ज़्यादा राशन चाहिए था, तो बीस बच्चे पैदा क्यों नहीं किए: तीरथ सिंह रावत

रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अगर लोगों को कोविड-19 के दौरान अधिक राशन पाना था तो दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करते. इसी कार्यक्रम में रावत ने कहा कि भारत 200 साल अमेरिका का ग़ुलाम था और अब कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दिया.

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तीरथ सिंह रावत. (फोटो: पीटीआई)

रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अगर लोगों को कोविड-19 के दौरान अधिक राशन पाना था तो दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करते. इसी कार्यक्रम में रावत ने कहा कि भारत 200 साल अमेरिका का ग़ुलाम था और अब कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दिया.

तीरथ सिंह रावत. (फोटो: पीटीआई)
तीरथ सिंह रावत. (फोटो: पीटीआई)

देहरादून: बीते हफ्ते के ‘रिप्ड जींस’ बयान को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को एक और विवादित बयान देते हुए कहा कि लोगों को कोविड-19 के दौरान अगर ज्यादा राशन पाना था तो उन्हें दो की जगह ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए थे.

नैनीताल जिले के रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कोविड-19 प्रभावितों को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम राशन दिया गया और जिसके 20 बच्चे थे, उसके पास एक क्विंटल राशन आया, जबकि जिसके दो बच्चे थे, उसके पास 10 किलोग्राम आया.

उन्होंने कहा, ‘भैया इसमें दोष किसका है? उसने 20 पैदा किए तो उसे एक क्विंटल मिला, अब इसमें जलन काहे का. जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नही किए?’

ऐसा पहली बार नहीं है कि रावत ने इस प्रकार का विवादास्पद बयान दिया हो. पिछले ही मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बडे़ बाप का बेटा समझते हैं.

उन्होंने कहा था कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं. इस संबंध में उन्होंने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा था कि एक बार जब वह हवाई जहाज में बैठे तो उनके साथ एक महिला बैठी थीं जो गम बूट पहने हुई थीं, ऐसे में वह बच्चों को क्या संस्कार देगी.

उनके इस बयान को लेकर भी काफी विवाद पैदा हुआ था और सोशल मीडिया पर जमकर उनकी आलोचना की गई थी.

रामनगर के कार्यक्रम में रविवार को उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों के 10 बच्चे थे तो 50 किलोग्राम राशन आ गया, जिसके 20 थे तो एक क्विंटल आ गया. दो थे तो 10 किलोग्राम आ गया. लोगों ने स्टोर बना लिए और खरीददार सामने ढूंढ लिए.’

उन्होंने कहा कि इतना बढ़िया चावल पहले कभी नहीं खाया था और लोगों को जलन होने लगी कि दो हैं तो 10 किलोग्राम मिला और 20 वाले को एक क्विंटल मिला.

उन्होंने कहा, ‘भैया इसमें दोष किसका है? उसने 20 पैदा किए तो उसे एक क्विंटल मिला, अब इसमें जलन काहे का. जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नही किए?’

इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत ने भारत को ब्रिटेन की जगह अमेरिका का गुलाम बता दिया और कहा कि कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘जहां हम 200 वर्ष तक अमेरिका के गुलाम थे, पूरे विश्व के अंदर उसका राज था. यह कहते थे कि उसके राज में कभी सूरज छिपता नहीं था, लेकिन आज के समय में वह भी डोल गया, बोल गया.’

वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता के कारण 130- 135 करोड़ की आबादी वाला देश भारत आज भी अन्य देशों की अपेक्षा राहत महसूस कर रहा है.

इसी बीच, कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने रावत के अमेरिका संबंधी बयान को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कि अभूतपूर्व महामारी के बीच लोगों को हंसाने की आपकी क्षमता का कायल हूं, भले ही ये आपकी स्वयं की कीमत पर क्यों न हो.