पी-305 हादसा: अब तक 51 की मौत, कैप्टन के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज

बीते 17 मई को अरब सागर में चक्रवाती तूफान ताउते की चलते डूबे बार्ज ‘पी-305’ में 261 लोग मौजूद थे. इनमें से 186 लोगों को बचाया गया. अब तक 51 शव मिले हैं और 27 लोग लापता हैं. मुंबई पुलिस ने बताया कि बार्ज के चीफ इंजीनियर की शिकायत पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

/
भारतीय नौसेना का जहाज पश्चिमी तट पर तलाशी और बचाव कार्यों में लगा हुआ है. (फोटो साभार: ट्विटर/@indiannavy)

बीते 17 मई को अरब सागर में चक्रवाती तूफान ताउते की चलते डूबे बार्ज ‘पी-305’ में 261 लोग मौजूद थे. इनमें से 186 लोगों को बचाया गया. अब तक 51 शव मिले हैं और 27 लोग लापता हैं. मुंबई पुलिस ने बताया कि बार्ज के चीफ इंजीनियर की शिकायत पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

भारतीय नौसेना का जहाज पश्चिमी तट पर तलाशी और बचाव कार्यों में लगा हुआ है. (फोटो साभार: ट्विटर/@indiannavy)
भारतीय नौसेना का जहाज पश्चिमी तट पर तलाशी और बचाव कार्यों में लगा हुआ है. (फोटो साभार: ट्विटर/@indiannavy)

मुंबई: पुलिस ने अरब सागर में पांच दिन पहले चक्रवाती तूफान ताउते की वजह से डूबे बार्ज (बजरे) ‘पी-305’ के कैप्टन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नौसेना ने बताया है कि इस हादसे में बजरे पर मौजूद रहे 51 लोगों के शव मिल चुके हैं, जबकि 27 लोग अब भी लापता हैं.

मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (2) (गैर इरादतन हत्या), 338 (लापरवाहीपूर्ण कृत्य से किसी को गंभीर चोट पहुंचाना) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत यहां के येलो गेट पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि इस प्राथमिकी में बजरे के कैप्टन राकेश बल्लव और अन्य के नाम हैं. प्रवक्ता के अनुसार, यह प्राथमिकी बजरे के चीफ इंजीनियर रहमान हुसैन शेख की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है.  शेख उन लोगों में शामिल हैं जो इस हादसे में जीवित बच गए.

ज्ञात हो की सोमवार (17 मई) को अरब सागर में तूफान के चलते डूबे बजरे ‘पी-305’ में 261 लोग मौजूद थे. गुरुवार तक इनमें से 186 लोगों को बचाया गया. कुल 49 कर्मियों के शव निकाले गए.

बजरे से लापता हुए 26 अन्य लोगों तथा खींचने वाली नौका वाराप्रदा से लापता हुए 11 अन्य लोगों की तलाश के लिए नौसेना और तट रक्षक अभियान चला रहे हैं.

यह बजरा और वाराप्रदा नौका को एक निजी कंपनी अफकॉन्स ने एक परियोजना के सिलसिले में तैनात किया था. यह परियोजना तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के लिए थी. तूफान ताउते के दौरान यह बजरा, नौका और सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी का एक पोत गहरे समुद्र में चले गए थे.

टगबोट ‘वरप्रदा’ के हादसे का शिकार होने के बाद लापता हुए 11 लोगों के लिए भी तलाश एवं बचाव अभियान जारी है. हालांकि चक्रवात ताउते की तबाही में और लोगों के जीवित बचे होने की संभावना क्षीण हो चुकी है.

उल्लेखनीय है कि बजरा पी-305 चक्रवाती तूफान ताउते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर सोमवार को डूब गया था.

एक अधिकारी ने बताया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए नौसेना के जवानों ने बजरे पी-305 पर मौजूद 261 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है, ‘टगबोट’ वरप्रदा पर मौजूद रहे 13 लोगों में से दो लोगों को बचा लिया गया है.

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के पोत आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता बुधवार को लोगों के शव लेकर मुंबई पहुंचे.

एक अधिकारी ने बताया कि अब लोगों के जीवित मिलने की संभावना बहुत ही कम है.

मुंबई पुलिस जांच करेगी कि चक्रवात ताउते के बारे में चेतावनी जारी करने के बावजूद बजरा पी-305 उस क्षेत्र में क्यों रूका रहा? यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. पुलिस ने बजरे पर मौजूद लोगों में से जिनके शव बरामद हुए हैं, उनके सिलसिले में दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की है.

नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘नौसेना का तलाश एवं बचाव अभियान अभी भी जारी है. नौसेना के पोत तथा विमान पी-305 पर मौजूद रहे लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं. यह बजरा सोमवार को मुंबई तट से 35 समुद्री मील की दूरी पर डूब गया था.’

उन्होंने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान में आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा, आईएनएस तेग, पी-81 टोही विमान, चेतक, एएलएच और हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है.

प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना का एक अन्य पोत आईएनएस तलवार गुजरात तट के निकट ‘ऑन सीन कॉर्डिनेटर’ है और सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) तथा ड्रिल पोत सागर भूषण की मदद कर रहा है. ओएनजीसी के अन्य पोतों की मदद से इन्हें मुंबई तट तक सुरक्षित लाया गया है.

कप्तान ने चक्रवात की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया: पी-305 के मुख्य इंजीनियर

इस बीच पी-305 के मुख्य इंजीनियर रहमान शेख ने आरोप लगाया कि बजरा के कप्तान ने चक्रवात की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया, जिस वजह से चालक दल के कम से कम 49 सदस्यों की मौत हो गई.

रहमान ने बजरा की समुद्री यात्रा के योग्य होने पर भी सवाल किया है. शेख इस दुर्घटना में घायल हो गए थे.

उन्होंने स्वस्थ होने के बाद एक वीडियो में कहा कि कप्तान बलविंदर सिंह ने जोर दिया कि हवा की रफ्तार बहुत तेज नहीं होगी और चक्रवात सिर्फ एक घंटे रुकेगा.

यह वीडियो शेख के भाई आलम ने शूट किया है. आलम ने यह वीडियो साझा किया है जिसमें शेख ने कहा है, ‘कप्तान ने कहा कि हवा की गति 75 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक नहीं होगी. यह 11 बजे शुरू होगा और 12 बजे खत्म हो जाएगा. यह पूरी घटना कप्तान और ग्राहक (क्लाइंट) की वजह से हुई है.’

बलविंदर सिंह उन 26 लोगों में शामिल हैं जो अब भी लापता हैं. बताया जाता है कि वह जीवन रक्षक जैकेट के बिना ही समंदर में कूद गए थे.

रहमान को भी 24 घंटे में पानी में रहना पड़ा और फिर नौसेना ने उन्हें बचाया. बजरा पर 261 लोग मौजूद थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)