उत्तर प्रदेश से नदी में बहकर बंगाल आ रहे शव, अंतिम संस्कार किया गया: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से बहुत से शव नदी में बहकर पश्चिम बंगाल आ गए हैं. मालदा ज़िले में हमने कुछ शव देखे हैं. हमने उनमें से कुछ का अंतिम संस्कार कर दिया है. बीते दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से बहुत से शव नदी में बहकर पश्चिम बंगाल आ गए हैं. मालदा ज़िले में हमने कुछ शव देखे हैं. हमने उनमें से कुछ का अंतिम संस्कार कर दिया है. बीते दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश से बहुत से शव गंगा में बहकर बंगाल आ गए हैं, जिनसे नदी का पानी प्रदूषित हुआ है.

उन्होंने कहा कि मालदा जिले में नदी में सड़े-गले शव देखे गए हैं, जिनमें से कुछ का अंतिम संस्कार राज्य सरकार ने किया है.

बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तर प्रदेश से बहुत से शव नदी में बहकर पश्चिम बंगाल आ गए हैं. मालदा में हमने कुछ शव देखे हैं. हमने उनमें से कुछ का अंतिम संस्कार कर दिया है.’

बता दें कि गंगा नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.

बता दें कि बीते दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे. बीते 10 मई को उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बिहार में बक्सर जिले के चौसा के समीप गंगा नदी से 71 शवों को निकाला गया था.

इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 2000 से अधिक शव आधे-अधूरे तरीके या जल्दबाजी में दफनाए गए या गंगा किनारे पर मिले हैं.

दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट के अनुसार, मई महीने के दूसरे सप्ताह में अकेले उन्नाव में 900 से अधिक शवों को नदी के किनारे दफनाया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि कन्नौज में यह संख्या 350, कानपुर में 400, गाजीपुर में 280 बताई थी.  इसके अनुसार, मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे शवों की संख्या लगातार बढ़ रही थी.

इसके बाद केंद्र ने इन दोनों राज्‍यों से कहा था कि शवों को गंगा और इसकी सहायक नदियों में फेंकने पर रोक लगाई जाए. साथ ही उनके सुरक्षित और सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर जोर दिया जाए.

हालांकि, 15 मई को केंद्र सरकार के साथ हुई एक बैठक में यूपी सरकार ने कहा कि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में शवों को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा रही है.

इससे पहले नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने सभी 59 जिला गंगा समितियों को एडवाइजरी जारी कर नदी में बह रहे शवों की  समस्या के निपटान के लिए आवश्यक कदम उठाने और इससे संबंधित रिपोर्ट 14 दिनों के भीतर पेश करने को कहा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)