‘संघवालों ने कहा था कि गांधी की हत्या वाला रिवॉल्वर उनके पास है, उसी से मुलायम को मारा जाएगा’

एक दौर में मुलायम सिंह यादव को इस बात की आशंका थी कि संघ उनकी हत्या की साज़िश रच रहा है.

एक दौर में मुलायम सिंह यादव को इस बात की आशंका थी कि संघ उनकी हत्या की साज़िश रच रहा है.

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फाइल फोटो: पीटीआई

हाल ही में कन्नौज की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने कुर्सी के मोह में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की हत्या की कोशिश करने वाली कांग्रेस से गठबंधन की शर्मनाक हरकत की है.

हालांकि  मुलायम सिंह यादव ने इस घटना की चर्चा कभी नहीं की. लेकिन एक दौर में मुलायम सिंह को इस बात की आशंका थी कि संघ उनकी हत्या की साज़िश रच रहा है. पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बाकायदा इसकी चर्चा की है. यह साक्षात्कार त्रिपाठी की किताब ‘अग्निपरीक्षा’ में प्रकाशित है.

साक्षात्कार में मुलायम सिंह यादव कहते हैं,

‘विश्वनाथ प्रताप सिंह मुझसे बात ही नहीं करते थे, लेकिन चंद्रशेखरजी दिन में तीन बार फ़ोन करते थे. उनको कही से यह जानकारी मिल गई थी कि मुलायम सिंह यादव की हत्या हो सकती है. यह बात संभवत: शरद पवार ने उनको बताई थी. उन्हें कहीं से संघ परिवार की कुछ बातें पता चल गई थीं. उन्हें यह भनक लग गई थी कि मुलायम सिंह ने जो मस्जिद की रक्षा की है उसके कारण उनकी जान ली जा सकती है.

संघ वालों ने कहा भी था कि गांधीजी की हत्या करने वाले रिवॉल्वर उनके पास है. उसी से मुलायम सिंह को मारा जाएगा.

शायद शिवसेना वाले कहीं इस तरह की योजना बना रहे थे. चंद्रशेखर जी इन स्थितियों में बहुत भावुक हो गए थे. एक बार उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव पांच हज़ार यादव लड़के होमगार्ड के नाम पर भर्ती कर लो. उन्हें राइफल दे दो. वे एक पांव पर खड़े हो जाएंगे आपके लिए. इस तरह बाबरी मस्जिद बच जाएगी.

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बाबरी मस्जिद विध्वंस. फाइल फोटो:पीटीआई

इन स्थितियों के बावजूद हम कमांडो इस्तेमाल नहीं करते थे. जब शरद पवार ने चंद्रशेखर जी को बताया कि मुलायम की जान को खतरा है तो उन्होंने एक घंटे के अंदर जहाज भरकर सरकारी कमांडों भेज दिए. जब हमने अपना घर कमांडो से घिरा देखा तो पूछा क्या बात है? पता चला कि ये लोग प्रधानमंत्री के आदेश पर आए हैं.

हमने चंद्रशेखर जी को फ़ोन कर पूछा कि क्या बात है? बोले, हमने भेजा है. आपकी जान को खतरा है. इसलिए ज़रूरी है.’

साभार: अग्निपरीक्षा, कौटिल्य बुक्स

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