तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग से असहमत है कि ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ है: सौगत रॉय

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीते 10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं, जिससे उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं. आरोप है कि यह पूर्व नियोजित हमला था. हालांकि चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि घटना पूर्व नियोजित तरीके से किया गया हमला नहीं, बल्कि एक हादसा है, जो अचानक घटित हुआ.

(फोटो साभार: ट्विटर)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीते 10 मार्च को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं, जिससे उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं. आरोप है कि यह पूर्व नियोजित हमला था. हालांकि चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि घटना पूर्व नियोजित तरीके से किया गया हमला नहीं, बल्कि एक हादसा है, जो अचानक घटित हुआ.

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कोलकाता/नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को कहा कि वह चुनाव आयोग के उस अवलोकन से असहमत है कि नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई पूर्व-नियोजित हमला नहीं किया गया था और पार्टी ने चुनाव पर्यवेक्षकों की जांच में विश्वसनीयता की कमी बताते हुए इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की.

हालांकि, पार्टी के प्रवक्ता सौगत रॉय ने सुरक्षा में चूक होने वाली चुनाव आयोग की बात और उनके द्वारा कुछ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया.

रविवार को इससे पहले चुनाव आयोग ने अपने दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि नंदीग्राम में बीते 10 मार्च को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई पूर्व-नियोजित हमला नहीं हुआ था और उनको जो चोटें आई हैं, वे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारियों की चूक का परिणाम हैं.

चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय को उनके पद से हटाया जाए और उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश को भी निलंबित कर दिया गया, जबकि जिला मजिस्ट्रेट विभु गोयल का तबादला कर दिया गया.

रॉय ने कहा, ‘हम चुनाव आयोग के विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर निकाले गए निष्कर्ष से असहमत हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ था. चुनाव पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में विश्वसनीयता की कमी है. हम घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए अपनी मांग को दोहराते हैं.’

चुनाव आयोग द्वारा सुरक्षा चूक को लेकर अधिकारियों को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रॉय ने कहा, ‘यह अच्छा है कि कम से कम उन्होंने स्वीकार किया है कि सुरक्षा चूक हुई थी.’

उन्होंने कहा, ‘यह एक स्वागत योग्य कदम है कि चुनाव आयोग ने सुरक्षा चूक को लेकर अधिकारियों को हटा दिया है. कम से कम उन्होंने कुछ कार्रवाई तो की. हमने यह सवाल उठाया था कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक कैसे हुई.’

ममता बनर्जी नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं और उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं. आरोप है कि अज्ञात लोगों ने उन्हें धक्का दिया था. घटना पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम के बिरुलिया बाजार में हुई थी.

कई अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘एक सुरक्षा निदेशक के तौर पर जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की सुरक्षा के प्राथमिक दायित्व पालन करने में बुरी तरह नाकाम रहने के लिए उनके खिलाफ एक सप्ताह के अंदर आरोप तय किये जाएं.’

चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ममता बनर्जी स्टार प्रचारक होने के बावजूद बुलेट प्रूफ या बख्तरबंद कार का इस्तेमाल नहीं कर रही थीं. चुनाव आयोग का मानना है कि यह उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों की ओर से एक चूक थी.

चुनाव आयोग के सूत्रों ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ममता जहां साधारण कार इस्तेमाल कर रही थीं, वहीं उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय घटना के समय बुलेट प्रूफ कार में थे.

सूत्रों ने कहा कि जहां घटना हुई वहां के रिटर्निंग ऑफिसर से अनुमति नहीं ली गई थी. इस वजह से चुनाव अधिकारी वीडियोग्राफर या फ्लाइंग स्क्वाड तैनात नहीं कर सके थे.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अचानक घटी घटना की वजह से बनर्जी घायल हुई. रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा, ‘घटना पूर्व नियोजित तरीके से किया गया हमला नहीं बल्कि एक हादसा है, जो अचानक घटित हुआ.’

आयोग ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के साथ विचार-विमर्श कर राज्य के मुख्य सचिव तत्काल एक योग्य सुरक्षा महानिदेशक को तैनात करें.

आयोग ने फैसला किया कि मुख्य सचिव और डीजीपी की एक समिति ‘घटनाओं को रोकने और जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की हिफाजत में नाकाम रहे सुरक्षा महानिदेशक से नीचे के पद के अन्य सुरक्षाकर्मियों की तीन दिन के अंदर पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे.’

बयान में कहा गया है कि आईएएस अधिकारी स्मिता पांडे को तत्काल विभू गोयल की जगह पूर्वी मेदिनीपुर में जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर तैनात किया जाए तथा गोयल को ‘किसी गैर-चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए.’

आयोग ने पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रवीण प्रकाश को भी निलंबित रखने और ‘बंदोबस्त’ करने में भारी नाकामी के लिए उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया.

बयान में कहा गया है कि सुनील कुमार यादव को प्रकाश के स्थान पर पूर्वी मेदिनीपुर के एसपी के तौर पर तैनात किया जाएगा.

चुनाव आयोग ने अपने विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दूबे तथा राज्य सरकार की रिपोर्टों की समीक्षा के बाद ये फैसले लिए है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)