यूपी: ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा कोविड का क़हर, कई गांवों में रोज़ उठ रहे हैं अर्थियां-जनाज़े

कोरोना की पहली लहर देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत प्रभावित नहीं कर पाई थी, लेकिन दूसरी लहर शोक का सागर लेकर आई है. बीते एक पखवाड़े में पूर्वांचल के गांवों में हर दिन कई लोग बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ़ के बाद जान गंवा रहे हैं. जांच के अभाव में इन्हें कोरोना से हुई मौतों के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

कोरोना की पहली लहर देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत प्रभावित नहीं कर पाई थी, लेकिन दूसरी लहर शोक का सागर लेकर आई है. बीते एक पखवाड़े में पूर्वांचल के गांवों में हर दिन कई लोग बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ़ के बाद जान गंवा रहे हैं. जांच के अभाव में इन्हें कोरोना से हुई मौतों के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

गोरखपुर: कोरोना की दूसरी लहर ने अब गांवों में अपना विनाशकारी रूप दिखाना शुरू कर दिया है. हर रोज गांवों से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं.

अधिकतर लोगों की मौत बुखार, खांसी व सांस फूलने के बाद हो रही है. जांच न होने से ये मौतें कोरोना में दर्ज नहीं हो रही हैं. एक पखवाड़े से अधिक समय से पूर्वांचल के गांवों में हर रोज अर्थियां और जनाजे उठ रहे हैं. बड़े-बूढ़ों का कहना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था.

गोरखपुर और देवरिया जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों में पिछले एक पखवाड़े में दस से अधिक मौतें हो चुकी हैं. कई ऐसे परिवार हैं जिन्होंने तीन-तीन सदस्यों को खोया हैं.

बुर्जुगों से लेकर नौजवानों की मौतों ने गांवों में मातम और दहशत है. कई गांवों में कोरोना के कहर से निजात के लिए सामूहिक पूजा-पाठ हो रहा है.

गोरखपुर के सरदारनगर ब्लॉक के गौनर गांव में एक पखवाड़े में 20 लोगों की मौत की खबर आई है. द वायर से बातचीत में इस गांव के रहने वाले 30 वर्षीय रामभरोसा यादव ने बताया कि उनका गांव बहुत बड़ा है, 18 टोले हैं और लगभग 13 हजार की आबादी है. अभी हुए पंचायत चुनाव में 6,700 मतदाताओं ने मतदान किया है.

यादव गौनर खास टोले के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उनके और आस-पास के टोलों में 15 अप्रैल के बाद से 20 लोगों की मौत हुई है. इसमें बड़े-बुजुर्ग से लेकर कम उम्र के भी लोग हैं.

उन्होंने बताया, ‘इनमें से कुछ लोग पहले से बीमार थे लेकिन अधिकतर लोगों की मौत कुछ दिन के बुखार, खांसी, सांस फूलने की दिक्कत से हुई है. गांव के 45 वर्षीय लाल बहादुर गुप्ता को सांस लेने में दिक्कत हुई तो घर के लोग उन्हें इलाज के लिए गोरखपुर ले जा रहे थे लेकिन उनकी रास्ते में ही मौत हो गई. रामरूप, लाल बहादुर यादव और सुखराम यादव सगे भाई थे. इनमें से लाल बहादुर की तबियत जरूर खराब थी लेकिन रामरूप व सुखराम ठीक थे. लेकिन दो दिन के अंतराल में तीनों की मौत हो गई.’

वे कहते हैं, ‘मैने इस तरह का मंजर कभी नहीं देखा था. अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से अब तक सिर्फ दो दिन ऐसा रहा जब किसी की मौत नहीं हुई नहीं तो हर रोज अर्थियां उठीं और मंझना नाले पर चिताएं जलीं.’

यादव ने बताया कि उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरदारनगर पर गांवों में बड़ी संख्या में मौतों की जानकारी दी और कोरोना जांच कराने व सैनिटाइजेशन की मांग की थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. दो दिन पूर्व कुछ स्वास्थ्य कर्मी आए और चौराहे पर सैनिटाइजेशन कर चले गए.

इसी गांव के रोशन प्रताप सिंह पिछले वर्ष लाॅकडाउन से गांव पर ही हैं. वे दिल्ली रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. वे भी गांव के हालात से चिंतित हैं.

उन्होंने बताया, ‘गांव में 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव के बाद 20 से अधिक लोगों की मौत हुई है. यदि पूरे ग्राम पंचायत से जानकारी ली जाए तो यह संख्या 50 से अधिक निकलेगी. मरने वालों में दो की उम्र 50 वर्ष से कम थी, बाकी लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक की थी.’

सिंह ने बताया, ‘लोग डर के कारण जांच नहीं करा रहे हैं. लोगों में यह धारणा बन गई है कि यदि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा जहां से कोई बचकर नहीं आएगा. बीमार लोग झोलाछाप चिकित्सकों से इजाज करा रहे हैं.’

उन्होंने बताया, ‘मैंने 80 साल के कई बर्जुगों से बात की. बुर्जुगों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी संख्या में लोगों की अर्थियां उठते नहीं देखा.

सिंह ने आगे बताया, ‘लोग डरे हुए हैं लेकिन अभी भी मास्क, सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ दिन पहले बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं कोरोना के कहर से निजात दिलाने के लिए गांव के डीह बाबा की पूजा करने इकट्ठा हुईं. यहां भी सोशल डिस्टेसिंग नहीं थी. मैंने पुलिस को फोन किया लेकिन कोई नहीं आया. गांव में सैनिटाइजेशन के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को दो बार फोन किया लेकिन दोनों बार फोन नहीं उठा.’

गौनर गांव में कोरोना से निजात के लिए सामूहिक पूजा करती महिलाएं. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)
गौनर गांव में कोरोना से निजात के लिए सामूहिक पूजा करती महिलाएं. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

सरदारनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. हरिओम पांडेय से जब इस गांव के बारे में जानकारी चाही गई तो जवाब नहीं मिला. रविवार को उन्होंने पूरे दिन फोन नहीं उठाया.

इसी तरह गोरखपुर जिले के ब्रह्मपुर गांव में पिछले 20 दिन में छह लोगों की कोरोना से मौत होने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई है. इसमें तीन मौतें एक ही परिवार की हुई हैं.

ब्रह्मपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. ईश्वर लाल खुद कोरोना संक्रमित हैं और इस समय होम आइसोलेशन में हैं.

उन्होंने बताया कि पीएचसी के अंतर्गत आने वाले 63 ग्राम सभाओं में इस समय 50 व्यक्ति पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन में है. अप्रैल से अब तक कुल 75 व्यक्ति पॉजिटिव आए हैं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

उन्होंने यह भी कहा कि गांवों से लोगों के मौत की खबरें आ रही हैं लेकिन जांच न होने के कारण कहना कठिन है कि मौत का कारण क्या है.

बड़हलगंज क्षेत्र के बैरिया खास गांव में एक सप्ताह में 10 लोगों की मौत के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम सैनिटाइजेशन और कोरोना जांच के लिए पहुंची. इस गांव के प्रधान ने स्वास्थ्य विभाग को अपने गांव में दस मौतें होने की जानकारी दी थी.

इसी के पास स्थित बेसहनी गांव में एक ही घर में कोरोना से पिता-पुत्र की कोरोना से मौत हो गई. पिपराइच क्षेत्र के लुहसी गांव में 12 दिन में नौ लोगों की मौत की खबर मीडिया में आई है. गांव के लोग इन मौतों को कोरोना से ही मान रहे हैं.

पिपराइच नगर के एक व्यापारी परिवार के चार लोगों की कोरोना से मौत हो गई है. पिपराइच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. नंदलाल कुशवाहा ने बसुही गांव में नौ लोगों की मौत से अनभिज्ञता जाहिर की.

उन्होंने कहा कि सीएचसी के अंतर्गत आने वाले 86 गांवों में अप्रैल से लेकर अब तक 150 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं और सिर्फ एक व्यक्ति की मौत हुई है.

देवरिया जिले के भागलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले अड़िला गांव में पिछले एक पखवाड़े में 17 लोगों की मौत हुई. चूंकि जांच नहीं हुई थी, इसलिए पता नहीं चला कि कोई इसमें पॉजिटिव था या नहीं.

स्थानीय मीडिया में खबर आने पर रविवार को एसडीएम संजीव कुमार यादव और स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. रंजीत कुशवाहा ने गांव जाकर कैंप लगाया और लोगों के सैंपल लिए.

डॉ. कुशवाहा ने द वायर  को बताया, ’72 एंटीजन और 56 आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूने लिए गए. इसमें 72 एंटीजन जांच में एक नमूना पॉजिटिव पाया गया है. इस गांव में पहले भी टीम भेजी थी लेकिन लोग अपनी जांच कराने के लिए तैयार नहीं हुए थे. रविवार को भी लोग जांच के लिए नहीं आ रहे थे. कई घंटे के प्रयास के बाद जांच हो पाई.’

भागलपुर कस्बे में 19 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच नौ लोगों की मौत हुई है. इसमें एक व्यक्ति के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.

बनकटा ब्लॉक के बलुअन खास गांव के निवासी भाकपा माले के नेता छोटेलाल कुशवाहा ने बताया कि उनके गांव में आधा दर्जन से अधिक लोगो की मौत हुई है. ये सभी मौतें 25 अप्रैल को पंचायत चुनाव होने के बाद हुई हैं. इनमें आधे लोग 70 से अधिक उम्र के थे, जबकि शेष 35 से 50 की उम्र के थे.

रूद्रपुर के बैदा गांव में 17 लोगों की मौत की खबर आने के बाद रूद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने वहां जाकर कैंप किया और जांच के लिए नमूने लिए.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. दिनेश कुमार यादव ने बताया कि वे खुद बैदा गांव गए थे. गांव के लोगों ने एक सप्ताह में 10 लोगों की मौत की जानकारी दी लेकिन किसी की कोविड-19 की जांच नहीं हुई थी. इसलिए मौत के कारण के बारे में नहीं बताया जा सकता.

उन्होंने बताया, ‘गांव में कैंप लगार 150 लोगों की आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूने लिए गए. इसके अलावा 200 एंटीजन जांच भी की गई. एंटीजन जांच में किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई.

उन्होंने बताया, ‘रूद्रपुर सीएचसी के अंतर्गत 159 गांव आते हैं. क्षेत्र में अप्रैल से अब तक 600 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हम पिछले पांच दिन से गांवों में कैंप लगाकर जांच करवा रहे हैं. अब तक 10 गांवों में कैंप लग चुका है.  रविवार को खोरमा व कन्हौली गांव में कैंप लगाया गया है. खोरमा गांव में छह व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.’

डॉ. यादव का कहना था कि पहले लोग जांच के लिए नहीं आते थे लेकिन अब आगे आने लगे हैं. लाॅकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण के प्रसार में कमी आ रही है.

स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन के अनुसार देवरिया जिले में अब तक 15,778 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हो चुके हैं जिसमें 143 लोगों की मौत हो चुकी है. जिले में अभी 3,092  सक्रिय मामले हैं.

गोरखपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने पिछले वर्ष से अब तक 49,682 पॉजिटिव केस होने की बात कही है. विभाग के अनुसार जिले में अब तक 522 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. अभी 8,082 एक्टिव केस हैं.

सरकारी आंकड़े कोरोना से होने वाली मौतों को बहुत कम दिखा रहे हैं लेकिन गांवो में हर रोज उठ रही अर्थियां, जनाजे और शमशान में जल रही चिताएं, कब्रिस्तान में दफन हो रहे शव कोरोना महामारी के भयंकर मंजर को सामने ला रहे हैं.

(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq