यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगित, 15 मई तक सभी स्कूल बंद रहेंगे

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के दो हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मामलों वाले 10 ज़िलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए हैं. इन ज़िलों में लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के दो हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मामलों वाले 10 ज़िलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए हैं. इन ज़िलों में लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

लखनऊ: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य के 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल 15 मई तक बंद रखने और उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगित करने का फैसला किया.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल 15 मई तक बंद कर दिए गए हैं और इस दौरान कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. इसके अलावा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 20 मई तक टाल दी गई हैं.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया.

अधिकारी ने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षाओं की नई समय सारणी पर मई के पहले हफ्ते में फैसला लिया जाएगा. इससे पहले बोर्ड की परीक्षाएं आठ मई से निर्धारित थीं.

यह दूसरी बार है जब यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी है. इससे पहले ये परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होने वाली थीं, लेकिन पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए समय सारिणी में बदलाव किया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के 5,607,118 छात्र-छात्राओं की तुलना में इस बार 5,603,813 छात्र-छात्राओं ने बोर्ड परीक्षा के लिए नामांकन कराया है. साल 2019 में 57.95 लाख विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था, जबकि 2018 में 66.39 लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे.

प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बुधवार को कहा था, ‘हमारी परीक्षाएं 24 अप्रैल से निर्धारित थीं, जिनको हमने कोरोना का संक्रमण देखते हुए आठ मई से निर्धारित किया है. अभी हम प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं. हम सम्यक परीक्षण के बाद इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ बैठने वाले भी थे लेकिन दुर्भाग्य से वह खुद ही कोरोना संक्रमित हो गए.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे 19 अधिकारी हैं, जो सीधे बोर्ड की परीक्षाओं से जुड़े होते हैं. उनमें से 17 संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. हमारे अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव और निदेशक कोविड-19 संक्रमित हो चुके हैं. उनके स्वस्थ होते ही हम इस संबंध में विचार-विमर्श करने के बाद मुख्यमंत्री से बात करेंगे. उसके बाद हम आठ मई से होने वाली परीक्षा के संदर्भ में कुछ कह पाने की स्थिति में होंगे.’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का इलाहाबाद बोर्ड दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक बोर्ड है, जिसमें हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के लगभग 57 लाख परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं.

अधिकारी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दो हजार से ज्यादा उपचाराधीन मामलों यानी सक्रिय मामलों वाले 10 जिलों में रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए हैं.

इन जिलों में लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और गोरखपुर शामिल हैं.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा है कि लखनऊ में टीएस मिश्र अस्पताल, इंटीग्रल और हिंद मेडिकल कॉलेजों को कोविड-समर्पित अस्पताल के रूप में क्षमता विस्तार किए जाने की आवश्यकता है. अगले दो दिनों में यहां अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध कराए जाएं.

मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनावों में तैनात कार्मिकों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के आदेश देते हुए कहा कि इस चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो. मतदानकर्मियों के लिए मास्क, ग्लव्स, सैनेटाइजेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

योगी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की एक बार फिर वापसी होने की संभावना है. ऐसे में सभी जिलों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप पृथक-वास केंद्र संचालित किए जाएं. इन केंद्रों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ भोजन और सोने आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए और कहा कि मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जाए. हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जिले के किसी भी अस्पताल में इन आवश्यक चीजों का अभाव न हो.

मुख्यमंत्री ने हर जिले में कोविड मरीजों के लिए बिस्तर तथा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने देने के लिए रोजाना इस स्थिति की जनपदवार समीक्षा करने के निर्देश भी दिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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