बंगाल: टिकट नहीं मिलने पर टीएमसी से भाजपा में गए सोवन चट्टोपाध्याय ने छोड़ी पार्टी

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल भाजपा के कई नेताओं ने हाल में पार्टी में शामिल हुए अन्य दलों के नेताओं को पुराने नेताओं से अधिक महत्व दिए जाने पर असंतोष ज़ाहिर किया. वहीं कुछ नए नेताओं ने अपनी सीट को लेकर नाख़ुशी जताई है. शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी का नामांकन पत्र ख़ारिज करने की मांग की. केरल में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने टिकट न मिलने के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया और अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिए.

सोवन चट्टोपाध्याय. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल भाजपा के कई नेताओं ने हाल में पार्टी में शामिल हुए अन्य दलों के नेताओं को पुराने नेताओं से अधिक महत्व दिए जाने पर असंतोष ज़ाहिर किया. वहीं कुछ नए नेताओं ने अपनी सीट को लेकर नाख़ुशी जताई है. शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी का नामांकन पत्र ख़ारिज करने की मांग की. केरल में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने टिकट न मिलने के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया और अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिए.

सोवन चट्टोपाध्याय. (फोटो: पीटीआई)
सोवन चट्टोपाध्याय. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा में पुराने नेताओं और पार्टी का हाल ही में दामन थामने वाले लोगों के बीच तकरार रविवार को खुलकर सामने आ गई. राज्य विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर कई लोगों ने भगवा पार्टी के प्रति नाराजगी जताई और इस्तीफा दे दिया. साथ ही राज्यभर में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी किए गए.

तृणमूल कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सोवन चट्टोपाध्याय और उनके साथ बैसाखी बंदोपाध्याय ने भी टिकट नहीं मिलने पर भगवा पार्टी छोड़ दी. चट्टोपाध्याय कई दशकों से बेहाला पूर्व सीट का प्रतिधित्व करते आ रहे हैं, यहां से पायल सरकार को टिकट दे दिया गया, जो हाल में पार्टी में शामिल हुई हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को भेजे इस्तीफे में चट्टोपाध्याय ने भाजपा पर अपमानित करने का आरोप लगाया.

भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तीसरे और चौथे चरण के तहत 75 सीटों पर होने वाले मतदान के मद्देनजर रविवार को 63 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. राज्य में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं.

उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि बाबुल सुप्रियो टॉलीगंज से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जबकि बंगाली अभिनेत्री व हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी को पार्टी ने उनके ही संसदीय क्षेत्र की चुंचुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.

भाजपा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होते ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध शुरू हो गए तथा कई नेताओं ने हाल में पार्टी में शामिल हुए अन्य दलों के नेताओं को पुराने नेताओं से अधिक महत्व दिए जाने पर असंतोष जाहिर किया. वहीं कुछ मामलों में नए नेताओं ने अपनी सीट को लेकर नाखुशी जाहिर की.

सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार सीट से उम्मीदवार बनाने तथा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में आए बिशाल लामा को कालचिनी से उतारने का उत्तर बंगाल में विरोध शुरू हो गया तथा स्थानीय नेता सड़कों पर उतर आए.

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘अशोक लाहिड़ी कौन हैं और उन्हें उम्मीदवार क्यों बनाया गया, हमें नहीं पता. अलीपुरद्वार से वह लड़ेंगे, तो वे पुराने लोग जिन्होंने पार्टी के लिए बरसों तक लड़ाई लड़ी, वे क्या करेंगे. स्थानीय भाजपा नेता इस अन्याय को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए हुगली जिले के सिंगुर क्षेत्र से वर्तमान विधायक रबींद्रनाथ भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. तृणमूल से टिकट नहीं मिलने पर भट्टाचार्य भाजपा में शामिल हुए हैं.

एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, ‘पार्टी को अपना फैसला बदलना होगा.’ राज्य में कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए.

श्यामपुर से भी तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिया गया है, जो हाल में भाजपा में आई हैं. वहीं, हावड़ा जिले के पंचला सीट से मोहितलाल घाटी को टिकट मिलने पर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की.

कई जिला स्तरीय नेताओं ने भी टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

बंगाल: टिकट नहीं दिए जाने से नाराज विधायक देबाश्री रॉय ने टीएमसी छोड़ी

कोलकाता: जानी मानी अभिनेत्री एवं तृणमूल कांग्रेस से दो बार की विधायक देबाश्री रॉय ने आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बाद सोमवार को पार्टी छोड़ दी.

(फोटो: द वायर)
(फोटो: द वायर)

रायदिघी से विधायक राय ने तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख सुब्रत बक्शी को लिखे पत्र में कहा कि वह अब पार्टी से जुड़ी नहीं रहेंगी.

उन्होंने कहा, ‘पार्टी में मेरे पास कोई पद नहीं है, लेकिन मुझे यह पत्र लिखकर नेतृत्व को यह सूचित करना आवश्यक लगा कि मैं अब तृणमूल से जुड़ी नहीं रहना चाहती.’

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर रॉय ने कहा कि वह अभिनय पर ध्यान केंद्रित करेंगी, लेकिन उन्होंने कोई ‘ठोस प्रस्ताव’ आने पर किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का विकल्प खुला रखा है.

रॉय 2019 में भाजपा में शामिल होने वाली थीं, लेकिन तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए एवं कोलकाता के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी और उनके मित्र बैसाखी बंदोपाध्याय ने भगवा दल में उन्हें शामिल किए जाने का विरोध किया था, जिसके बाद वह पार्टी में शामिल नहीं हो पाईं.

उधर, चटर्जी ने चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर रविवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया था.

बंगाल: शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी का नामांकन पत्र खारिज करने की मांग की

कोलकाता: नंदीग्राम में भाजपा के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने नामांकन पत्र में अपने खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज होने का खुलासा नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नामांकन पत्र खारिज करने की सोमवार को मांग की.

चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में अधिकारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में सूचना छिपाई है.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने अपनी शिकायत में केस नंबर का उल्लेख किया है, लेकिन तृणमूल प्रमुख ने कौन सा अपराध किया है, इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया है.

कभी ममता बनर्जी के विश्वासपात्र रहे अधिकारी ने कहा, ‘नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार माननीय मुख्यमंत्री ने हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज कम से कम छह मामलों का उल्लेख नहीं किया है. इनमें से एक सीबीआई का मामला है और पांच अन्य असम में दर्ज हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने चुनाव आयोग से (उनका नामांकन पत्र खारिज करने) अपील की है. मुझे उम्मीद है कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. मैं इंतजार करूंगा और देखूंगा कि वे क्या कार्रवाई करते हैं. कार्रवाई अवश्य ही कानून के अनुसार होनी चाहिए.’

तृणमूल कांग्रेस ने इसपर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2018 में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि निर्वाचन अधिकारी संपत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि से संबंधित सूचना का खुलासा नहीं करने पर किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कर सकते हैं.

न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अपने उम्मीदवारों के बारे में जानना मतदाताओं का मौलिक अधिकार है और नामांकन पत्र में कॉलम को रिक्त छोड़ना उनके इस अधिकार का हनन है.

असम: भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने ‘आरोप पत्र’ जारी किया

गुवाहाटी: असम की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने रविवार को 12 सूत्री ‘आरोप पत्र’ जारी किया तथा उस पर राज्य के लोगों पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) थोपने और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया रोकने का आरोप लगाया.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जितेंद्र सिंह ने बताया कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने ‘जाति-माटी-भेटी’ की रक्षा का वादा किया था, लेकिन इसकी जगह पार्टी ने सीएए असम के लोगों के पर थोप दिया .

उन्होंने कहा कि सीएए असम के लोगों की भाषा, संस्कृति एवं पहचान के लिए खतरा है, क्योंकि इसके (सीएए) तहत अवैध प्रवासियों को असम में बसने की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार असम समझौते और खंड 6 को इसकी भावना के अनुरूप लागू करने में विफल हुई है, जैसा कि पार्टी ने वादा किया था .

भाजपा ने कांग्रेस द्वारा एनआरसी को अद्यतन करने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया को पूरा करने का वादा किया था, जिससे विदेशी नागरिकों की पहचान में मदद मिलती, लेकिन इस (भाजपा) सरकार ने यह प्रक्रिया ही रोक दी, जिससे उन वास्तविक नागरिकों को परेशानी हुई, जिनका नाम सूची में नहीं है.

असम: योगेंद्र यादव ने अखिल गोगोई से मुलाकात की, कहा- भाजपा को हराना लक्ष्य

गुवाहाटी: कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने जेल में बंद रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई से रविवार को मुलाकात की और लोगों से असम में भाजपा को हराने की अपील की.

किसान नेता अखिल गोगोई. (फोटो: द वायर)
किसान नेता और रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई. (फोटो: द वायर)

यादव ने कहा, ‘प्रदेश में जिन सीटों पर पहले दो चरण में मतदान होना है उनमें से 19 सीटों पर गोगोई ने उम्मीदवार उतारे हैं . उनका लक्ष्य भाजपा की हार सुनिश्चित करना है.’

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता यादव ने कहा, ‘हम एक संदेश लेकर आए हैं कि भाजपा ने किसानों के साथ जैसा बर्ताव किया है उसके कारण उनके हितों और कल्याण के खिलाफ फैसले लेने के तरीके के लिए उसे (सत्ता से) बाहर कर देना चाहिए.

यादव ने कहा कि पिछले साल फरवरी में उन्होंने गोगोई से मुलाकात की थी और तब से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि गोगोई को इसलिए जेल में रखा गया है ताकि वह चुनाव के दौरान किसी के साथ बातचीत नहीं कर सकें .

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदेश में प्रदर्शन के लिए गोगोई को दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था .

केरल: भाजपा ने श्रीधरन को पलक्कड़ से उतारा, दो सांसदों व एक पूर्व राज्यपाल को भी टिकट

नई दिल्ली: भाजपा ने केरल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 112 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पार्टी ने ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन को पलक्कड़ से उम्मीदवार बनाया है, जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को दो सीटों से मैदान में उतारा है.

पार्टी ने एक पूर्व राज्यपाल और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित दो वर्तमान सांसदों पर भी भरोसा जताया है. मेघालय के पूर्व राज्यपाल के राजशेखरन को पार्टी ने तिरुवनंतपुरम की नेमोम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.

पिछले विधानसभा चुनाव में इसी एकमात्र सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ. राजगोपाल ने यहां माकपा के उम्मीदवार को पराजित किया था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अलफोंस को पार्टी ने कांजिरापल्ली से उम्मीदवार बनाया है. वह वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य भी हैं. फिल्म अभिनेता व राज्यसभा सदस्य सुरेश गोपी पर भी भाजपा ने इस चुनाव में दांव आजमाया है. उन्हें त्रिशूर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है.

प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को मंजेश्वर और कोन्नी विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है.

भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में भाजपा 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शेष 25 सीटों पर उसके सहयोगी उम्मीदवार उतारेंगे. दक्षिण के इस राज्य में भाजपा ने भारत धर्म जन सेना (बीजेडीएस) और जनाथीपथ्य राष्ट्रीय सभा (जेआरएस) के साथ गठबंधन किया है.

राज्य में उसका मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से है.

केरल में तमिलनाडु और पुदुचेरी के साथ एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा.

केरल में फिलहाल वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार है. दक्षिण के इस राज्य में भाजपा खुद को स्थापित करने के लिए लंबे समय से जोर आजमाइश कर रही है.

पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा को 58 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी भाकपा को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को 22 सीटें और आईयूएमएल को 18 सीटों पर विजय मिली थी. भाजपा को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था.

केरल: महिला कांग्रेस प्रमुख ने टिकट न मिलने पर पद से इस्तीफा दिया, सिर मुंडाया

तिरुवनंतपुरम: केरल में कांग्रेस को तब अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा, जब महिला कांग्रेस की केरल इकाई की अध्यक्ष लतिका सुभाष ने एत्तूमनूर सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया.

लतिका सुभाष. (फोटो: एएनआई)
लतिका सुभाष. (फोटो: एएनआई)

सुभाष ने राज्य में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची नई दिल्ली में जारी होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

56 वर्षीय वरिष्ठ नेता सुभाष ने टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताने के लिए तिरुवनंतपुरम में पार्टी कार्यालय के सामने बैठकर अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिए.

नई दिल्ली में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन द्वारा उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने के तुरंत बाद सुभाष ने तिरुवनंतपुरम पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची में महिला उम्मीदवार कम हैं.

कांग्रेस द्वारा जारी 86 उम्मीदवारों की सूची में केवल 9 महिलाएं हैं.

कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक जानी-मानी महिला चेहरा लतिका सुभाष ने 2018 में महिला कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था.

सुभाष ने रोते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी में उन सभी महिलाओं की ओर से विरोध के प्रतीक के रूप में अपने सिर के बाल मुंडाये हैं, जो अन्य उम्मीदवारों की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करती रही हैं और उन्हें वर्षों तक नेतृत्व द्वारा दरकिनार और नजरअंदाज किया गया.

सुभाष ने यह भी कहा कि महिला कांग्रेस की राज्य इकाई की पूर्व प्रमुख और वर्तमान डीसीसी अध्यक्ष बिंदू कृष्णा को अपना नाम उम्मीदवारों की सूची में शामिल करने के लिए शनिवार को रोना पड़ा.

उन्होंने यह भी कहा कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी या किसी अन्य के साथ नहीं जुड़ेंगी, लेकिन अब से पार्टी की एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी.

उन्होंने कहा, ‘मैं न तो भाजपा में जाऊंगी, न मैं माकपा में शामिल होऊंगी. इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी मेरी नेता हैं.’

हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया करते हुए मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने उनके इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्हें दरकिनार किया गया है. उन्होंने कहा कि वह हमेशा एक बहुत आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता रही हैं और कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा नहीं की है.

उन्होंने कहा, ‘हम इस बार उन्हें सीट नहीं दे सके, लेकिन यह जानबूझकर नहीं था. वह एत्तूमनूर सीट चाहती थीं जिसे केरल कांग्रेस (एम) जोसेफ गुट को देना पड़ा. हम निश्चित रूप से भविष्य में उन्हें समायोजित करेंगे.’

केरल: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने नामांकन दाखिल किया

कन्नूर: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को कन्नूर जिले के धर्मधाम विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. राज्य में छह अप्रैल को मतदान होगा.

विजयन कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दस्तावेज की दो प्रतियां लेकर दिन में 11 बजे कन्नूर में कलेक्टर के कार्यालय पहुंचे.

76 वर्षीय मार्क्सवादी नेता ने मुंह पर मास्क, हाथ में दस्ताने पहन रखे थे. उनके साथ माकपा के कन्नूर के जिला सचिव एमवी जयरंजन के अलावा पार्टी के कई नेता भी नजर आए.

विजयन ने ट्वीट किया, ‘एलडीएफ के उम्मीदवार के तौर पर धर्मधाम से नामांकन दाखिल किया. पिछले पांच वर्षों में विकास एवं कल्याणकारी परियोजनाओं को क्रियानवित किया. इसे आगे और मजबूत किए जाने की जरूरत है. यकीनन एलडीएफ सत्ता में आएगी और हमें भी विश्वास है.’

सत्तारूढ़ माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) लगातार दूसरी बार सत्ता में आकर विपक्षी दलों के उस अंधविश्वास को तोड़ना चाहती है कि यहां लगातार दूसरी बार सत्ता में आना मुमकिन नहीं है. विजयन दूसरी बार धर्मधाम से चुनाव लड़ रहे हैं.

विजयन माकपा के पोलितब्यूरो के एकलौते सदस्य हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं. विजयन छठी बार विधानसभा चुनव लड़ने जा रह हैं.

विजयन ने इससे पहले कन्नूर के कुथुपरम्बा का तीन बार 1970, 1977 तथा 1991 में और पय्यनूर का 1996 में प्रतिनिधित्व किया था. 2016 में उन्होंने धर्मधाम से ही चुनाव लड़ा था और एक बार फिर इस साल वहीं से किस्मत आजमा रहे हैं.

वर्ष 2016 में 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में एलडीएफ के 91 सीट हासिल करने के बाद विजयन को मुख्यमंत्री बनाया गया था.

केरल: कांग्रेस (एम) के चिह्न विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पीजे जोसफ की याचिका खारिज की

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीजे जोसफ की तरफ से दायर एक याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने जोस के. मणि धड़े को आधिकारिक तौर पर केरल कांग्रेस (एम) का दर्जा दिया और उसे पार्टी का चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया.

कांग्रेस (एम) प्रमुख जोस के. मणि. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस (एम) प्रमुख जोस के. मणि. (फोटो: पीटीआई)

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमणियन की पीठ ने जोसफ की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. केरल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव आयोग के आदेश को बरकरार रखा था, जिसने उसे ‘दो पत्ती’ चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी थी.

जोसफ की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि चुनाव आयोग के पास कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है कि वह मणि धड़े को वास्तविक केरल कांग्रेस (एम) पार्टी माने.

बहरहाल, पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती.

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जोसफ की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आयोग के निष्कर्षों को अतार्किक नहीं कहा जा सकता है और यह नहीं कहा जा सकता है कि कोई विवेकशील व्यक्ति इस तरह के निर्णय पर नहीं पहुंच सकता.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बहुमत से दिए गए फैसले में कहा था कि जोस के. मणि धड़ा ही केरल कांग्रेस (एम) है और इसके नाम का इस्तेमाल करने का हकदार है और इसने चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के तहत दो पत्ती चुनाव चिह्न उसे आवंटित किया था.

चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए जोसफ ने कहा था कि जोस के. मणि ने दावा किया कि वह पार्टी की राज्य समिति की पिछले वर्ष 16 जून को हुई बैठक में इसके निर्वाचित अध्यक्ष बने, लेकिन एक सिविल अदालत ने इसे प्रथम दृष्ट्या वैध नहीं माना.

केरल: कांग्रेस (एम) ने कुट्टियादी सीट माकपा को लौटाने का फैसला किया

कोट्टायम: केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ की सहयोगी पार्टी केरल कांग्रेस (एम) ने कोझीकोड जिले में कुट्टियादी विधानसभा सीट माकपा को लौटाने का फैसला किया है.

पार्टी ने कोट्टायम में मौजूद राजनीतिक स्थिति पर विचार करते हुए फैसला किया.

दरअसल इस सीट की कुछ महीने पहले एलडीएफ में शामिल हुई कांग्रेस (एम) को पेशकश करने के माकपा नेतृत्व के फैसले के खिलाफ वामदल के सैकड़ों कार्यकर्ता कुट्टियादी में सड़कों पर उतर आए थे.

कांग्रेस (एम) प्रमुख जोस के मणि ने पार्टी के एक बयान में कहा कि एलडीएफ की एकजुटता को बचाने के लिए यह सीट माकपा को लौटाने का फैसला किया गया है.

उन्होंने कहा कि छह अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में एलडीएफ उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने पर उसका मुख्य जोर है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस नीत यूडीएफ का कब्जा है.

तमिलनाडु: दिनाकरन की पार्टी और डीएमडीके मिलकर लड़ेगी

चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके की प्रतिद्वंद्वी अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम ने छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभिनेता से नेता बने विजयकांत नीत डीएमडीके के साथ सीट बंटवारे को रविवार को अंतिम रूप दे दिया और उसे 60 सीटें आवंटित की.

समझौते के तहत, डीएमडीके विल्लीवक्कम, एगमोर (आरक्षित) और सोझिंगनल्लूर जैसे शहरी क्षेत्रों के अलावा तमिलनाडु के कई हिस्सों में चुनाव लड़ेगी.

डीएमडीके ने एआईएडीएमके से कम से कम 23 सीटों की मांग की थी, लेकिन उसके मना करने के बाद पार्टी ने उससे संबंध तोड़ लिया.

अम्मा मक्कल मुनेत्र कझगम के शीर्ष नेता टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि एएमएमके द्वारा पूर्व घोषित सीटों को अब डीएमडीके को सौंप दिया जाएगा.

तमिलनाडु: भाजपा ने जारी की 17 उम्मीदवारों की सूची

नई दिल्ली: आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 17 उम्मीदवारों की अपनी सूची रविवार को जारी कर दी. जानी मानी अभिनेत्री खुशबू सुंदर को थाउजेंड्स लाइट्स विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है. पार्टी राज्य में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

खुशबू सुंदर (फोटो साभार: फेसबुक)
खुशबू सुंदर (फोटो साभार: फेसबुक)

भाजपा महासचिव अरुण सिंह और केंद्रीय मंत्री व तमिलनाडु के प्रभारी जी. किशन रेड्डी ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की. इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर मुहर लगाई गई थी.

पार्टी ने तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एल. मुरुगन को धारापुरम से उम्मीदवार बनाया है.  भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन को कोयंबटूर (दक्षिण) सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है. वहां उनका मुकाबला अभिनेता से नेता बने कमल हासन से होगा.

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक हसन राजा को कराईकुड़ी से टिकट दिया गया है.

तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं. दक्षिण के इस प्रमुख राज्य में भाजपा का एआईएडीएमके और अन्य दलों के साथ गठबंधन है. सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने विधानसभा की 20 सीटें भाजपा को दी है. इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी भगवा पार्टी को दी है.

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) 178 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि इस गठबंधन के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास के नेतृत्व वाली पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) को 23 सीटें और पूर्व केंद्रीय मंत्री जीके वासन के नेतृत्व वाली तमिल मनीला कांग्रेस को छह सीटें दी गई हैं. गठबंधन के अन्य छोटे सहयोगियों के लिए सात सीटें छोड़े गई हैं.

तमिलनाडु में एकमात्र चरण के तहत छह अप्रैल को मतदान होगा.

राज्य में पिछले 10 वर्षों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) का शासन है. राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी.

उस चुनाव में एआईएडीएमके को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था.

इस बार के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन का मुकाबला डीएमके और कांग्रेस के गठबंधन से है.

तमिलनाडु: डीएमके विधायक श्रवणन भाजपा में शामिल

चेन्नई: तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले डीएमके विधायक पी. श्रवणन रविवार को भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने तुरंत ही श्रवणन को मदुरै उत्तर विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाने की भी घोषणा कर दी.

विधायक ने डीएमके के जिला स्तरीय पदाधिकारियों पर ‘मूक यातना’ का आरोप लगाते हुए भगवा पार्टी का दामन थामा है. दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा जारी 17 उम्मीदवारों की सूची में श्रवणन का भी नाम शामिल है.

विधानसभा चुनाव और लोकसभा सीट पर उपचुनाव छह अप्रैल को होंगे. विधानसभा चुनाव से पहले कू का सेलवम के बाद भाजपा में शामिल होने वाले श्रवणन डीएमके के दूसरे विधायक हैं.

तमिलनाडु: कमल हासन ने कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र भरा

कोयंबटूर: पहली बार चुनाव मैदान में उतरने जा रहे मक्कन निधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने सोमवार को कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र भरा.

हासन ने फरवरी, 2018 में एमएनएम की स्थापना की थी, लेकिन उन्होंने कोई चुनाव लड़ा नहीं था. हालांकि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उनकी पार्टी को 3.75 फीसदी से अधिक वोट मिले थे.

कमल हासन. (फोटो: ट्विटर/@ikamalhaasan)
कमल हासन. (फोटो: ट्विटर/@ikamalhaasan)

हासन ने सोमवार दोपहर मध्य क्षेत्रीय कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी के सामने अपना नामांकन पत्र भरा. वह एमएनएम की अगुवाई वाले तीन दलों के गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.

फिलहाल कोयंबटूर दक्षिण के निवर्तमान विधायक अन्नाद्रमुक के अम्मन के. अर्जुनानन हैं और उन्हें उनकी पार्टी ने इस बार कोयंबटूर उत्तरी से चुनाव मैदान में खड़ा किया है. अन्नाद्रमुक ने कोयंबटूर दक्षिण अपने सहयोगी दल भाजपा के लिए छोड़ी है.

हासन का मुकाबला भाजपा के महिला मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवासन एवं कांग्रेस के मौर्य एस. जयकुमार से होगा.

तमिलनाडु: मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने इडाप्पड़ी से नामांकन दाखिल किया

सेलम: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के संयुक्त समन्वयक के पलानीस्वामी ने सोमवार को सेलम जिले के अपने पैतृक निवास क्षेत्र इडाप्पड़ी से नामांकन दाखिल किया. यहां छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव होंगे.

पलानीस्वामी इडाप्पड़ी से चार बार (वर्ष 1989, 1991, 2011, 2016) में चुनाव जीत चुके हैं और इस इलाके को सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के गढ़ के रूप में जाना जाता है.

मुख्यमंत्री कुछ दूर पैदल चलकर स्थानीय तालुका कार्यालय पहुंचे और जरूरी दस्तावेजों को दाखिल किया.

तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में अकेले लड़ेगी बसपा: मायावती

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी चार प्रदेशों- तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी- में बिना किसी गठबंधन के अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

मायावती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी अकेले लड़ेगी .

उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव को लेकर काम कर रहे हैं. हम किसी से ज्यादा रणनीति का खुलासा नहीं करते, बसपा प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर पूरे दम के साथ चुनाव लड़ेगी और अच्छे परिणाम देगी.’

बसपा प्रमुख ने दावा किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी.

पुदुचेरी: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘प्रमुख’ सीटें डीएमके का देने का किया विरोध

पुदुचेरी: केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में छह अप्रैल के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम तय करने के वास्ते प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुदुचेरी स्थित कार्यालय में रविवार को आयोजित बैठक के दौरान तब हंगामा हुआ जब पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने ‘प्रमुख’ सीटें डीएमके को आवंटित किए जाने का विरोध किया.

चयन समिति की बैठक में कुछ देर के लिए शोर-शराबा देखा गया और पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए हस्तक्षेप किया.

दिग्विजय सिंह, पल्लम राजू, संजय दत्त और दिनेश गुंडू राव सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा करने और पार्टी के उम्मीदवारों की सूची तैयार करने के लिए आलाकमान द्वारा प्रतिनियुक्त किया गया था.

कांग्रेस को 15 सीटें, जबकि उसके सहयोगी दल डीएमके को 13 सीटें आवंटित की गई हैं.

मंगलम, तिरुभूवनई और मन्नादीपेट निर्वाचन क्षेत्रों से पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन सीटों को डीएमके को दिए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया, जो सेक्युलर डेमोक्रेटिक अलायंस का घटक है.

ये कार्यकर्ता 2016 में हुए पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को छह सीटें कम दिए जाने का भी विरोध कर रहे थे.

एआईसीसी प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित वार्ता में तब रुकावट आई जब मन्नादीपेट, मंगलम और तिरुभूवनई (आरक्षित) सीटें डीएमके को आवंटित किए जाने से निराश लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

बाद में विचार-विमर्श के स्थल को भूतल से पहली मंजिल पर स्थानांतरित कर दिया गया.

डीएमके को जो 13 निर्वाचन क्षेत्र आवंटित किए गए हैं, उनमें से डीएमके ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे दिया है और वह जल्द ही बहूर के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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