उत्तर प्रदेश: कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद चौथे भाजपा विधायक की मौत

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के सलोन सीट से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं के कारण निधन हो गया. पिछले महीने तीन अन्य भाजपा विधायकों की मौत हो चुकी है. पिछले साल दो भाजपा विधायकों की मौत इस महामारी के कारण हुई थी.

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दल बहादुर कोरी. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के सलोन सीट से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं के कारण निधन हो गया. पिछले महीने तीन अन्य भाजपा विधायकों की मौत हो चुकी है. पिछले साल दो भाजपा विधायकों की मौत इस महामारी के कारण हुई थी.

दल बहादुर कोरी. (फोटो साभार: फेसबुक)
दल बहादुर कोरी. (फोटो साभार: फेसबुक)

लखनऊ/रायबरेली: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद अब तक एक और भाजपा विधायक की इस संक्रामक बीमारी से मौत होने का मामला सामने आया है. इससे पहले तीन भाजपा विधायकों का निधन हो चुका है.

प्रदेश के रायबरेली के सलोन सीट से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं (पोस्ट कोविड काम्पलीकेशन) के कारण निधन हो गया. वह 64 वर्ष के थे.

पारिवारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कोरी रायबरेली की सलोन विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे और बृहस्पतिवार देर रात राजधानी के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के बाद उत्पन्न जटिलताओं के कारण उनका निधन हो गया.

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद कोरी को लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में भर्ती कराया गया था और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें वहां से छुटटी दे दी गई थी.

सूत्रों ने बताया कि बाद में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं के कारण उन्हें राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया.

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, कोरी ने 1996 में सलोन सीट से पहली बार चुनाव जीता था और राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य मंत्री रहे थे. साल 2004 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे, हालांकि एक दशक बाद वह वापस भाजपा में आ गए.

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अमेठी लोकसभा सीट के तहत आने वाले सलोन से जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था और भाजपा की ओर से स्मृति ईरानी ने यहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटकनी दे दी थी.

स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा, ‘सलोन विधानसभा क्षेत्र के विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता दल बहादुर कोरी जी का निधन हो गया. गरीब एवं वंचित की सेवा में तत्पर रहना उनके जीवन का मूल मंत्र था.’

उन्होंने कहा, ‘उनका जाना मेरे लिए निजी तौर पर एवं अमेठी के भाजपा परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है. ईश्वर दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों को साहस एवं संबल दें. प्रभु अपने चरणों में दल बहादुर जी को स्थान दें ऐसी प्रार्थना. ओम शांति.’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कोरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए इसे पार्टी की व्यक्तिगत क्षति बताई.

कोरी भाजपा के चौथे विधायक हैं, जिनकी कोरोना के कारण या उसके बाद होने वाली समस्याओं की वजह से मृत्यु हुई है.

बीते 28 अप्रैल को प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार का निधन कोरोना वायरस संक्रमण से हो गया था. वह 64 वर्ष के थे.

गंगवार वर्ष 2009 में बसपा से विधान परिषद के लिए चुने गए थे और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. पार्टी ने उन्हें नवाबगंज सीट से टिकट दिया था, जिस पर उन्होंने जीत दर्ज की थी.

इसके पहले भाजपा के लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के 76 वर्षीय विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव का बीते 23 अप्रैल की शाम कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया था. उनकी पत्नी मालती श्रीवास्तव भी संक्रमित थी, जिनका दो दिन बाद 24 अप्रैल को लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में निधन हो गया था.

23 अप्रैल की सुबह ही उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र के 56 वर्षीय भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया था. इसके अगले दिन 24 अप्रैल को उनके पिता 92 वर्षीय रामदत्त दिवाकर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.

पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्री चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का निधन भी कोविड-19 की वजह से हुआ था. कलम रानी वरुण कानपुर के घाटमपुर से विधायक रहने के साथ योगी सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल थीं. चेतन चौहान भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री थे. दोनों की मौत पिछले साल अगस्त महीने में ही हुई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)