छत्तीसगढ़: बिलासपुर में एल्कोहलयुक्त दवाई के अधिक सेवन से कम से कम नौ युवकों की मौत

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के कोरमी गांव का मामला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने पर एल्कोहलयुक्त होम्योपैथी सीरप को शराब की तरह पीने से गांव के सात युवक गंभीर रूप से बीमार हैं. पुलिस केस दर्ज कर एक होम्योपैथी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के कोरमी गांव का मामला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने पर एल्कोहलयुक्त होम्योपैथी सीरप को शराब की तरह पीने से गांव के सात युवक गंभीर रूप से बीमार हैं. पुलिस केस दर्ज कर एक होम्योपैथी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एल्कोहलयुक्त होम्योपैथी दवाई को अधिक मात्रा में पीने से कम से कम नौ युवकों की मौत तीन दिनों के दौरान हो गई तथा सात युवक बीमार हो गए हैं. पुलिस ने इसकी जानकारी दी .

बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने पर एल्कोहलयुक्त होम्योपैथी सीरप को शराब की तरह पीने से शहर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के कोरमी गांव में नौ युवकों की मौत हो गई है, वहीं सात युवक बीमार हो गए हैं.

बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कोरमी गांव के धुरीपारा मोहल्ले में बीते चार मई की रात कुछ युवकों ने नशा करने के लिए शराब उपलब्ध नहीं होने पर ड्रोसेरा-30 नामक होम्योपैथी सीरप पी ली.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि गांव के करीब एक होम्योपैथी डॉक्टर का क्लीनिक है, जहां से यह सिरप ड्रोसेरा-30 उन युवकों ने प्राप्त किया था और एल्कोहलयुक्त इस सीरप की चार-पांच बूंदें एक कप पानी में मिलाकर पीना होता है, लेकिन युवकों ने इसे शराब की तरह पी लिया और इससे उनकी मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बिलासपुर जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर कोरमी गांव में एक चिकित्सा शिविर लगाया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य लोगों ने भी दवा का सेवन किया है. साथ ही ग्रामीणों को यह दवा बेचने वाले डॉक्टर से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस ने बताया कि चार मई की रात चार लोगों की मौत हो गई, चार अन्य की मौत पांच मई को और छह मई को एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.

परिवार के लोगों ने गांव में पहले दो लोगों की मौत की जानकारी पुलिस को नहीं थी, उन्हें लगा था कि उनकी मौत कोरोना वायरस से हुई है. पुलिस गांव में पहुंची तो होम्योपैथी सीरप पीने से अन्य लोगों की मौत और बीमार पड़ने की जानकारी हुई. ये लोग सीरप को पानी मिलाकर पी रहे थे.

बिलासपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘एक होम्योपैथिक डॉक्टर ने कुछ लोगों को ड्रोसेरा-30 की 450 एमएल की शीशी 400 रुपये में बेची थी, उन लोगों से गांववालों ने ये सीरप खरीदी होगी. हमने केस दर्ज कर लिया है और डॉक्टर से पूछताछ की जा रही है.’

उन्होंने बताया कि चार मई की देर रात इसमें से चार युवकों कमलेश धुरी (32 वर्ष), अक्षय धुरी (21 वर्ष), राजेश धुरी (21 वर्ष) और समारू धुरी (25 वर्ष) की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने से पहले ही सभी की मौत हो गई.

रिपोर्ट के अनुसार, पांच मई की रात की दीपक धुरी की मौत हो गई. दीपक ने आंख से दिखाई नहीं देने और उबकाई आने की शिकायत की थी.

जानकारी के बाद पुलिस की एक टीम पांच मई की शाम गांव पहुंची थी और सीरप पीने वाले अन्य लोगों को गंभीर स्थिति में बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. उसी दिन रात को खेमचंद धुरी (41 वर्ष), रामदयाल धुरी (40 वर्ष) और कैलाश धुरी (50 वर्ष) की मौत हो गई. इसके बाद छह मई को गोवर्धन धुरी (41 वर्ष) की अस्पताल में मौत हो गई.

अग्रवाल ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)