गुजरात: धर्म परिवर्तन रोधी क़ानून के तहत पहला मामला दर्ज, छह आरोपी हिरासत में

गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने शादी के जरिये जबरन या धोखाधड़ी कर धर्म परिवर्तन कराने के विरूद्ध हाल ही में अधिसूचित नए कानून के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज कर छह लोगों को हिरासत में लिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा पुलिस ने 26 वर्षीय समीर कुरैशी के साथ उसके माता-पिता अब्दुल कुरैशी और फरीदा, बहन रुख्सार, चाचा अल्ताफ चौहान के साथ एक अन्य व्यक्ति महर मलिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसने कथित यौन उत्पीड़न में मदद की थी. आरोपियों का कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

वडोदरा के एक थाने में की गई शिकायत में 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि वह 2018 में एक सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये आरोपी युवक से मिली थीं, जहां युवक ने अपनी पहचान छिपाकर शादी के बाद आधुनिक जीवन का वादा कर उन्हें बहकाया था.

युवती का आरोप है कि एक होटल और एक सह-आरोपी के फ्लैट में चार बार आरोपी युवक ने उनके साथ बलात्कार किया. इस दौरान युवकी ने उनकी अंतरंग तस्वीर खींच ली और उन्हें निकाह करने तथा इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था.

एफआईआर के अनुसार, इस दौरान युवती को पता चला कि वह आठ माह की गर्भवती है और आरोपी ने उन्हें गर्भपाल की गोलियां खाने पर मजबूर किया. पीड़िता की दूसरी बार भी गर्भवती हुई और उनकी इच्छा के विरुद्ध 21 सप्ताह के गर्भ के दौरान एक डॉक्टर के क्लीनिक में उनका गर्भपात कर दिया गया था.

पुलिस उपायुक्त (जोन 2) जयराजसिंह वाला ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी, जो एक मटन की दुकान का मालिक है, ने महिला को एक धार्मिक स्थान पर ले गया और उसे निकाह करने के लिए मजबूर किया, जिससे उसे इस्लाम अपनाने और अपना नाम बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पीड़िता, जो एक अनुसूचित जाति से संबंधित है, ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने इस्लाम का पालन करने से इनकार कर दिया तो आरोपी और उसके परिवार ने उसे जातिवादी गालियां दीं.

संबंधित पुलिस स्टेशन के निरीक्षक ने बताया, ‘युवती ने आरोप लगाया है कि हाल ही में आरोपी युवक ने एक दूसरी महिला से शादी करने का फैसला किया और पीड़िता को उसे छोड़ने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. आरोपी ने बार-बार युवती को धमकी दी कि अगर वह युवक के परिवार के धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर दिए गए आदेश का पालन नहीं करती तो उसके परिवार (युवती के) को जान से मार दिया जाएगा.’

गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 की धारा 4 के तहत जबरन धर्मांतरण के लिए लालच और शादी में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के अलावा आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए (घरेलू हिंसा), 376 (2) एन (एक महिला के साथ कई बार बलात्कार), 377  (अप्राकृतिक सेक्स), 312, 313 (जानबूझकर एक गर्भवती महिला का उसकी इच्छा के विरुद्ध गर्भपात कराना), 504 (शांति भंग के लिए जान बूझकर उकसावा), 504 (2) (आपराधिक धमकी), 120बी (आपराधिक साजिश) के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराएं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि गुजरात सरकार ने गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को बीते 15 जून से लागू कर दिया है. इस विधेयक को राज्य विधानसभा ने बीते एक अप्रैल को बहुमत से पारित किया था और इसे गुजरात के राज्यपाल ने मई में मंजूरी दे दी थी.

सरकार के अनुसार, गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 के जरिये धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से महिलाओं को शादी के जाल में फंसाने के उभरते चलन पर रोक लगाई जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)