केंद्रीय सूचना आयोग ने कोरोना संबंधी आरटीआई मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई शुरू की

केंद्रीय सूचना आयोग का ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल को जारी उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि कोरोना मामलों की सुनवाई के लिए आयोग को एक विशेष पीठ का गठन करना चाहिए. आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने इस मामले में याचिका दायर की थी. दास को इसलिए हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा था, क्योंकि सीआईसी इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर नहीं ले रही थी.

/
A man stands next to the body of his wife, who died due to breathing difficulties, inside an emergency ward of a government-run hospital, amidst the coronavirus disease (COVID-19) pandemic, in Bijnor, Uttar Pradesh, India, May 11, 2021. REUTERS/Danish Siddiqui

केंद्रीय सूचना आयोग का ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल को जारी उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि कोरोना मामलों की सुनवाई के लिए आयोग को एक विशेष पीठ का गठन करना चाहिए. आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने इस मामले में याचिका दायर की थी. दास को इसलिए हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा था, क्योंकि सीआईसी इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर नहीं ले रही थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी से संबंधित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा.

पारदर्शिता एवं सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे कि कोरोना से संबंधित आरटीआई अपीलों एवं शिकायतों को महामारी के समय ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए.

सीआईसी के लीगल डिपार्टमेंट ने बीते छह मई 2021 को इसकी घोषणा की थी, जिसमें आयोग के ही 22 जुलाई 2016 को जारी एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा गया है कोविड-19 महामारी के चलते उत्पन्न हुई स्थिति का ध्यान रखा जाएगा.

इसमें कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित मामलों की जल्दी सुनवाई हो सकती है, इसके लिए अपीलार्थी या शिकायतकर्ता को जल्द सुनवाई की इच्छा जाहिर करनी होगी और आयोग को इसके बारे में सूचित करना होगा.

साल 2016 में जारी सर्कुलर में कहा गया था कि आयोग मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के आधार पर इसकी सुनवाई में प्राथमिकता दे सकती है.

इसके साथ ही सीआईसी का ये फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 28 अप्रैल 2021 को जारी उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि कोरोना मामलों की सुनवाई के लिए सीआईसी को एक विशेष पीठ का गठन करना चाहिए.

कोर्ट ने यह भी कहा था इन मामलों पर सीआईसी प्रतिदिन तीन से चार घंटे सुनवाई करे, ताकि समयबद्ध तरीके से इनका निपटारा किया जा सके.

हाईकोर्ट ने सीआईसी और राज्य सूचना आयोग को निर्देश देते हुए यह भी कहा था कि वर्चुअल माध्यम से सुनवाई पर जोर दिया जाए.

आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने इस मामले में याचिका दायर की थी. दास को इसलिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा था, क्योंकि सीआईसी इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर नहीं ले रही थी.

इसके साथ ही सरकारी विभागों के जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी भी कोरोना से संबंधित आरटीआई के तहत जवाब देने में देरी कर रहे थे.

आरटीआई एक्ट की धारा 7(1) के तहत यदि कोई मामला व्यक्ति के ‘जीवन एवं स्वतंत्रता’ से जुड़ा है तो 48 दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होती है. लेकिन ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां ये देखा गया है कि सरकारी अधिकारी इस प्रावधान का खुला उल्लंघन कर रहे हैं.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq