इतालवी नौसैनिक मामला: मारे गए मछुआरों के लिए मुआवज़ा राशि जमा कराए केंद्र- सुप्रीम कोर्ट

साल 2012 में भारत ने इटली के दो नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने भारत को इनके ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही को रोकने का आदेश दिया था और कहा था कि भारत इस मामले में मुआवज़े का हक़दार है.

/
5 मार्च, 2012 को केरल के कोल्लम की एक अदालत से भारतीय पुलिसकर्मियों के साथ बाहर निकलते भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दोनों इतालवी नौसैनिक मासिमिलानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने. (फोटो: रॉयटर्स)

साल 2012 में भारत ने इटली के दो नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने भारत को इनके ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही को रोकने का आदेश दिया था और कहा था कि भारत इस मामले में मुआवज़े का हक़दार है.

5 मार्च, 2012 को केरल के कोल्लम की एक अदालत से भारतीय पुलिसकर्मियों के साथ बाहर निकलते दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दोनों इतालवी नौसैनिक मैसीमिलैनो लातोरे और सलवातोरे गिरोने. (फोटो: रॉयटर्स)
5 मार्च, 2012 को केरल के कोल्लम की एक अदालत से भारतीय पुलिसकर्मियों के साथ बाहर निकलते दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दोनों इतालवी नौसैनिक मैसीमिलैनो लातोरे और सलवातोरे गिरोने. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से फरवरी 2012 में केरल तट के पास इतालवी नौसैनिकों के हमले में मारे गए दो भारतीय मछुआरों के परिजनों के लिए इटली द्वारा दिए जाने वाले 10 करोड़ रुपये उसके खाते में जमा कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया.

सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत मुआवजे की राशि मछुआरों के परिजनों को दे देगी.

पीठ ने निर्देश दिया कि भारत को राशि मिल जाने के बाद उसे एक सप्ताह के भीतर इस न्यायालय में जमा किया जाए. पीठ ने मामले को 19 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है.

पीठ ने इटली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सुहैल दत्त की इस दलील पर गौर किया कि 21 मई, 2020 के अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के अनुसार देय मुआवज़ा आज उनके मुवक्किल द्वारा जमा करा दिया जाएगा. यह राशि विदेश मंत्रालय द्वारा बताए गए खाते में जमा करायी जाएगी.

पीठ दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे के खिलाफ मामले को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर विचार कर रही थी.

फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में मछली पकड़ रहे दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था. घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक इटली के झंडा लगे एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे.

सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीड़ितों के परिवार ने मुआवजे के तौर पर 10 करोड़ रुपये की राशि को लेकर सहमति दी है, जो उन्हें दी जा चुकी अनुग्रह राशि के अतिरिक्त होगी.

मेहता ने कहा कि केंद्र ने इतालवी सरकार से पीड़ितों के परिवार को मुआवजे के लिए मध्यस्थता की थी और इसे उन्होंने स्वीकार किया था.

मेहता ने कहा कि केरल सरकार ने विदेश सचिव को बताया है कि उसने पीड़ितों के परिवार से संपर्क किया और उन्होंने सहमति दी है कि मुआवजे को लेकर वे सहमत हैं.

केरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने पुष्टि की है कि परिवार ने मुआवजे पर सहमति जतायी है.

पीड़ितों में से एक के परिवार की तरफ से पेश अधिवक्ता उन्नी कृष्णन ने पीठ को बताया कि कुछ रकम उन्हें दे दी गई है, लेकिन न्यायाधिकरण के हिसाब से भुगतान नहीं हुआ है.

इटली के लिए पेश वकील ने कहा कि विदेश मंत्रालय के जरिए भारत में रकम पीड़ितों के परिवार को दी जाएगी.

पिछले साल सात अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे के लिए पीड़ितों के परिवारों को सुने बिना वह दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं करेगी.

केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि इटली ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह कानून के तहत दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी और पीड़ितों के परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.

बता दें कि फरवरी 2012 में भारत ने इटली के दो नौसैनिकों मैसीमिलैनो लातोरे और सलवातोरे गिरोने पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था.

दो साल तक दोनों को हिरासत में रखा गया लेकिन आधिकारिक रूप से कोई आरोप नहीं तय किए गए. इसके बाद सितंबर 2014 में इनमें से एक नौसैनिक और मई 2016 में दूसरा नौसैनिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई शर्तबंद जमानत पर इटली वापस लौट गए और फिर वापस नहीं आए.

इस मामले के न्याय क्षेत्र का मुद्दा दोनों देशों के बीच एक बड़ा विषय बन गया था और भारत का कहना था कि यह घटना भारतीय जल क्षेत्र में हुई और मारे गए मछुआरे भी भारतीय थे, इसलिए इस मामले की सुनवाई भारतीय कानूनों के अनुसार होनी चाहिए.

वहीं इटली ने दावा किया कि गोलीबारी भारतीय जल क्षेत्र से बाहर हुई थी और उसके नौसैनिक इतालवी ध्वज के वाले जहाज पर सवार थे.

इस विवाद के संबंध में इटली के अनुरोध पर 2015 में यूएनसीएलओएस की धाराओं के तहत न्यायाधिकरण का गठन किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq