अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने डासना मंदिर के पुजारी की गिरफ़्तारी की मांग की

इससे पहले धार्मिक नेता और ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला ख़ान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

न​रसिंहानंद सरस्वती. (फोटो: फेसबुक)

इससे पहले धार्मिक नेता और ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला ख़ान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो: पीटीआई)
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो: पीटीआई)

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन कर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए धार्मिक नेता और गाजियाबाद के शिवशक्ति धाम डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती को गिरफ्तार करने की मांग की है.

प्रदर्शनकारियों ने कैंपस गेट तक मार्च किया और स्थानीय अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर कथित तौर पर विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच जान-बूझकर भेदभाव को बढ़ावा देने और शांति को खतरे में डालने के लिए नरसिंहानंद सरस्वती की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.

राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में मांग की गई है कि विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने की कोशिश करने वालों को दंडित करने के लिए एक विशेष कठोर कानून बनाया जाना चाहिए.

बाद में शाम को पत्रकारों को संबोधित करते हुए छात्र नेता फरहान जुबैरी ने केंद्र सरकार से नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

अमर उजाला के मुताबिक रविवार शाम पांच बजे छात्र नेता फरहान जुबैरी की अगुआई में छात्रों ने मार्च निकाला, जो लाइब्रेरी कैंटीन से शुरू होकर डक पॉइंट पर खत्म हुआ.

जुबैरी ने कहा, ‘हमारे नबी के बारे में विवादित बयान देने वाले नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ जो किसी भी धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत करते हैं, उनके लिए कानून बनाया जाए, ताकि इस तरह के बयान न दे सकें.’

प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि उन्हें छात्रों ने ज्ञापन सौंपा है, जो राष्ट्रपति को संबोधित है, जिसमें पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर विवादित बयान देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

बता दें कि नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पुलिस से की गई शिकायत में कहा गया कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ ईश निंदा के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है और यह मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करता है, इसलिए आरोपी व्यक्ति पर कार्रवाई की जानी चाहिए.

मालूम हो कि पिछले महीने गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के अंदर जाकर पानी पीने की वजह से 14 वर्षीय एक मुस्लिम लड़के की बर्बर पिटाई करने का मामला सामने आया था. तब नरसिंहानंद सरस्वती ने इस बर्बर कृत्य का समर्थन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)