भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका में गिरफ़्तार, एंटीगुआ के पीएम ने कहा- भारत को सौंप दें

भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहा है. चोकसी के बीते 23 मई से उसके घर से लापता होने के बाद एंटीगुआ पुलिस उसे तलाश कर रही थी.

/
मेहुल चोकसी. (फोटो साभार: एएनआई)

भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहा है. चोकसी के बीते 23 मई से उसके घर से लापता होने के बाद एंटीगुआ पुलिस उसे तलाश कर रही थी.

मेहुल चोकसी (फोटो साभार: गीतांजलि ज्वेल्स)
मेहुल चोकसी (फोटो साभार: गीतांजलि ज्वेल्स)

नई दिल्ली: एंटीगुआ एंड बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउने ने पड़ोसी देश डोमिनिका से भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने के लिए कहा है. स्थानीय मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, लापता हीरा कारोबारी चोकसी को पड़ोस के डोमिनिका में पकड़ा गया है.

26 मई की रात (स्थानीय समयानुसार) को डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी की खबरों के बाद ब्राउने ने स्थानीय मीडिया से कहा कि उन्होंने डोमिनिका के प्राधिकारियों को चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के स्पष्ट निर्देश दिए है.

एक मीडिया संगठन ‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ ने पत्रकारों के साथ ब्राउने की बातचीत के हवाले से कहा, ‘हमने कहा है कि वे उसे एंटीगुआ प्रत्यर्पित न करें. उसे भारत लौटाने की जरूरत है, जहां वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों का सामना कर सके.’

ब्राउने ने संकेत दिया कि चोकसी के पास डोमिनिका में वैसे अधिकार नहीं होंगे, जैसे कि एंटीगुआ एंड बारबुडा में थे. 2017 में नागरिकता लेने के बाद 2018 से वह एंटीगुआ एंड बारबुडा में रह रहा था.

खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि डोमिनिका के लिए चोकसी को सीधे भारत को सौंपना आसान होगा.

हाल ही में एंटीगुआ एंड बारबुडा से भागे मेहुल चोकसी को इंटरपोल के उसके खिलाफ जारी येलो नोटिस के बाद पकड़ लिया गया था.

इंटरपोल लापता लोगों का पता लगाने के लिए येलो नोटिस जारी करता है.

चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में वांछित है. चोकसी को आखिरी बार 23 मई को एंटीगुआ एंड बारबुडा में अपनी कार में रात्रि भोजन के लिए जाते हुए देखा गया था. चोकसी की कार मिलने के बाद उसके स्टाफ ने उसे लापता बताया था.

कारोबारी के वकील विजय अग्रवाल ने पुष्टि की थी कि चोकसी 23 मई से लापता है.

चोकसी के लापता होने की खबरों ने कैरिबियाई द्वीपीय देश में उथल-पुथल मचा दी थी. विपक्ष ने एंटीगुआ एंड बारबुडा की संसद में इस मुद्दे को उठाया था.

विपक्ष को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ब्राउने ने कहा था कि उनकी सरकार चोकसी का पता लगाने के लिए भारत सरकार, पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार, चोकसी को डोमिनिका की स्थानीय पुलिस ने 26 मई की रात उस वक्त पकड़ लिया, जब वह नाव में सवार होकर क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था.

सूत्रों ने कहा कि एंटीगुआ सरकार ने चोकसी को द्वीपीय राष्ट्र में लाने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है, जहां उसे प्रत्यर्पण मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

डोमिनिका में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी से परिवार को राहत मिली है. उनके वकील विजय अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि भगोड़ा हीरा व्यापारी सुरक्षित है. उन्होंने ये भी कहा कि चोकसी खुद से डोमिनिका नहीं गए

अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘उनसे बात करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि हम जान सकें कि उन्हें डोमिनिका कैसे ले जाया गया.’

विजय अग्रवाल ने कहा कि चोकसी डोमिनिका खुद से नहीं पहुंचे थे. उन्होंने कहा,  ‘जब तक किसी को मेहुल चोकसी से पता नहीं चलता कि वह डोमिनिका में कैसे पहुंचा, तब तक कोई अटकल नहीं लगाई जानी चाहिए. मेरा मानना है कि उनका डोमिनिका पहुंचना स्वैच्छिक नहीं है. इसलिए मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है. कोई भी इस समय इस तथ्य पर गौर नहीं कर रहा है कि वह वास्तव में डोमिनिका कैसे पहुंचा.’

उन्होंने यह भी कहा कि चोकसी को केवल एंटीगुआ भेजा जा सकता है, भारत को नहीं.

उन्होंने कहा, ‘भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा 9 के अनुसार जिस क्षण मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की, वह भारत के नागरिक नहीं रहे, इसलिए कानूनी रूप से आव्रजन और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 17 और 23 के अनुसार उन्हें केवल एंटीगुआ में निर्वासित किया जा सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा एंटीगुआ हाईकोर्ट ने भारत से किसी भी अनुरोध को पूरा करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है, इसलिए मेरी समझ यह है कि उन्हें केवल एंटीगुआ वापस भेजा जाएगा है. भारत भेजे जाने का कोई सवाल ही नहीं है.’

मालूम हो कि जनवरी, 2018 में अपने भांजे और पीएनबी घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ देश छोड़कर भागने वाले गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी, उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई निशाल मोदी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी.

चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है.

नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है. दोनों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रहा है. सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए हैं.

अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है.

चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था. दोनों ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.

जून 2019 में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा था कि चोकसी की नागरिकता के आवेदन की जांच की गई थी; उसे नागरिकता मिल गई है, लेकिन उसे रद्द किया जाएगा एवं उसे वापस भारत भेजा जाएगा; (पर) इसका एक रास्ता है. ऐसा नहीं है कि हम वित्तीय अपराधों में लिप्त अपराधियों को पनाहगाह उपलब्ध करा रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)