इज़राइल के हमले में बच्चों और महिलाओं समेत 26 फ़लस्तीनी नागरिकों की मौत

यरुशलम के यहूदी और मुस्लिम लोगों के पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इज़राइली सुरक्षा बलों और फ़लस्तीनी नागरिकों के बीच टकराव और फ़लस्तीनी तथा इज़राइली सुरक्षा बलों के संघर्ष के बाद ये घटनाक्रम हुआ है. हिंसा का कारण यरुशलम पर फ़लस्तीन और इज़राइल दोनों द्वारा दावा जताना है.

गाजा में इजराइली हमले के बाद घरों से उठता धुंआ और आग. (फोटो: रॉयटर्स)

यरुशलम के यहूदी और मुस्लिम लोगों के पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इज़राइली सुरक्षा बलों और फ़लस्तीनी नागरिकों के बीच टकराव और फ़लस्तीनी तथा इज़राइली सुरक्षा बलों के संघर्ष के बाद ये घटनाक्रम हुआ है. हिंसा का कारण यरुशलम पर फ़लस्तीन और इज़राइल दोनों द्वारा दावा जताना है.

गाजा में इजराइली हमले के बाद घरों से उठता धुंआ और आग. (फोटो: रॉयटर्स)
गाजा में इजराइली हमले के बाद घरों से उठता धुंआ और आग. (फोटो: रॉयटर्स)

गाजा सिटी (गाजा पट्टी): इजराइल ने मंगलवार सुबह फलस्तीन के गाजा क्षेत्र () की ओर हवाई हमले किए और एक इमारत को निशाना बनाया, जिसमें कथित तौर पर हमास के चरमपंथी रहते थे.

इन हमलों में सीमा पर स्थित दो सुरंगों को भी निशाना बनाया गया, जिन्हें चरमपंथियों ने खोदा था. वहीं हमास तथा अन्य हथियारबंद समूहों ने भी इजराइल की ओर अनेक रॉकेट दागे.

गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम सीमापार लड़ाई शुरू हो गई थी, जिसमें नौ बच्चों समेत 26 फलस्तीनी मारे गए. ज्यादातर की मौत हवाई हमलों के कारण हुई.

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने बताया कि 26 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई. इनमें नौ बच्चे और एक महिला गाजा में मारे गए. इनके अलावा 122 लोग घायल हुए थे.

वहीं इजराइल की सेना ने कहा कि मृतकों में से 16 चरमपंथी थे. गाजा के चरमपंथियों ने 200 से अधिक रॉकेट इजराइल की ओर दागे, जिनके कारण इजराइल के छह आम नागरिक घायल हो गए.

यरुशलम के यहूदी और मुस्लिम लोगों के पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इसराइली सुरक्षा बलों और फलस्तीनी नागरिकों के बीच टकराव और फलस्तीनी और इजराइली सुरक्षा बलों के संघर्ष के बाद ये घटनाक्रम हुआ है.

सोमवार को फलस्तीनी लोगों और इजराइल के सुरक्षा बलों के बीच कई घंटों तक संघर्ष हुए थे. बीते 24 घंटों में यरुशलम और वेस्ट बैंक क्षेत्र में इजराइल के सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में 700 से अधिक फलस्तीनी घायल हो गए. इनमें से 500 को अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा.

हिंसा का कारण यरुशलम पर फलस्तीन और इजराइल दोनों द्वारा दावा जताना है, जिसके पीछे एक लंबे संघर्ष का इतिहास रहा है. साल 2007 में इस्लामी आतंकवादी समूह हमास द्वारा गाजा पर नियंत्रण हासिल कर लेने के बाद इजराइल और हमास के बीच तीन युद्ध और कई संघर्ष हो चुके हैं.

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि यह लड़ाई कुछ समय तक जारी रह सकती है.

इजराइल की सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सेना गाजा में लक्ष्यों को निशाना बनाने के शुरुआती चरण में है. इन लक्ष्यों को निशाना बनाने की योजना बहुत पहले बना ली गई थी.

यह तनाव और संघर्ष ऐसे समय हो रहा है जब इजराइल में राजनीतिक अस्थिरता के हालात हैं. नेतन्याहू अभी कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं.

गाजा पट्टी पर काबिज उग्रवादी समूह हमास ने रॉकेट हमले सोमवार शाम से शुरू किए थे. मंगलवार सुबह तक हमास और अन्य उग्रवादी इजराइल की ओर 200 से अधिक रॉकेट दाग चुके थे.

कॉनरिकस ने बताया कि इजराइल की सेना ने गाजा में 130 लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिसमें एक ऊंची इमारत भी शामिल है जिनमें हमास के चरमपंथी रहते थे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यरुशलम में बढ़ती हिंसा को लेकर आपातकालीन बैठक की

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पूर्वी यरुशलम में बढ़ती हिंसा पर आपातकालीन बैठक की और एक प्रस्तावित बयान पर विचार-विमर्श किया, जिसमें इजरायल से आह्वान किया गया कि वह मामले को लेकर संयम बरतें और इस पवित्र स्थलों पर ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान करे.

संयुक्त राष्ट्र में आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायर्न नैसन ने कहा, ‘सुरक्षा परिषद को तत्काल बात करनी चाहिए, और हम आशा करते हैं कि वह आज ऐसा करने में सक्षम होगा.’

परिषद के राजनयिकों ने कहा कि सभी 15 सदस्यों ने झड़पों और बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की लेकिन इजराइल के निकटतम सहयोगी अमेरिका ने कहा कि इस समय एक बयान उपयोगी नहीं हो सकता है. बहरहाल, अमेरिका ने परिषद के विशेषज्ञों द्वारा इस बयान पर चर्चा किए जाने पर सहमति जताई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)