उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बोले- फटी जींस पहनने वाली महिला क्या संस्कार देगी

बाल अधिकारों पर हो रही एक वर्कशॉप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं, घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना... घुटनों पर फटी जींस पहनकर ख़ुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.

/
तीरथ सिंह रावत. (फोटो साभार: ट्विटर//@TRIATHSRAWAT)

बाल अधिकारों पर हो रही एक वर्कशॉप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं, घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना… घुटनों पर फटी जींस पहनकर ख़ुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.

तीरथ सिंह रावत. (फोटो साभार: ट्विटर//@TRIATHSRAWAT)
तीरथ सिंह रावत. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत कार्यभार संभालने के महज़ हफ्ते भर में विवादों में आ गए हैं. बुधवार को बाल अधिकारों पर हो रही एक वर्कशॉप में मुख्यमंत्री ने अजीबोगरीब टिप्पणी की.

उन्होंने ‘रिप्ड जींस’ (कुछ जगहों से फटी हुई जींस) के फैशन को लेकर नापसंदगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी जींस पहनने वाली महिलाएं कैसे संस्कार देंगी. इस टिप्पणी पर विपक्ष और महिला कार्यकर्ताओं ने उनकी आलोचना की है.

मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं और अगर फटी न मिले तो उसे कैंची से काट लेते हैं.

उन्होंने कहा, ‘अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं, घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना अमीर बच्चों की तरह दिखना है. ये सब कहां से आ रहा है, ये घर से नहीं आ रहा? इसमें शिक्षकों या स्कूलों की क्या गलती है? मैं अपने बेटे को घुटनों से फटी जींस में कहा ले जा रहा हूं? अपने घुटने दिखाने में लड़कियां भी कम नहीं है, क्या ये सही है? हम ये सब पश्चिमीकरण की पागल दौड़ में कर रहै हैं. जबकि पश्चिमी दुनिया हमारा अनुसरण कर रही है, अपना शरीर ढककर… योग कर रही है.

रावत ने आगे कहा, ‘मैं एक दिन हवाई जहाज से जयपुर से आ रहा था. मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थी. मैंने उनकी तरफ देखा नीचे गम बूट थे. जब और ऊपर देखा तो जींस घुटने से फटी हुई थी. दो बच्चे उनके साथ में थे. महिला एनजीओ चलाती है. समाज के बीच में जाती हो. क्या संस्कार दोगे?’

एनडीटीवी के अनुसार इस कार्यक्रम में अजीबोगरीब टिप्पणी करने वाले केवल मुख्यमंत्री रावत नहीं थे. यहां मौजूद मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महिलाओं को अपने बच्चों की परवरिश को प्राथमिकता देनी चाहिए. महिलाएं उन सभी चीजों पर बात करती हैं, जो वो जीवन में करना चाहती हैं, लेकिन उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि वो अपने परिवार और बच्चों की देखरेख करें.

मुख्यमंत्री के बयान पर विपक्षी कांग्रेस तथा आप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे कद के व्यक्ति को किसी के पहनावे पर अशिष्ट टिप्पणी बिल्कुल शोभा नहीं देती.

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक अमर्यादित और ओछी टिप्पणी की है कि आजकल के बच्चे फटी जींस पहनकर अपने आप को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. मुख्यमंत्री होने से आपको यह प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता कि आप किसी के व्यक्तिगत पहनावे पर टिप्पणी करें.’

उन्होंने मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों से बचने की भी सलाह दी और कहा कि ऐसे बयानों से जन भावनाएं आहत होती हैं.

वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी रावत की टिप्पणी पर तंज करते हुए कहा कि शायद उनका चयन ऐसी सोच देखकर ही किया गया है.

स्वाति ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उत्तराखंड के सीएम को लड़कियों के जींस पहनने से दिक्कत है. मुख्यमंत्री तो बन गए पर दिमाग अभी भी सड़कछाप है. वो दिन दूर नही जब जींस पहनने पर ये यूएपीए लगा देंगे!

वहीं आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री के इस बयान को ‘भद्दा’ बताते हुए कहा कि लड़कियों के जींस पहनने से मुख्यमंत्री को आपत्ति है.

उत्तराखंड आप ने सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक पेज पर लिखा है, ‘ये देखो बेटियों, यह हैं आपके मुख्यमंत्री जिन्हें आपके कपड़ों पर तंज कसना है, लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर.’

देहरादून के एक प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षिका मंजु रौतेला ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत की पहनावे पर यह टिप्पणी अनावश्यक है और इसकी बजाय उन्हें अन्य अधिक महत्वपूर्ण बातों पर फोकस करना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)