एनआरसी के बचे कार्य के लिए 31 मार्च के बाद वित्तीय सहायता देने से रजिस्ट्रार जनरल ने किया इनकार

असम सरकार ने चार मार्च को लिखे पत्र में एनआरसी के लंबित कार्यों को 31 मार्च के बाद पूरा करने के लिए पूर्व में आवंटित 1600 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के अलावा अतिरिक्त 3.22 करोड़ रुपये प्रतिमाह जारी करने का अनुरोध किया था.

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Guwahati: An official checks the documents submitted by people at an National Register of Citizens (NRC) Seva Kendra in Guwahati, Friday, Aug 30, 2019. The NRC with the final list of citizens will be published tomorrow on August 31, 2019. Chief Minister of Assam Sarbananda Sonowal has asked people not to panic, and has directed all Government agencies of Assam to cooperate with people. (PTI Photo)(PTI8_30_2019_000055B)
(फोटोः पीटीआई)

असम सरकार ने चार मार्च को लिखे पत्र में एनआरसी के लंबित कार्यों को 31 मार्च के बाद पूरा करने के लिए पूर्व में आवंटित 1600 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के अलावा अतिरिक्त 3.22 करोड़ रुपये प्रतिमाह जारी करने का अनुरोध किया था.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) ने असम सरकार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बचे हुए कार्य के लिए 31 मार्च के बाद भी वित्तीय मदद जारी रखने की बात की गई थी.

आरजीआई कार्यालय ने प्रक्रिया पूरी करने में हुई ‘अत्यंत देरी’ पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा है.

इसमें ‘अतिरिक्त कर्मचारियों’ की सेवाओं को समाप्त कर कार्य सरकारी कर्मचारियों के हवाले करने एवं एनआरसी कार्यालय को सरकारी इमारत में स्थानांतरित करने की सलाह दी गई है.

असम सरकार ने चार मार्च को लिखे पत्र में एनआरसी के लंबित कार्यों को 31 मार्च के बाद पूरा करने के लिए पूर्व में पूरी परियोजना के लिए आवंटित 1,602.66 करोड़ रुपये के अलावा अतिरिक्त 3.22 करोड़ रुपये प्रतिमाह जारी करने का अनुरोध किया था.

इसके जवाब में आरजीआई के संयुक्त निदेशक जसपाल सिंह ने 23 मार्च को असम सरकार के सचिव (गृह एवं राजनीतिक मामले) एसआर भुइयां को लिखे पत्र में कहा, ‘एनआरसी से जुड़ीं सभी गतिविधियों को निर्धारित बजट में ही 31 मार्च 2021 तक पूरा किया जाए और योजना के तहत 31 मार्च 2021 के बाद खर्च के लिए अतिरिक्त कोष का प्रावधान नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कार्य को पूर्ण करने पर आने वाले खर्च में वृद्धि एवं देरी की वजह का जिक्र भी प्रस्ताव में नहीं है. एनआरसी की विभिन्न गतिविधियों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने की जरूरत का मूल्यांकन किया जा सकता है.’

पत्र में कहा गया कि 31 मार्च 2021 के बाद हर महीने 3.22 करोड़ रुपये प्रति महीने की मांग ‘बहुत अधिक लगती’ है.

उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 31 दिसंबर 2019 को प्रक्रिया पर आने वाले खर्च को संशोधित कर 1,602.66 करोड़ करने के साथ यह शर्त रखी थी कि 31 मार्च 2021 तक प्रक्रिया पूरी की जाए और अब इस राशि में कोई संशोधन नहीं किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि असम के नागरिकों की तैयार अंतिम सूची यानी कि अपडेटेड एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी की गई थी, जिसमें 31,121,004 लोगों को शामिल किया गया था, जबकि 19,06,657 लोगों को इसके योग्य नहीं माना गया था.

सिंह ने कहा, ‘एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को बहिष्करण पर्ची जारी करने की प्रक्रिया शुरू करना अभी बाकी है. एनआरसी कोऑर्डिनेशन कमेटी ने 30/01/2020 को हुई अपनी बैठक में निर्देश दिया था कि बचे हुए कामों को मिशन मोड में पूरा किया जाना चाहिए.’

पत्र में ये भी कहा गया कि एनआरसी राज्य कोऑर्डिनेटर ने पिछले साल दो जुलाई को हुई बैठक में सूचित किया था कि साल 2020 के दिसंबर अंत तक एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को बहिष्करण पर्ची (रिजेक्शन स्लिप) जारी कर दिया जाएगा.

इसके अलावा सिंह ने असम सरकार से कहा कि लागत में कमी लाने के लिए एनआरसी डेटा सेंटर को राज्य के आईटी विभाग में जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाना चाहिए.

फाइनल एनआरसी प्रकाशित करने से पहले केंद्र ने बाहर किए गए लोगों द्वारा फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील दायर करने की समयसीमा 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया था. हालांकि इसमें कुछ देरी हुई और सरकार ने रिजेक्शन स्लिप जारी करने के लिए एक संभावित शेड्यूल की घोषणा की.

रिजेक्शन स्लिप में संबंधित व्यक्ति को अपडेटेड एनआरसी से बाहर करने की वजहों का विवरण होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)