बलात्कार मामले में राम रहीम दोषी क़रार, 28 अगस्त को सुनाई जाएगी सज़ा

बलात्कार मामले में पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी क़रार दिया है.

बलात्कार मामले में पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी क़रार दिया है.

MSG Gurmeet Ram Rahim
अपनी फिल्म के एक दृश्य में गुरमीत राम रहीम.

पंचकूला/हरियाणा: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 15 वर्ष पुराने बलात्कार के एक मामले में शुक्रवार को दोषी क़रार दिया. सीबीआई के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 50 वर्षीय डेरा प्रमुख को बलात्कार का दोषी ठहराते हुए कहा कि उनकी सज़ा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा.

सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को यह जानकारी दी. कहा जा रहा है कि राम रहीम को सात वर्ष के कारावास से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा सुनाई जा सकती है.अदालत के भीतर से ही राम रहीम को हिरासत में ले लिया गया है.

इससे पहले चंडीगढ़ से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिरसा डेरा मुख्यालय से कड़ी सुरक्षा के बीच 50 वर्षीय पंथ प्रमुख सुबह नौ बजे पंचकूला के लिए रवाना हुए थे.

गौरतलब है कि डेरा प्रमुख को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, इसके बावजूद वह निजी सुरक्षाकर्मी भी रखते हैं. हरियाणा के डीजीपी के अनुसार, गुरमीत राम रहीम के काफिले में सिर्फ दो गाड़ियों को जाने की इजाजत मिली है. वह करीब 400 गाड़ियों को काफिले के साथ निकले थे.

हरियाणा सरकार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. अदालत ने कहा कि बाबा को समय से कोर्ट में पेश किया जाए. पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग हो. हालात बिगड़े तो पुलिस जिम्मेदार है. पुलिस को जैसे निपटना हो निपटे. नेता बीच में आएं तो एफआईआर दर्ज हो.

उच्च न्यायालय ने पंचकूला में बड़ी संख्या में समर्थकों को आने देने के लिए हरियाणा सरकार को फटकार लगाई और प्रश्न किया है कि क्यों धारा 144 को कड़ाई से लागू नहीं किया गया.

गौरतलब है कि राम रहीम सिंह द्वारा कथित रूप से दो साध्वियों का यौन उत्पीड़न किये जाने संबंधी अज्ञात व्यक्ति की चिट्ठी मिलने के बाद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 2002 में डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था. डेरा प्रमुख ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है.

अधिकारियों का कहना है कि अदालत के फैसले के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की सुरक्षा चाक चौबंद हैं. पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में निषेधाज्ञा लगायी गयी है. अदालत का फैसला आने से पहले, सिरसा में सेना बुला ली गई है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पंथ के मुख्यालय के बाहर वरिष्ठ पुलिस कर्मियों ने एक फ्लैग मार्च भी किया.

फैसले से पहले तनाव को देखते हुए डेरा प्रमुख ने अपने अनुयायियों से अपील किया है कि वह शांति बनाए रखें. उन्होंने अपने अनुयायियों से पंचकूला से जाने की अपील की है. इसके बावजूद कई अनुयायियों ने जाने से इनकार कर दिया और वे यहां पार्कों एवं सड़कों के किनारे बैठे रहे.

हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में मोबाइल इंटरनेट एवं डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. डेरा के अनुयायियों ने शिकायत की है कि वह उस वीडियो को नहीं देख पाए जिसमें डेरा प्रमुख ने उनसे अपने घर लौटने की अपील की है.

punjab police pti
(फोटो: पीटीआई)

कई अनुयायियों ने यहां से जाने से इनकार कर दिया, ऐसे में सुरक्षा बलों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. अनुयायियों को कहना है कि वह अपनी मर्जी से शहर आए हैं और डेरा प्रमुख के दर्शन करने के बाद ही यहां से जाएंगे.

हरियाणा के डीजीपी बीएससंधु ने गुरुवार को कहा था कि पंचकूला में रात भर अभियान चला कर डेरा समर्थकों को सरकार की ओर से मुहैया कराई गईं बसों में बैठा कर शहर से बाहर भेजा जाएगा.

हालांकि शुक्रवार सुबह से ही डेरा समर्थक पंचकूला के अनेक सेक्टरों में पार्कों, सरकारी इमारतों और फुटपाथों पर जमे हुए हैं. रातभर पुलिस लाउडस्पीकरों के जरिये समर्थकों से लौट जाने की अपील करती रही और धारा 144 लागू होने की जानकारी देती रही लेकिन समर्थकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

इससे पहले 50 – वर्षीय डेरा प्रमुख ने ट्वीट किया था, ‘मैंने हमेशा ही कानून का सम्मान किया है. यद्यपि मेरी पीठ में दर्द है लेकिन मैं इसके बावजूद कानून का पालन करूंगा. मैं अदालत जाऊंगा. ईश्वर में मेरा पूरा विश्वास है. सबको शांति बनाये रखनी चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)