असम: चुनाव आयोग ने घटाई हिमंता बिस्वा शर्मा पर लगे चुनाव प्रचार प्रतिबंध की अवधि

चुनाव आयोग ने असम सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ कथित धमकी भरे बयान देने के मामले में 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया था. शनिवार को शर्मा द्वारा आचार संहिता के पालन का आश्वासन देने के बाद आयोग ने यह मियाद घटाकर 24 घंटे कर दी.

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हिमंता बिस्वा शर्मा. (फोटो साभार: फेसबुक/@himantabiswasarma)

चुनाव आयोग ने असम सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ कथित धमकी भरे बयान देने के मामले में 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया था. शनिवार को शर्मा द्वारा आचार संहिता के पालन का आश्वासन देने के बाद आयोग ने यह मियाद घटाकर 24 घंटे कर दी.

असम के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा (फोटो साभार: फेसबुक/@himantabiswasarma)
असम के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा (फोटो साभार: फेसबुक/@himantabiswasarma)

नई दिल्ली/गुवाहाटी: चुनाव आयोग ने असम के मंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा पर चुनाव प्रचार प्रतिबंध की अवधि 48 घंटे से कम कर 24 घंटे कर दी.

उन्होंने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करेंगे, जिसके बाद प्रचार प्रतिबंध की अवधि घटाई गई.

ज्ञात हो कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हागरामा मोहिलारी के खिलाफ कथित तौर पर धमकी भरी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को उनके चुनाव प्रचार करने पर चार अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया था.

चुनाव आयोग से की गई अपील में शर्मा ने इस आधार पर प्रतिबंध घटाने का आग्रह किया था कि छह अप्रैल को हो रहे मतदान के लिए एक विधानसभा क्षेत्र से वह स्वयं उम्मीदवार हैं.

चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया कि आयोग ने दो अप्रैल के अपने फैसले में संशोधन करने और चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध की अवधि को 48 घंटे से कम कर 24 घंटे करने का निर्णय किया है.

आदेश में कहा गया है, ‘इस अवधि के बाद संबंधित जिला प्रशासन के अधिकारी किसी भी जनसभा, जुलूस, रैली, रोड शो के लिए आपको अनुमति दे सकते हैं, जहां आपके भाग लेने की संभावना हो.’

इससे पहले चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शर्मा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष एच. मोहिलारी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे बयान देने के मामले में तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया था.

चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, ‘आयोग हिमंता बिस्वा शर्मा के बयानों की कड़ी निंदा करता है. आयोग दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोड शो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है.’

शर्मा को चार अप्रैल तक प्रचार एवं संबंधित गतिविधियां करने से रोक दिया गया था. असम में तीसरे एवं अंतिम चरण के मतदान के लिए प्रचार चार अप्रैल की शाम को थम जाएगा जबकि छह अप्रैल को मतदान होगा.

कांग्रेस ने आयोग से शर्मा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

शर्मा को भेजे गए नोटिस में चुनाव आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों का हवाला दिया था, जिसमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अभद्र आरोप लगाने से बचने और भ्रष्ट आचरण से बचने तथा चुनाव कानून के तहत अपराधों, जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, मतदाताओं को बदलना शामिल है.

आयोग ने नोटिस में कहा है कि प्रथम दृष्ट्या उसका मानना है कि शर्मा ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों को उल्लंघन किया है. नोटिस में राज्य के चुनाव तंत्र द्वारा उपलब्ध कराए गए भाषण का प्रारूप का उल्लेख भी किया था.

शर्मा ने चुनाव आयोग के नोटिस को लेकर शुक्रवार को दिए गए जवाब में आरोपों को खारिज किया था. हालांकि आयोग ने कहा कि वह शर्मा के जवाब से संतुष्ट नहीं है.

कांग्रेस ने 30 मार्च को ईसी से शिकायत की थी कि शर्मा ने बीपीएफ प्रमुख को धमकी दी जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. बीपीएफ कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी है.

मंत्री ने उन्हें दिए कारण बताओ नोटिस पर शुक्रवार को जवाब दिया लेकिन आयोग को उनका जवाब संतोषजनक नहीं लगा.

एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने टि्वटर पर कहा, ‘धमकी देना, नफरत फैलाना, नेताओं को धमकाना, ईवीएम चुराना… ऐसा कुछ नहीं है जो भाजपा नहीं कर सकती.’

अजमल विधानसभा चुनावों में भाजपा के जुबानी हमलों के निशाने पर रहे हैं. उन्होंने मोहिलारी के पक्ष में निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया.

शर्मा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम. बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा. बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है. पहले यह दल भाजपा के साथ था.

आयोग ने हिमंता के भाई और गोआलपाड़ा के एसपी का तबादला किया

निर्वाचन आयोग ने शर्मा को विधानसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकते हुए उनके भाई और गोआलपाड़ा के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा शर्मा का भी जिले से तबादला कर दिया है.

आयोग से शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि सुशांत बिस्वा शर्मा का राज्य मुख्यालय में उचित पद पर तबादला किया जाता है और आईपीएस अधिकारी वीर वेंकट राकेश रेड्डी तत्काल प्रभाव से गोआलपाड़ा जिले के नए पुलिस अधीक्षक तैनात किए जाते हैं.

इस जिले में छह अप्रैल को तीसरे और आखिरी चरण के तहत चुनाव होंगे. ईसी के अवर सचिव लव कुश यादव ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं.

आदेश में कहा गया है कि इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट फौरन आयोग को भेजी जाए. असम विधानसभा के तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिए प्रचार अभियान चार अप्रैल को शाम छह बजे समाप्त हो जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)