‘बीसीसीआई मर्दवादी संस्था है, जो नहीं चाहती कि महिला क्रिकेट खिलाड़ी भी आगे बढ़ें’

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी के मुताबिक, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था कि अगर उनका बस चलता तो महिला क्रिकेट बंद करवा देते.

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प्रशासक समिति के साथ डायना एडुल्जी (फोटो: पीटीआई)

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी के मुताबिक, 2011 में तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था कि अगर उनका बस चलता तो महिला क्रिकेट बंद करवा देते.

Diana Edulji PTI
बीसीसीआई के मामलों को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई प्रशासक समिति की सदस्य डायना एडुल्जी (बीच में). फोटो: पीटीआई

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित करने वाली संस्था) को मर्दपरस्त संस्था कहा है. ‘इंडियन एक्सप्रेस अड्डा’ कार्यक्रम में बतौर मेहमान पहुंचीं डायना सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासक समिति की सदस्य भी हैं. कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि महिला क्रिकेट टीम की सफलता को बोर्ड के कुछ सदस्यों ने उस प्रकार स्वीकार नहीं किया जैसा पुरुष क्रिकेट के साथ होता है.

इंडियन एक्सप्रेस अड्डा कार्यक्रम में डायना के साथ मौजूदा महिला क्रिकेट टीम की सदस्य हरमनप्रीत कौर और पूनम राउत भी शामिल हुए थे.

डायना कहती हैं, ‘साल 2006 में जब से महिला क्रिकेट टीम बीसीसीआई के अंतर्गत आया था तब से मैं बीसीसीआई की आलोचक रही हूं. ये संस्था बेहद मर्दपरस्त और ये महिलाओं को अपनी शर्तों पर काम नहीं करने देती. वे कभी भी नहीं चाहते कि महिला खिलाड़ी भी आगे बढ़ें. मैं जब खेलती थी, तब से इन मुद्दों को लेकर बोलती आई हूं.’

डायना बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन से एक मुलाकात का ज़िक्र करते हुए बताती हैं, ‘साल 2011 में जब एन. श्रीनिवासन अध्यक्ष बने थे, तब मैं उनको बधाई देने गई थी. उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा बस चले तो मैं महिला क्रिकेट को होने ही न दूं. वे महिला क्रिकेट से नफरत करते हैं.’

महिला वर्ल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली पूनम राउत ने कहा, ‘जब हम वापस लौट कर भारत आए तो हमें उम्मीद नहीं थी कि लोग इस प्रकार स्वागत करेंगे. भारत में महिला क्रिकेट को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. वो बहुत ही मुश्किल दौर था जब मैंने क्रिकेट को चुना था और आसपास के लोगों के ताने अभी भी याद हैं.’

पूनम बताती हैं कि किस प्रकार उनके क्रिकेट खेलने को लेकर लोग ताने मारते थे. वे कहती हैं, ‘हमारे अंदर खेल को लेकर बहुत उत्साह था इसलिए हमने कभी नहीं सोचा कि हम खेलने की वजह से काले हो जाएंगे. हमारा समाज और मेरी मां की कुछ दोस्त कहा करती थीं कि इसको समझाओ और थोड़े लड़कियों वाले काम सिखाओ. मेरी मां मुझे डाटा करती थी. मैं पिताजी से शिकायत करती थी तो उन दोनों इस बात को लेकर खूब बहस हुआ करती थी.

वर्ल्ड कप क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली हरमनप्रीत कौर बताती हैं, ‘जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब मुझे दूसरी लड़कियों से साथ खेलने के लिए भीख मांगनी पड़ती थी. मैं किसी भी तरह 11 लड़कियों की टीम बनाना चाहती थी, इसलिए अन्य खेलों में रुचि रखने वाली लड़कियों को भी अपने साथ खिलाना पड़ता था. लड़कियों के क्रिकेट के लिए कोई संस्थान भी नहीं था जहां हम अपने खेल को सुधार सकते थे. मेरे कोच ने सिर्फ मेरे लिए सेंटर खोला था और आज मोगा (पंजाब) में महिलाओं के लिए विशेष तौर पर तीन कोचिंग सेंटर हैं.’

महिला क्रिकेट के लिए आईपीएल पर डायना कहती हैं कि इसके लिए अभी सोचना बहुत जल्दी हो जाएगा. पूनम और हरमन कहती हैं, ‘अगर जल्द ही ऐसा कुछ होता है तो ये बहुत अच्छा होगा. महिला क्रिकेट में अब भी बहुत सारे बदलाव की ज़रूरत है. मुझे उम्मीद है कि हम कई साल बाद कह सकेंगे कि हम भी अपने वक़्त में छक्का मारा करते थे. इसके लिए आईपीएल का जल्द शुरू होना ज़रूरी है.’

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