दिल्ली: उपराज्यपाल, केंद्र को सरकार से अधिक शक्तियां देने वाला विधेयक लोकसभा में पारित

दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को लोकसभा में मिली मंज़ूरी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'जनता का अपमान' कहा, वहीं विपक्ष ने केंद्र पर दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन चलाने का आरोप लगाया है.

/
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को लोकसभा में मिली मंज़ूरी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘जनता का अपमान’ कहा, वहीं विपक्ष ने केंद्र पर दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन चलाने का आरोप लगाया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया. (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: लोकसभा ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) की कुछ भूमिकाओं और अधिकारों को परिभाषित किया गया है .

निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, ‘संविधान के अनुसार दिल्ली विधानसभा से युक्त सीमित अधिकारों वाला एक केंद्रशासित राज्य है. उच्चतम न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा है कि यह केंद्रशासित राज्य है. सभी संशोधन न्यायालय के निर्णय के अनुरूप हैं.’

उन्होंने कहा कि कुछ स्पष्टताओं के लिए यह विधेयक लाया गया है जिससे दिल्ली के लोगों को फायदा होगा और पारदर्शिता आएगी.

उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लाया गया और तकनीकी कारणों से लाया गया है ताकि भ्रम की स्थिति नहीं रहे.

मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी.

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2013 तक दिल्ली का शासन सुचारू रूप से चलता था और सभी मामलों का हल बातचीत से हो जाता था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विषयों को लेकर उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय में जाना पड़ा क्योंकि कुछ अधिकारों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी .

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि मंत्रिपरिषद के फैसले, एजेंडा के बारे में उप राज्यपाल को सूचित करना अनिवार्य है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ विषयों पर कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. इनके अभाव में दिल्ली के लोगों पर असर हो रहा है. दिल्ली का विकास भी प्रभावित होता है. यह जरूरी है कि प्रशासनिक अस्पष्टताओं को समाप्त किया जाए ताकि दिल्ली के लोगों को बेहतर प्रशासन मिल सके.’

रेड्डी ने कहा, ‘दिल्ली विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश है. यह सभी लोगों को समझना चाहिए कि इसकी सीमित शक्तियां हैं. इसकी तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं की जा सकती है.’

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये किसी से कोई अधिकार नहीं छीना जा रहा है. पहले से ही स्पष्ट है कि राष्ट्रपति केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक के रूप में दिल्ली के उपराज्यपाल को नियुक्त करते हैं. अगर कोई मतभेद की स्थित हो तब विषय को राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा.

इसमें दिल्ली की स्थिति संघ राज्य क्षेत्र की होगी जिससे विधायी उपबंधों के निर्वाचन में अस्पष्टताओं पर ध्यान दिया जा सके. इस संबंध में धारा 21 में एक उपधारा जोड़ी जाएगी.

इसमें कहा गया है कि विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके.

विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उक्त विधेयक विधान मंडल और कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संवर्द्धन करेगा तथा निर्वाचित सरकार एवं राज्यपालों के उत्तरदायित्वों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुरूप परिभाषित करेगा.

केजरीवाल बोले- दिल्ली की जनता का ‘अपमान’, विपक्ष का केंद्र पर पिछले दरवाजे से शासन चलाने का आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को लोकसभा में पारित ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021’ को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ‘अपमान’ करार दिया.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कड़े विरोध के बीच लोकसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक आज 2021’ पारित हो गया. इन पार्टियों का कहना है कि यह विधेयक ‘ असंवैधानिक’ है.

यह विधेयक किसी भी कार्यकारी कदम पर दिल्ली सरकार द्वारा उप राज्यपाल का विचार लेना अनिवार्य बनाता है.

केजरीवाल ने कहा कि विधेयक प्रभावी रूप से उन लोग से शक्तियां ले लेता है,जिन्हें जनता ने वोट देकर चुना है और उन लोगों को शक्ति प्रदान करता है, जिन्हें जनता ने हराया है.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘लोकसभा में जीएनसीटीडी (संशोधन) विधेयक का आज पारित होना दिल्ली के लोगों का अपमान है. यह विधेयक प्रभावी रूप से उनसे शक्तियां छीन लेता है जिन्हें दिल्ली के लोगों ने सत्ता सौंपी और उन लोगों को शक्ति प्रदान करता है, जिन्हें जनता ने हराने का काम किया. भाजपा ने लोगों के साथ धोखा किया.’

इससे पहले केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि इस विधेयक को वापस ले लिया जाए और आप सरकार इसकी वापसी के लिए ‘नरेंद्र मोदी सरकार के चरणों में गिरने को भी तैयार’ है.

इस बीच आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने नए विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में आरोप लगाया कि इस विधेयक के माध्यम से केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार को शक्तिहीन बनाकर पिछले दरवाजे से शासन चलाने का प्रयास कर रही है.

लोकसभा में विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने यह आरोप भी लगाया कि कभी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की वकालत करने वाली भाजपा और केंद्र की उसकी मौजूदा सरकार अब दिल्ली में लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म करना चाहती हैं.

उन्होंने कहा, ‘2003 में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने संविधान में 102वां संशोधन संबंधी विधेयक पेश किया था. इस संशोधन का उद्देश्य था कि नई दिल्ली इलाके को छोड़कर शेष दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाए.’

तिवारी ने कहा कि अब भाजपा की सरकार 18 साल बाद यह विधेयक लेकर आई है जो दिल्ली की चुनी हुई सरकार का अधिकार छीनने वाला है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह विधेयक पूरी असंवैधानिक है. यह गलत नीयत से उठाया जा रहा कदम है… यह विधेयक दिल्ली विधानसभा के अधिकार को छीनने वाला है.’

आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने भी केंद्र पर राज्यों के अधिकारों का हनन करने और दिल्ली की सरकार को शक्तिहीन करने का आरोप लगाया.

मान ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्यों के अधिकारों का हनन करने में विशेषज्ञता रखती है और कृषि कानूनों को लाने में भी ऐसा ही किया गया.

उन्होंने इस विधेयक को दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को शक्तिहीन करने वाला बताते हुए कहा कि भाजपा दिल्ली में पिछले कई वर्ष से सत्ता से बाहर है और उसे हार हजम नहीं हो रही.

मान ने कहा कि यह विधेयक ‘गैर-संवैधानिक’ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

मान ने कहा कि अगर दिल्ली में उप राज्यपाल सरकार चलाएंगे और मुख्यमंत्री कोई फैसला नहीं कर सकता तो दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने का क्या फायदा.

वहीं, भाजपा ने दिल्ली की वर्तमान सरकार पर ‘अराजकतावादी’ होने का आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार संविधान के तहत कदम उठा रही है जिससे कामकाज में स्पष्टता और पारदर्शिता आएगी.

चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली की वर्तमान सरकार पर ‘अराजकतावादी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार संविधान के तहत कदम उठा रही है.

लेखी ने कहा दिल्ली में प्रशासक के रूप में उपराज्यपाल ही सरकार चलाने का अधिकार रखते हैं और यह बात पहले से संविधान के तहत निर्धारित है. केंद्र सरकार इस बात को संशोधन के माध्यम से सही से स्पष्ट कर रही है और लागू कर रही है.

उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल की शक्तियां संविधान के तहत प्रदत्त हैं. राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सलाह से काम करना होता है लेकिन उप राज्यपाल को मंत्रिपरिषद की सहायता से शासन चलाना है.

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘अराजकतावादियों’ की सरकार है जो खुद को ‘दिल्ली का मालिक’ समझते हैं.

लेखी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में विपक्षी पार्टी की सरकार के समय दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया.

भाजपा सांसद ने दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनों में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की संलिप्तता का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में ऐसी अव्यवस्थाओं को सही करने के लिए संविधान के माध्यम से केंद्र सरकार काम कर रही है तो इस पर आपत्ति क्यों है.’

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq