कोरोना वायरस के स्वरूपों का पता लगाया जाए, नए म्यूटेशन पर टीकों के असर का हो आकलन: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि पता चला है कि भारत में हमारे आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से वायरस को अनुकूल माहौल मिलता है जिससे वह स्वरूप बदलकर अधिक ख़तरनाक रूप में सामने आता है. मुझे डर है कि जिस ‘डबल’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि पता चला है कि भारत में हमारे आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से वायरस को अनुकूल माहौल मिलता है जिससे वह स्वरूप बदलकर अधिक ख़तरनाक रूप में सामने आता है. मुझे डर है कि जिस ‘डबल’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के सभी स्वरूपों का वैज्ञानिक तरीकों से पता लगाने के साथ ही पूरी दुनिया को इस बारे में अवगत कराया जाए तथा सभी भारतीय नागरिकों को जल्द टीका लगाया जाए.

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह आरोप भी लगाया कि सरकार की ‘विफलता’ के कारण देश एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के मुहाने पर खड़ा हो गया है और ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए ताकि उन्हें पिछले साल की तरह पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े.

पत्र में राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं आपको एक बार फिर पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूं क्योंकि हमारा देश कोविड सुनामी की गिरफ्त में बना हुआ है. इस तरह के अप्रत्याशित संकट में भारत के लोग आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होने चाहिए. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप देश के लोगों को इस पीड़ा से बचाने के लिए जो भी संभव हो, वह करिए.’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है. इस महामारी से अब यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिलता है कि वह अपने स्वरूप बदले तथा अधिक खतरनाक स्वरूप में सामने आए. मुझे डर इस बात का है कि जिस ‘डबल म्यूटेंट’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है.’

उनके मुताबिक, इस वायरस का अनियंत्रित ढंग से प्रसारित होना न सिर्फ हमारे देश के लोगों के लिए घातक होगा, बल्कि शेष दुनिया के लिए भी होगा.

उन्होंने प्रधानमंत्री को चार सुझाव दिए हैं.

पहला-  कोरोना वायरस एवं इसके विभिन्न स्वरूपों के बारे में वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए.

दूसरा- सभी नए म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर का आकलन किया जाए.

तीसरा- सभी लोगों को तेजी से टीका लगाया जाए.

चौथा- पारदर्शी रहा जाए और शेष दुनिया को हमारे निष्कर्षों के बारे में अवगत कराया जाए.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं हैं और सरकार ने उसी समय इस महामारी पर विजय की घोषणा कर दी जब यह वायरस फैल रहा था.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विफलता के कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन अपरिहार्य लगता है.

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस स्थिति को देखते हुए कमजोर तबकों के लोगों को वित्तीय मदद और खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाए ताकि लॉकडाउन के कारण गरीबों को उस पीड़ा को न झेलना पड़े जो उन्हें पिछले साल के लॉकडाउन के समय झेलनी पड़ी थी.

उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस संकटकाल में विभिन्न पक्षों को विश्वास में लिया जाए ताकि सब मिलकर भारत को सुरक्षित रखने के लिए काम कर सकें.

इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर अपनी ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में कोविड संक्रमण के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए, जिससे महामारी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए क़दम उठाना और जवाबदेही तय करना सुनिश्चित हो सके.

प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को देश में कोरोना महामारी की स्थिति के ‘बद से बदतर’ होने का दावा किया और आरोप लगाया कि इस हालत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘महामारी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. टीकों की अपर्याप्त आपूर्ति एक जटिल, कड़वा सच है, लेकिन सरकार अब भी इनकार कर रही है. तमिलनाडु में, 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को पहली खुराक नहीं मिल रही है, और दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या बहुत छोटी है.’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘18 से 44 साल आयु वर्ग के लोगों के बीच के किसी को भी टीका नहीं लग रहा है. अन्य राज्यों में भी स्थिति बहुत अलग नहीं है.’

चिदंबरम आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर, लोकतांत्रिक सिद्धांतों का मजाक उड़ा रहे हैं.’

देश में एक दिन में कोविड-19 के 4,14,188 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को संक्रमण के कुल मामले 2,14,91,598 हो गए, जबकि 3,915 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 2,34,083 हो गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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