गोरखपुर: पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद 20 प्राथमिक शिक्षकों की कोविड से मौत

पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे शिक्षकों की स्थिति के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि मतगणना में जिन प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच हो और उन्हें पीपीई किट दिए जाएं.

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ग्राम पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए गोरखपुर के एक मतदान केंद्र पर खड़े मतदाता. (फोटो: पीटीआई)

पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे शिक्षकों की स्थिति के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि मतगणना में जिन प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच हो और उन्हें पीपीई किट दिए जाएं.

ग्राम पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए गोरखपुर के एक मतदान केंद्र पर खड़े मतदाता. (फोटो: पीटीआई)
ग्राम पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए गोरखपुर के एक मतदान केंद्र पर खड़े मतदाता. (फोटो: पीटीआई)

गोरखपुर: पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से संक्रमित होकर गोरखपुर जिले में 20 प्राथमिक शिक्षकों की मौत हुई है.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने बुधवार को शिक्षकों के नामों की सूची जारी करते हुए जिला प्रशासन से मतगणना ड्यूटी में लगाए गए प्राथमिक शिक्षकों की कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच कराने, उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराने ओर कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर कोरोना वॉरियर के रूप में 50 लाख की अहेतुक सहायता सहित सभी सुविधाएं देने की मांग की है.

उधर, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने कहा है कि पंचायत ड्यूटी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से प्रदेश में 38 शिक्षा मित्रों की जान गई है.

इसके पहले राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जानकारी दी थी कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र व अनुदेशकों की मृत्यु हो गई है.

इस खबर को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए राज्य चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि चुनाव के दौरान कोविड-19 गाइडलाइन के पालन में विफल रहने पर क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. अदालत ने चुनाव आयोग से इस पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के गोरखपुर इकाई के अध्यक्ष राजेश धर दुबे और जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने 28 अप्रैल को गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर मांग की कि पंचायत चुनाव के लिए दो मई को होने वाली मतगणना में जिन प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है, उनकी कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच करायी जाए और उन्हें पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाए.

इस पत्र में पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमण से गोरखपुर जिले के 20 प्राथमिक शिक्षकों की मौत का जिक्र करते हुए मृत शिक्षकों की सूची दी गई है.

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पत्र में कहा गया है कि ‘कई शिक्षक अभी गंभीर हालत में हैं. चुनाव ड्यूटी से लौटे जनपद के 20 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से हुए आकस्मिक निधन से शिक्षक समुदाय में भयंकर आक्रोश, क्षोभ व शोक व्याप्त है. यह जीवन के संकट का मामला है. अब हम सब अपने और साथियों को खोने की स्थिति में कतई नहीं हैं, चाहे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े.’

पत्र में कहा गया है, ‘चुनाव ड्यूटी करते समय बहुतायत शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गए हैं. चुनाव ड्यूटी से लौटने पर हजारों शिक्षक बुखार, सर्दी व खांसी से ग्रस्त होकर घर में ही आइसोलेट होकर इलाज करवा रहे हैं. कुछ शिक्षकों के बच्चे, पत्नी, माता-पिता कोरोना संक्रमित हो गए हैं. वे अपने इलाज के साथ-साथ अपने परिवार के लोगों की भी देखभाल कर रहे हैं.’

इस पत्र की प्रति गोरखपुर के कमिश्नर, मुख्य विकास अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को भी भेजा गया है.

प्राथमिक शिक्षक संघ के गोरखपुर इकाई के जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने बताया, ‘संघ को एक हजार प्राथमिक शिक्षकों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली है. इन सभी शिक्षकों ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी की थी. हमें आशंका है कि मतगणना में ड्यूटी के दौरान बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षक संक्रमित हो सकते हैं, इसीलिए हमने आरटी-पीसीआर जांच और पीपीई किट की मांग की है.’


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गोरखपुर में पंचायत चुनाव पहले चरण में 15 अप्रैल को हुए थे. प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरणों में कराया जा रहा है. अब तक तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं. आखिरी चरण का चुनाव 29 अप्रैल को होना है.

एक अन्य समाचार के अनुसार, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने 27 अप्रैल को मीडिया को जारी एक विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से प्रदेश में अब तक 38 शिक्षा मित्रों की जान जा चुकी है.

उन्होंने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौराना कोरोना संक्रमण से मरे शिक्षा मि़त्रों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग की है.

सिंह ने कहा, ‘जहरीली शराब पीने से मौत होने पर सरकार 5 से 10 लाख रुपये देती है तो इतने गंभीर मामलों में प्रभावित परिवारों को अनुकंपा राशि क्यों नहीं दी जानी चाहिए?’

त्रिभुवन सिंह ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रदेश सरकार, राज्य चुनाव आयोग, अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में शिक्षा मित्र चुनाव प्रशिक्षण व मतदान ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए हैं. करीब 10 फीसदी शिक्षा मित्र प्रशिक्षण के दौरान संक्रिमत हुए तो 90 फीसदी मतदान ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए. हमें रोज दो-तीन शिक्षा मित्रों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु की खबर मिल रही है.

(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)

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