छत्तीसगढ़ः कोविड से जान गंवाने वालों के शव कचरा वाहन से श्मशान ले जाए गए

सोशल मीडिया पर सामने आए राजनांदगांव ज़िले के एक वीडियो में पीपीई किट पहने चार सफाई कर्मचारी कोरोना मृतकों के शव कचरा ढोने वाले वाहन में रख शवदाह गृह ले जाते दिख रहे हैं. राजनांदगांव सीएमएचओ का कहना है कि शव वाहन न होने पर ऐसा करना पड़ा. कचरा वाहन को साफ कर सैनिटाइज़ किया गया था.

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(फोटो साभारः ट्विटर)

सोशल मीडिया पर सामने आए राजनांदगांव ज़िले के एक वीडियो में पीपीई किट पहने चार सफाई कर्मचारी कोरोना मृतकों के शव कचरा ढोने वाले वाहन में रख शवदाह गृह ले जाते दिख रहे हैं. राजनांदगांव सीएमएचओ का कहना है कि शव वाहन न होने पर ऐसा करना पड़ा. कचरा वाहन को साफ कर सैनिटाइज़ किया गया था.

(फोटो साभारः ट्विटर)
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नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में कोरोना मृतकों के शवों को शवदाह गृह ले जाने के लिए कचरा वाहनों के इस्तेमाल का मामला सामने आया है. इससे संकट की गंभीरता और राज्य में मेडिकल सिस्टम पर बढ़ते तनाव का पता चलता है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनांदगांव से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें पीपीई किट पहने हुए चार सफाई कर्मचारियों को कोरोना मृतकों के शवों को उठाते और उन्हें कचरा ढोने वाले वाहनों में रखकर शवदाहगृह ले जाते देखा जा सकता है.

पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को जिले के डोंगरगांव कोविड सेंटर में इलाज के दौरान तीन संक्रमितों की मौत हो गई, जिसके बाद शवों को अंतिम संस्कार लिए शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाया जाना था. लेकिन मुक्तांजलि वाहन नहीं मिलने पर शवों को नगर पंचायत के कचरा उठाने वाले वाहन से श्मशान तक ले जाया गया.

कोरोना मृतकों के शवों को इस क्रूर तरीके से कचरा वाहनों में ले जाने के सवाल पर चीफ मेडिकल अधिकारी का कहना था कि वाहनों का प्रबंध करना नगर पंचायत और सीएमओ की जिम्मेदारी है.

पत्रिका के मुताबिक, राजनांदगांव सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि शवों को मुक्तिधाम ले जाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है. बीएमओ से बात करने पर पता चला कि क्षेत्र के सभी शव वाहन कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिले संक्रमित दुर्ग भेजे गए हैं. ऐसे में शव वाहन उपलब्ध न होने पर मजबूरन कचरा गाड़ी को पूरी तरह से साफ कर सैनिटाइज किया गया है, उसके बाद ही शवों को ले जाया गया.

राजनांदगांव में कोरोना के बढ़ रहे मामलों और बेड एवं मेडिकल स्टाफ की कमी की वजह से स्थानीय प्रेस क्लब को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 स्वास्थ्य इकाई में तब्दील कर दिया गया है और इसके लिए यहां 30 बेड का प्रबंध किया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय सोनी ने कहा कि मेडिकल डॉक्टरों की एक टीम को मरीजों के इलाज के लिए प्रेस क्लब में चौबीसों घंटे मुस्तैद किया गया है.

छत्तीसगढ़ में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 15,256 नए मामले सामने आए और राज्य में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 5,01,500 हो गई. राज्य में 135 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 5,442 हो गई.

छत्तीसगढ़ में पिछले नौ दिन से संक्रमण के 10,000 से अधिक दैनिक मामले सामने आ रहे हैं.

बुधवार यानी 14 अप्रैल को राज्य में कोरोना के नए 14,250 मामले सामने आए जबकि 120 मौतें हुईं. 13 अप्रैल को कोरोना के 15,121 मामले सामने आए.

कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से राज्य की राजधानी रायपुर में मुख्य सरकारी अस्पताल को मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो गया है. बीते हफ्ते इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) और ऑक्सीजन युक्त बेड लगभग 100 फीसदी भर चुके हैं.

हाल ही में अस्पताल का एक वीडियो सामने आया था, जिससे पता चला था कि फ्रीजर (जिसमें शवों को रखा जाता है) में जगह की कमी की वजह से शवों को अस्पताल में यहां-वहां रखा जा रहा है.

बता दें कि राज्य में कोरोना के 1.68 लाख मामले दर्ज हुए हैं जबकि बीते एक महीने में 1,417 मौतें हो चुकी हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 के रोजाना सामने आ रहे 79.10 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं जिनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

इसके अलावा जिन सोलह राज्यों में लगातार तेज़ी मामले बढ़ रहे हैं, उनमें भी छत्तीसगढ़ का नाम शामिल है.

इससे पहले बीते हफ्ते गुजरात के सूरत नगर निगम द्वारा वलसाड सिविल अस्पताल से 20 से अधिक वेंटिलेटर को कथित तौर पर कचरा उठाने वाले वाहन से एसएमआईएमईआर अस्पताल ले जाया गया था. मामला सामने आने पर इसकी जांच के आदेश दिए गए थे.

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