूतपूर्व प्रयास हुए हैं. उन्होंने कोवैक्स पहल के तहत निम्न आय वाले देशों में ऐतिहासिक टीकाकरण की शुरुआत की सराहना की है.

हालांकि उन्होंने वैक्सीन राष्ट्रवाद के उभरने, देशों द्वारा टीकों की होड़ में शामिल होने और वैक्सीन निर्माता कंपनियों के साथ गुपचुप समझौत करने के प्रति भी आगाह किया.

उन्होंने कहा, ‘मुझे गहरी चिंता है कि अनेक निम्न आय वाले देशों को अभी एक भी खुराक नहीं मिल पाई है, जबकि अन्य धनी देश अपनी पूर्ण आबादी के टीकाकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं.’

एंतोनियो गुतारेस ने भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र, न्यायसंगत वैक्सीन वितरण के उद्देश्य से स्थापित ‘कोवैक्स’ पहल के वादे को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संगठित करने के प्रयास जारी रखेगा.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के दुनियाभर में 11.85 करोड़ से ज़्यादा मामले हो चुके हैं और 26.29 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित देश है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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