नेपाल: राष्ट्रपति ने दूसरी बार संसद भंग कर चुनाव की घोषणा की, विपक्ष बोला- कानूनी सहारा लेंगे

नेपाल में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नई सरकार बनाने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा के कम से कम 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है. दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, दोनों ने ऐसे कुछ सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था, जिनके नाम उन दोनों की सूची में शामिल थे.

/
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली. (फोटो: रॉयटर्स)

नेपाल में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नई सरकार बनाने के लिए  275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा के कम से कम 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है. दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, दोनों ने ऐसे कुछ सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था, जिनके नाम उन दोनों की सूची में शामिल थे.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली. (फोटो: रॉयटर्स)
केपी शर्मा ओली. (फोटो: रॉयटर्स)

काठमांडू: तकरीबन छह महीने के दौरान नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने दूसरी बार संसद भंग कर 12 तथा 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की. इससे पहले उन्होंने माना कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विपक्षी गठबंधन दोनों सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं.

भंडारी की इस घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ओली ने शुक्रवार आधी रात को मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद 275 सदस्यीय सदन को भंग करने की सिफारिश की थी.

राष्ट्रपति कार्यालय से प्रेस को जारी एक बयान में कहा गया है कि संसद को भंग कर दिया गया है और नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के आधार पर मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई है.

मंत्रिमंडल ने पहले चरण का चुनाव 12 नवंबर और दूसरे चरण का चुनाव 19 नवंबर को कराने की सिफारिश की.

यह कदम तब उठाया गया, जब राष्ट्रपति कार्यालय के एक नोटिस में कहा गया कि वह न तो पदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और न ही नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को नियुक्त कर सकता है. दोनों ने ही सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन होने का दावा किया था.

प्रतिनिधि सभा के 275 सदस्यों में से चार सांसदों के दूसरी पार्टी में जाने पर उनकी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नई सरकार बनाने के लिए संसद में कम से कम 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है.

नेपाली मीडिया की खबरों के अनुसार, दिलचस्प है कि ओली और देउबा दोनों ने ऐसे कुछ सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था, जिनके नाम उन दोनों की सूची में शामिल थे.

यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति भंडारी ने राजनीतिक संकट के बाद प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर संसद भंग की है. इससे पहले पिछले साल 20 दिसंबर को भी भंडारी ने संसद भंग की थी. लेकिन बाद में फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इसे फिर से बहाल कर दिया था.

नेपाल के राजनीतिक संकट में शुक्रवार को उस वक्त नाटकीय मोड़ आ गया, जब प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया.

प्रधानमंत्री ओली विपक्षी दलों के नेताओं से कुछ मिनट पहले राष्ट्रपति के कार्यालय शीतल निवास पहुंचे और अपनी सूची सौंपी.

उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुसार पुन: प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के 121 सदस्यों और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के 32 सांसदों के समर्थन के दावे वाला पत्र सौंपा.

ओली ने संसद में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए एक और बार शक्ति परीक्षण से गुजरने में बृहस्पतिवार को अनिच्छा व्यक्त की थी.

ओली ने जो पत्र सौंपा, उसमें जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के अध्यक्ष महंत ठाकुर और पार्टी के संसदीय दल के नेता राजेंद्र महतो के हस्ताक्षर थे.

इसी तरह नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया. देउबा प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे.

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति ने विपक्षी नेताओं से कहा कि वह संवैधानिक विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद इस पर फैसला लेंगी.

बहरहाल, एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब माधव नेपाल धड़े के कुछ सांसदों ने यह दावा करते हुए बयान दिया कि उनके हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया गया है और उन्होंने विपक्षी नेता देउबा को उनकी अपनी पार्टी के प्रमुख के खिलाफ प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त करने के किसी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

नेपाल में संसद भंग करने के खिलाफ राजनीतिक एवं कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगा विपक्ष

मध्यावधि चुनाव की घोषणा होने के तुरंत बाद बड़े राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री ओली और राष्ट्रपति भंडारी की उनके ‘असंवैधानिक’ कदमों के लिए आलोचना की.

नेपाल में विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता विश्व प्रकाश शर्मा ने कहा, ‘लोग महामारी से लड़ रहे हैं और यह लोगों को तोहफा है? प्रधानमंत्री तानाशाही के अपने काल्पनिक रास्ते पर चल रहे हैं. सामूहिक रूप से संविधान का शोषण महंगा साबित होगा.’

सीपीएन-मॉइस्ट सेंटर के नेता वर्षा मान पुन ने कहा, ‘यह आधी रात को हुई लूट है. ज्ञानेंद्र शाह ऐसे कदमों के लिए शुक्रवार और आधी रात को चुनते थे. केपी ओली उन लोगों के लिए कठपुतली हैं, जो हमारे संविधान को पसंद नहीं करते और यह लोकतंत्र तथा हमारे संविधान पर हमला है.’

वरिष्ठ नेपाली कांग्रेस नेता शेखर कोइराला ने इस कदम को असंवैधानिक बताया.

अन्य नेपाली कांग्रेस नेता रमेश लेखक ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति अपना कर्तव्य भूल गई हैं और उन्होंने संविधान को रौंद डाला. वह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकतीं.

वहीं, नेपाली कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह संसद भंग करने के राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के फैसले के खिलाफ राजनीतिक एवं कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगा.

विपक्ष ने राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर लाभ के लिए संविधान का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया.

समाचार वेबसाइट माइरिपब्लिका डॉट काम की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कांग्रेस (एनसी) ने संसद भंग किए जाने के फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री ओली ने असंवैधानिक कार्य किया है.

एनसी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘इसके बावजूद राष्ट्रपति भंडारी ने देउबा के सरकार बनाने के दावे को खारिज करते हुए ओली को ही प्रधानमंत्री पद पर बने रहने में मदद की. यह कदम न केवल असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है, बल्कि यह अनैतिक भी है.’

देउबा ने राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने का आग्रह करते हुए कहा कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी लोकतांत्रिक ताकतों को मिलकर आगे आना चाहिए और इसके खिलाफ राजनीतिक तथा कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.

इस बीच नेपाली कांग्रेस के नेताओं के अलावा सीपीएन-मॉइस्ट सेंटर, सत्ताधारी सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल के धड़े और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के उपेंद्र यादव के धड़े वाले नेता आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को संसद में बैठक कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25