झारखंड: बच्चों के यौन उत्पीड़न के आरोपी आश्रय गृह के निदेशक, वार्डन सहित चार लोग गिरफ़्तार

एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र के ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ के संचालक हरपाल सिंह थापर, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की, वार्डन गीता देवी और उसके पुत्र आदित्य सिंह और टोनी डेविड को पुलिस ने स्थानीय बाल आश्रय गृह यौन शोषण मामले में मध्य प्रदेश के सिंगरौली में माडा से बुधवार को गिरफ्तार किया.

जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम. तमिलवनन ने बताया कि पुलिस ने प्राप्त सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश के सिंगरौली के माडा में छापा मारकर चारों को गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें जमशेदपुर लाई है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों के बाल आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां बीते 11 जून को लापता हो गई थीं. इन बच्चियों का अभी तक पता नहीं लग सका है.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह की दो नाबालिग लड़कियों द्वारा यौन शोषण एवं उत्पीड़न की प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के आठ दिनों के भीतर ही बुधवार को पुलिस ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली में छापा चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

इससे पहले जिला समाज कल्याण अधिकारी ने 11 जून को आश्रय गृह के सभी 24 अल्पवयस्क लड़कियों एवं 16 लड़कों को जिले के दूसरे बाल आश्रय गृह ‘बाल कल्याण आश्रम’ में स्थानांतरित करवाया था, लेकिन इस दौरान दो नाबालिग लड़कियां लापता हो गई थीं, जिनका अब तक पता नहीं चल सका है.

जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार ने पिछले सप्ताह बताया था कि उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें पुलिस, प्रशासन एवं सभी संबद्ध विभागों के अधिकारी शामिल हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 11 जून की शाम ही उन्हें दूसरे बाल आश्रय गृह ‘बाल कल्याण आश्रम’ स्थानांतरित कर दिया गया.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम. तमिलवानन ने बताया कि दोनों नाबालिगों ने संचालक समेत अन्य पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसकी जांच हो रही है.

जमशेदपुर की बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की को मामले में नामजद किए जाने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से पदच्युत किए जाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों और अनेक संगठनों ने उपायुक्त सूरज कुमार को मांग पत्र दिए हैं.

गौरतलब है कि  झारखंड राज्य-पंजीकृत एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने आरोप लगाया गया था कि उनका लगभग चार साल से यौन उत्पीड़न किया जा रहा था और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था.

पुलिस ने उनकी शिकायत पर आश्रय गृह के संचालक हरपाल सिंह थापर,  जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की, वार्डेन गीता देवी, उसके पुत्र आदित्य सिंह, टोनी डेविड समेत अन्य के खिलाफ यौन शोषण एवं उत्पीड़न की प्राथमिकी दर्ज की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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