बिहारः एम्स डॉक्टरों की रोटेशनल क्वारंटीन की मांग, हड़ताल की चेतावनी दी

पटना एम्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर कर रहे डॉक्टरों को हफ्ते भर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए. डॉक्टरों ने उनकी मांगे पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पांच दिन की समयसीमा देते हुए इसके बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

/
(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

पटना एम्स के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर कर रहे डॉक्टरों को हफ्ते भर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए. डॉक्टरों ने उनकी मांगे पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पांच दिन की समयसीमा देते हुए इसके बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

(फोटोः पीटीआई)
(फोटोः पीटीआई)

पटनाः बिहार के पटना में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडीए) के डॉक्टरों की मांग है कि एम्स में कोविड वॉर्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को हफ्तेभर के रोटेशनल क्वारंटीन में रखा जाए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों की शिकायत है कि यहां तक कि वे भी कोरोना संक्रमित परिवार के सदस्यों और संबंधियों के लिए अस्पताल में बेड का बंदोबस्त करने में असमर्थ हैं.

एम्स डॉक्टरों ने उनकी मांगें पूरी करने के लिए अस्पताल प्रशासन के समक्ष पांच दिनों की समयसीमा निर्धारित की है और मांगें पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

मौजूदा समय में कोविड वॉर्डों में 80 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर तैनात हैं लेकिन कोविड बेड की संख्या 120 से बढ़कर 150 होने पर इनकी संख्या बढ़ भी सकती है.

बता दें कि बिहार में बीते 12 दिनों में कोरोना से 48 लोगों की मौत हुई है और यहां कोरोना के 18,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं, जिनमें पटना में ही 7,000 से अधिक मामले हैं.

वहीं, आरटी-पीसीआर टेस्ट के नतीजों में देरी से भी इलाज प्रभावित हो रहा है.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, ‘सरकार ने अपने अधिकतर अग्रणी अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. फिलहाल, 20 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना वॉर्ड भरे पड़े हैं.’

एसोसिएशन की मांग को लेकर एम्स के निदेशक को पत्र लिखने वाले आरडीए के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने बताया, ‘फिलहाल, हमें कोविड वॉर्ड में एक हफ्ते की ड्यूटी के बाद गैर कोविड वॉर्ड में ड्यूटी दी जाती है.  इससे गैर कोविड मरीजों और हमारे परिवार के सदस्यों को जोखिम रहता है. ऐसे भी डॉक्टर हैं, जिन्हें रोटेशनल ड्यूटी पर अन्य केंद्रीय सरकारी ड्यूटी पर रखा जाता है.’

डॉ. कुमार ने कहा कि एम्स को जल्द ही कोविड अस्पताल के रूप में घोषित करने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पटना एम्स के पास अपने कर्मचारियों को संक्रमण से दूर रखने के कई कारण थे.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25