‘ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष पद से सामंत का इस्तीफ़ा उनके धर्म के चलते नहीं हुआ’

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र संघ की अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुईं पहली भारतीय महिला रश्मि सामंत ने बीते दिनों इस्तीफ़ा दे दिया था. विश्वविद्यालय से जुड़े तीन सोसाइटियों का कहना है कि धर्म या राष्ट्रीयता के चलते नहीं, बल्कि निर्वाचन के बाद उनके कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए, जिसमें नस्लवादी और होमोफोबिक टिप्पणियां की गई थीं. इसके चलते उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा.

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रश्मि सामंत. (फोटो साभार: ट्विटर/@digvijaysinghd9)

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र संघ की अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुईं पहली भारतीय महिला रश्मि सामंत ने बीते दिनों इस्तीफ़ा दे दिया था. विश्वविद्यालय से जुड़े तीन सोसाइटियों का कहना है कि धर्म या राष्ट्रीयता के चलते नहीं, बल्कि निर्वाचन के बाद उनके कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए, जिसमें नस्लवादी और होमोफोबिक टिप्पणियां की गई थीं. इसके चलते उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा.

रश्मि सामंत. (फोटो साभार: ट्विटर/@digvijaysinghd9)
रश्मि सामंत. (फोटो साभार: ट्विटर/@digvijaysinghd9)

नई दिल्ली: ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से संबंधित तीन सोसायटीज ने बयान जारी करते हुए कहा है कि रश्मि सामंत, जो विश्वविद्यालय के छात्र संघ की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं, को उनकी राष्ट्रीयता या धर्म के कारण इस्तीफा नहीं देना पड़ा है और ऐसे आरोप भ्रामक हैं.

सामंत के विचारों पर उस समय विवाद शुरू हुआ, जब उनके द्वारा किए गए पुराने सोशल मीडिया पोस्ट में नस्लवादी, होमोफोबिक और असंवेदनशील टिप्पणियां पाई गई थीं. सामंत ने खुद भी ये स्वीकार किया था कि इन सबके चलते उन्होंने छात्र समुदाय का भरोसा खो दिया है. हालांकि बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि नस्लवाद और ‘साइबर-बुलिंग’ के चलते उन्हें हटना पड़ा है.

ऑक्सफोर्ड इंडिया सोसायटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हिंदू सोसायटी और ऑक्सफोर्ड साउथ एशियन सोसायटी ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि रश्मि सामंत को कथित नस्लवाद के चलते इस्तीफा नहीं देना पड़ा है.

ऑक्सफोर्ड हिंदू सोसायटी ने पहले ही सामंत के इस्तीफे को लेकर भारतीय मीडिया द्वारा चलाई जा रहीं उन खबरों को खारिज किया है कि हिंदू धर्म का होने के चलते रश्मि सामंत को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.

तीनों सोसायटी ने संयुक्त रूप से कहा कि सामंत को न तो राष्ट्रीयता और न ही अपने धर्म के चलते इस्तीफा देने को मजबूर किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘उनके द्वारा नस्लवादी हमला होने का आरोप लगाना विश्वविद्यालयों में छात्रों के नस्लवाद के असली अनुभवों को कमतर करता है.’

सोसायटी ने कहा कि सामंत द्वारा डिलीट किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पूर्वी-एशियाई और यहूदी समुदाय के लिए नस्लीय रूप से संवेदनहीन हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति उनका संवेदनहीन रवैया और जिम्मेदारियों से पीछे हटने के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘हम एक बार फिर से दोहराते हैं कि ऐसा करने के पीछे उनका भारतीय या हिंदू या महिला होना कोई वजह नहीं है.’

सोसायटी ने कहा कि सामंत द्वारा अपने विवादित पोस्ट की तरफदारी करना और जिम्मेदारी न संभालना काफी निंदनीय है.

ऑक्सफोर्ड की सोसायटीज ने कहा कि भारतीय मीडिया बिल्कुल गलत नरेटिव चला रहा है कि रश्मि सामंत को कथित नस्लवाद और ‘साइबर-बुलिंग’ की वजह से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संघ की अध्यक्ष पद से अपने निर्वाचन के पांच दिन के भीतर ही इस्तीफा देना पड़ा था.

उन्होंने कहा कि इसके चलते सामंत की जवाबदेही और उनके कदमों के चलते हुए नुकसान पर पर्दा डाला जा रहा है. सामंत के इस्तीफे के बाद की जा रहीं टिप्पणियां और इंटरव्यू भारत में खतरनाक हिंदुत्ववादी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं.

सोसाइटीज ने न्यू कॉलेज में पोस्टडॉक्टोरल इतिहास शोधकर्ता डॉ. अभिजीत सरकार के सोशल मीडिया पोस्ट की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि डॉ. सरकार अपने शब्दों की जिम्मेदारी लें और सामंत से माफी मांगें.’

इसके साथ ही तीनों सोसायटी ने रश्मि सामंत से गुजारिश की है कि वे ऐसी कोई टिप्पणी न करें, जिससे ऑक्सफोर्ड छात्र समुदाय को नुकसान पहुंचे.

(तीनों सोसयटी के संयुक्त बयान को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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