मतगणना कक्षों में प्रवेश के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट या पूर्ण टीकाकरण आवश्यक: चुनाव आयोग

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: कोलकाता हाईकोर्ट ने दो मई को रैलियों और जमावड़े पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदी का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया. निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के मंत्री फ़रहाद हाकिम को कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले भाषण देने पर नोटिस जारी किया. बंगाल भाजपा ने तृणमूल से कहा कि कोविड मुद्दे को राजनीति से परे रखा जाए.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: कोलकाता हाईकोर्ट ने दो मई को रैलियों और जमावड़े पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदी का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया. निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के मंत्री फ़रहाद हाकिम को कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले भाषण देने पर नोटिस जारी किया. बंगाल भाजपा ने तृणमूल से कहा कि कोविड मुद्दे को राजनीति से परे रखा जाए.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग की तरफ से मतगणना वाले दिन के लिए जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी भी प्रत्याशी या उसके एजेंटों को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट दिखाए बिना उन सभागारों में प्रवेश नहीं मिलेगा जहां मतगणना की जा रही होगी.

बुधवार को जारी इन दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि प्रत्याशी या उनके एजेंट जिन्हें कोविड-19 टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं, वे भी दो मई को मतगणना कक्षों में प्रवेश कर सकते हैं. दो मई को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती होनी है.

इनमें कहा गया है कि गिनती की प्रक्रिया के दौरान मतगणना केंद्रों के बाहर किसी तरह की जनसभा की अनुमति नहीं होगी.

दिशानिर्देशों में कहा गया, ‘किसी भी प्रत्याशी या एजेंट को आरटी-पीसीआर जांच कराए बिना या कोविड-19 रोधी टीके की दो खुराकें लिए बिना मतगणना सभागार में प्रवेश नहीं मिलेगा और उनको गिनती शुरू होने से 48 घंटे पहले तक की निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या आरएटी रिपोर्ट या फिर टीकाकरण रिपोर्ट दिखानी होगी.’

मगतणना दो मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी.

इससे पहले मंगलवार को विधानसभा चुनावों के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू करवाने में कथित विफलता को लेकर आलोचना का सामना कर रहे निर्वाचन आयोग ने कहा था कि महामारी के खिलाफ लड़ने से जुड़े कानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन इकाइयों की है.

चुनाव आयोग का यह बयान आने से एक दिन पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनावों के दौरान कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का पालन कराने में विफल रहने को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त रुख दिखाया था.

बीते 26 अप्रैल को हाईकोर्ट ने आयोग की तीखी आलोचना करते हुए उसे देश में महामारी की दूसरी लहर के लिए अकेले ज़िम्मेदार बताया था. अदालत ने कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

कोलकाता हाईकोर्ट का दो मई को रैलियों पर पाबंदी का कड़ाई से पालन करने का निर्देश

कोलकाता: कोलकाता हाईकोर्ट ने सभी प्राधिकारों से पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा के दिन दो मई को रैलियों और जमावड़े पर निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदी का कड़ाई से पालन करने का मंगलवार को निर्देश दिया.

 

कलकत्ता हाईकोर्ट. (फोटो साभार: फेसबुक/Kolkata Calling)
कलकत्ता हाईकोर्ट. (फोटो साभार: फेसबुक/Kolkata Calling)

निर्वाचन आयोग के वकील ने अदालत को बताया कि कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी के मद्देनजर दो मई को विजय जुलूस और रैलियों पर पाबंदी लगा दी गई है.

आयोग ने मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ को पाबंदी के बारे में अवगत कराया. अदालत कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना वायरस संबंधी निर्देशों के पालन के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया.

पीठ ने आदेश दिया, ‘यह अदालत निर्देश देती है कि निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई पाबंदी का सभी संबंधित प्राधिकार कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे.’

एक याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं की किल्लत है और अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है तथा राज्य को ऐसे हालात से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देना चाहिए.

राज्य की तरफ से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि रोजाना का स्वास्थ्य बुलेटिन पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है.

पीठ ने कहा कि उसे आशा है कि याचिकाकर्ता आंकड़ों पर गौर करेगा और स्वास्थ्य बुलेटिन के संबंध में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर इस बारे में अवगत कराएगा.

मामले में तीन मई को अगली सुनवाई होगी.

बंगाल: आठवें चरण में 35 विधानसभा सीटों 283 उम्मीदवार मैदान में

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बृस्पतिवार को होने वाले आठवें और अंतिम चरण के चुनाव में 84 लाख से ज्यादा मतदाता विधानसभा की 35 सीटों पर 283 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

सभी निगाहें तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल पर होंगी जो निर्वाचन आयोग की कड़ी निगरानी में हैं.

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि मंडल को शुक्रवार शाम सात बजे तक निगरानी में रखा गया है, क्योंकि राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं.

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता को 2019 के लोकसभा चुनावों और 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी ऐसी ही निगरानी में रखा गया था.

अधिकारी ने कहा कि पूर्व के चरणों में हुई हिंसा, खासकर चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत, के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने आठवें चरण में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की कम से कम 641 कंपनियों की तैनाती का फैसला किया है, जिनमें से 224 बीरभूम जिले में तैनात होंगी.

मुर्शिबाद और बीरभूम की 11-11 विधानसभा सीटों, मालदा की छह और कोलकाता की सात विधानसभा सीटों के लिए 11,860 मतदान केंद्र पर मत डाले जाएंगे.

तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्री- शशि पांजा और साधन पांडेय- क्रमश: उत्तरी कोलकाता की श्यामपुकुर और मानिकताला सीट से मैदान में हैं.

मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों की करीब 17 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है, जहां टीएमसी और भाजपा के अलावा वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन की अच्छी पकड़ है.

कोविड मुद्दे को राजनीति से परे रखा जाए: बंगाल भाजपा ने तृणमूल से कहा

कोलकाता: भाजपा ने मंगलवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह देश व पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को लेकर राजनीति में शामिल है. इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि यह केंद्र और राज्य के किसी टकराव में शामिल होने का उचित समय नहीं है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत सत्तारूढ़ पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखे हमले कर रही है और ‘संकट के लिए उन पर अनुचित तरीके से दोषारोपण कर रही है.’

भट्टाचार्य ने कहा, ‘राज्य में दो मई के बाद एक नई सरकार का गठन किया जाएगा, ऐसे में निवर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार को कोविड-19 मुद्दे को राजनीति से परे रखना चाहिए, क्योंकि इस समय लोगों की जान बचाना सबसे महत्वपूर्ण है.’

भाजपा के राज्य के बाहर के कार्यकर्ताओं को ‘बाहरी’ बताए जाने संबंधी तृणमूल कांग्रेस के बयानों का जिक्र करते हुए भट्टाचार्य ने सवाल किया, ‘क्या वे प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को बाहरी मानते हैं.’

उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी देश की अखंडता के लिए खतरनाक है.

पश्चिम बंगाल में निर्वाचन आयोग ने 1.45 करोड़ रुपये जब्त किए

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग (ईसी) की निगरानी टीमों ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में विभिन्न क्षेत्रों से 1.45 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी जब्त की, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.

पहली घटना में चौरंगी विधानसभा क्षेत्र में मौलली चौराहे पर टीमों द्वारा 30 लाख रुपये नकद जब्त किए गए.

एक अन्य टीम ने जोरासांको विधानसभा क्षेत्र में एक वाहन से 40 लाख रुपये जब्त किए.

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वहीं कोलकाता पुलिस की एक टीम ने पांच लोगों को हिरासत में लिया और 75 लाख रुपये जब्त किए, जिसके लिए वे कोई दस्तावेज या स्पष्टीकरण नहीं दे सके.

उन्होंने बताया कि इन मामलों के बारे में आयकर विभाग को सूचित कर दिया गया है.

निर्वाचन आयोग ने फरहाद हाकिम को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल में मंत्री फरहाद हाकिम को कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले भाषण देने पर मंगलवार को नोटिस जारी किया.

हाकिम को अपनी टिप्पणियों पर जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया गया है.

भाजपा ने हाल ही में आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया गया था कि हाकिम ने मतदाताओं को पार्टी के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसाया है.

नोटिस में कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता ने लोगों से भाजपा सदस्यों पर प्रहार करने को कहा था.

असम के सीईओ ने राज्य सरकार को पोलिंग एजेंटों को रात के कर्फ्यू से छूट देने को कहा

गुवाहाटी: असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नितिन खाड़े ने मंगलवार को राज्य सरकार से कहा कि कोविड-19 मामलों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए एक मई तक लागू रात के कर्फ्यू से स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तैनात उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को छूट दी जाए. यह जानकारी निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश असम विधानसभा चुनावों की मतगणना होने तक एजेंटों को स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा की अनुमति देते हैं. मतगणना दो मई को होगी.

संयुक्त सीईओ एल. सहरिया ने कहा, ‘यह चुनावी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, इसलिए सीईओ ने इस मुद्दे को राज्य सरकार के उचित प्राधिकारी के साथ उठाया है. हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार पोलिंग एजेंटों को रात के कर्फ्यू से छूट देगी.’

असम सरकार ने कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों के तहत मंगलवार को 1 मई तक राज्य भर में रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया है.

इसमें कुछ को छूट दी गई है, जिसमें ज्यादातर आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं से संबंधित हैं. रात के कर्फ्यू के दौरान व्यक्तियों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

विपक्षी कांग्रेस ने मंगलवार को सीईओ को पत्र लिखा और उनसे आग्रह किया कि वे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, उनके पोलिंग एजेंटों और स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तैनात राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को रात के कर्फ्यू से छूट दें.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25