उत्तर प्रदेश: विधि छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न मामले में स्‍वामी चिन्‍मयानंद बरी

एक अन्य मामले में अदालत ने शाहजहांपुर की विधि छात्रा और पांच अन्य को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को धमकाने और उनसे पांच करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोपों से बरी कर दिया. छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. ट्रायल के दौरान छात्रा अपने बयान से मुकर गई थी.

चिन्मयानंद. (फोटो: पीटीआई)

एक अन्य मामले में अदालत ने शाहजहांपुर की विधि छात्रा और पांच अन्य को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को धमकाने और उनसे पांच करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोपों से बरी कर दिया. छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. ट्रायल के दौरान छात्रा अपने बयान से मुकर गई थी.

चिन्मयानंद. (फोटो: पीटीआई)
चिन्मयानंद. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर शहर की एक विधि छात्रा के साथ यौन संबंध बनाने के लिए उसे बंधक बनाकर रखने के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद को शुक्रवार को बाइज्जत बरी कर दिया.

एक अन्य मामले में अदालत ने विधि छात्रा और पांच अन्य को चिन्मयानंद को धमकाने और उनसे पांच करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोपों से बरी कर दिया.

चिन्यानंद और विधि छात्रा समेत जमानत पर बाहर सभी आरोप अदालत में मौजूद थे.

लखनऊ की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्‍यायाधीश पवन कुमार राय ने स्‍वामी चिन्‍मयानंद के खिलाफ कोई साक्ष्य न पाते हुए शुक्रवार को यह फैसला सुनाया.

गौरतलब है कि छात्रा अदालत में सुनवाई के दौरान पहले ही अपने बयानों से मुकर गई थी और कहा था कि प्राथमिकी और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए उसके बयान गलत थे. उसने चिन्मयांनद को निर्दोष बताया था.

इसके साथ ही अदालत ने रंगदारी व जान-माल की धमकी के मामले में विधि महाविद्यालय की छात्रा व पांच अन्य अभियुक्तों संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह व अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

विशेष अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त चिन्मयानंद सहित सभी आरोपी उपस्थित थे.

इस बहुचर्चित मामले की प्राथमिकी 27 अगस्त, 2019 को अन्तःवासी छात्रा के पिता ने थाना कोतवाली, जिला शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक उनकी पुत्री एलएलएम कर रही है और वह स्‍वामी चिन्‍मयानंद के प्रबंधन वाले स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय के छात्रावास में रहती थी.

छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. साथ ही उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था. वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी.

थाने में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया था कि 23 अगस्त 2019 से लड़की का मोबाइल बंद है. पिता ने आशंका जताते हुए कहा था, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है और जब मैंने स्वामी जी से मोबाइल पर संपर्क किया तो सीधे मुंह बात नहीं करके मोबाइल बंद कर लिया.’

पिता का आरोप था कि उनकी पुत्री के कमरे में ताला बंद है. फेसबु‍क वीडियो के मुताबिक उसमें साक्ष्य और सबूत होने की बात कही गई है.

उनका आरोप था कि अभियुक्तगण राजनीतिक और सत्ता पक्ष के दबंग तथा गुंडा किस्म के लोग हैं और साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकते हैं, लिहाजा उसका कमरा और वीडियो मीडिया के सामने सील किया जाए.

पुलिस ने 20 सितंबर, 2019 को इस मामले में चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. इस मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड विधान की बलात्कार और धमकी समेत कई सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज मामले में चार नवंबर, 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

दूसरी तरफ 25 अगस्त, 2019 को रंगदारी मामले की प्राथमिकी एडवोकेट ओम सिंह ने थाना कोतवाली, जिला शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक छात्रा और पांच अन्य ने पांच करोड़ रुपये रंगदारी की मांग स्‍वामी चिन्‍मयानंद से की थी.

आरोप के मुताबिक यह धमकी दी गई थी कि यदि रुपयों का इंतजाम नहीं किया तो समाज में बदनाम कर दूंगा. यह भी धमकी दी गई कि मेरे पास एक वीडियो है जिसे वायरल कर दूंगा.

वादी एडवोकेट ने तहरीर में कहा कि मुझे आशंका है कि एक साजिश के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही और चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही डर का माहौल पैदा कर शिक्षण संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

चार नवंबर, 2019 को इस मामले में विधि छात्रा व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. छह नवंबर, 2019 को अदालत ने इस आरोप पत्र का संज्ञान लिया था.

एमपी/एमएलए अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद दोनों पक्षों को बरी कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रायल के दौरान छात्रा ने दावा किया था कि कुछ अराजक तत्वों के दबाव में आकर उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाए थे. हालांकि छात्रा ने इस लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने यौन उत्पीड़न और रंगदारी मांगने के मामले विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. आरोप लगाने के बाद लापता हुई विधि छात्रा 30 अगस्त 2019 को राजस्थान में मिली थी.

उसी साल 25 सितंबर को एसआईटी ने छात्रा को उसके घर रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. छात्रा के सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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