बाराबंकी: यूपी पुलिस ने द वायर, इसके पत्रकारों के ख़िलाफ़ 14 महीनों में चौथी एफआईआर दर्ज की

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाराबंकी में अवैध तरीके से एक मस्जिद को ध्वस्त करने की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार रात द वायर और इसके दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. मस्जिद को कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बीते मई में ध्वस्त किया गया था, जिसकी ख़बर भारत और विदेशों में द वायर सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित की थी.

/
नष्ट किए जाने से पहले बाराबंकी की मस्जिद (फोटोः स्पेशल अरेंजमेंट)

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाराबंकी में अवैध तरीके से एक मस्जिद को ध्वस्त करने की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार रात द वायर और इसके दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है. मस्जिद को कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा बीते मई में ध्वस्त किया गया था, जिसकी ख़बर भारत और विदेशों में द वायर सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित की थी.

नष्ट किए जाने से पहले बाराबंकी की मस्जिद (फोटोः स्पेशल अरेंजमेंट)
नष्ट किए जाने से पहले बाराबंकी की मस्जिद. (फोटोः स्पेशल अरेंजमेंट)

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाराबंकी में एक मस्जिद को अवैध तरीके से ध्वस्त करने की रिपोर्टिंग को लेकर गुरुवार रात को द वायर और इसके दो पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.

यह मस्जिद कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन द्वारा 17 मई 2021 को ध्वस्त की गई थी, जिसकी भारत और विदेशों में द वायर सहित और कई अन्य मीडिया संस्थानों ने रिपोर्टिंग की थी.

द वायर का यह वीडियो रामसनेही घाट तहसील के परिसर के भीतर स्थित इसी मस्जिद को जिला प्रशासन द्वारा नष्ट करने के बारे में था, जिसे प्रशासन ने अपने आदेश में मस्जिद के बजाय अवैध ढांचा बताया था.

इस वीडियो में स्थानीय लोगों को बाराबंकी के रामसनेही घाट में गरीब नवाज अल मरुफ मस्जिद को अवैध तरीके से ध्वस्त करने के बारे में बताते हुए देखा जा सकता है.

द वायर  ने बताया था कि गरीब नवाज अल मरुफ मस्जिद यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड में पंजीकृत है. वक्फ बोर्ड ने जिला प्रशासन की गतिविधि को अवैध बताया है और इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है.

वीडियो दिखाता है कि द वायर  के पत्रकार इस मामले पर चर्चा के लिए रामसनेही घाट के मौजूदा सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जितेंद्र कटियार से मिलना चाहते हैं लेकिन कटियार इस मामले पर कुछ भी कहने से यह कहते हुए इनकार कर देते हैं कि उनके पदभार संभालने से पहले ही मस्जिद को कथित तौर पर ढहा दिया गया था इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे.

रामसनेही घाट पर बनाया गया यह वीडियो 22 जून 2021 को द वायर के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित हुआ था. इसके बाद द वायर  की वेबसाइट पर स्टोरी के तौर पर अपलोड किया गया था और अगले दिन इसे ट्वीट किया गया था.

यह एफआईआर एक पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. बाराबंकी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में मस्जिद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है और ध्वस्त किए गए ढांचे को अवैध इमारत बताया गया है.

एफआईआर आईपीसी की धारा 153 (दंगा करने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 505 (1) (बी) (समाज में डर फैलाना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (आम मंशा से कई लोगों द्वारा किया गया काम) के तहत दर्ज की गई है.

एफआईआर में कहा गया है कि द वायर  और इसके दो पत्रकारों सिराज अली, मुकुल सिंह चौहान के द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए वीडियो समाज में वैमनस्य फैलाते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित करते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने गुरुवार रात को जारी बयान में कहा कि वीडियो में गलत और आधारहीन जानकारी है.

उन्होंने कहा, ‘वीडियो में कई गलत और आधारहीन बयान हैं, इनमें से एक में कहा गया है कि प्रशासन और पुलिस ने धार्मिक ग्रंथों को नाले और नदी में फेंक दिया था. यह गलत है. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. इस तरह की गलत सूचना के जरिए द वायर  समाज में वैमनस्य फैलाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.’

बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने कहा कि मोहम्मद नईम का नाम एफआईआर में है क्योंकि उसने नदी और नाले में धार्मिक ग्रंथों को फेंके जाने के बारे में गलत बयान दिया था.

द वायर, सिराज अली और मुकुल सिंह चौहान के अलावा एफआईआर में मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और एक स्थानीय निवासी मोहम्मद नईम का भी नाम शामिल हैं, जिनसे वीडियो में बात की गई थी.

द वायर  ने बाराबंकी पुलिस के इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए यूपी सरकार पर राज्य में रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों के काम का अपराधीकरण करने का आरोप लगाया है.

द वायर  के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने गुरुवार को मीडिया में जारी बयान में कहा, ‘बीते 14 महीनों में द वायर  और इसके पत्रकारों के खिलाफ यह यूपी पुलिस की चौथी एफआईआर है और हर मामला आधारहीन है. योगी आदित्यनाथ सरकार मीडिया की स्वतंत्रता में विश्वास नहीं रखते और राज्य में रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों के काम का अपराधीकरण करने में विश्वास करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में नेता और असामाजिक तत्व खुलेआम सांप्रदायिक नफरत फैला रहे हैं और हिंसा की वकालत कर रहे हैं लेकिन पुलिस इन्हें सांप्रदायिक सौहार्द और कानून एवं व्यवस्था बिगाड़ने के तौर पर नहीं देखती लेकिन जब पत्रकार सरकार के गलत काम का भंडाफोड़ कर रहे आम लोगों के बयान की रिपोर्टिंग करती है तो तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली जाती है. द वायर  इस तरह के हथकंडों से डरने वाला नहीं है.’

पुलिस द्वारा दर्ज किए गए अन्य मामले

दस दिन पहले 14 जून को एक ट्वीट को लेकर द वायर  के खिलाफ गाजियाबाद में एक एफआईआर दर्ज की गई थी. दरअसल यह ट्वीट गाजियाबाद में एक मुस्लिम शख्स पर हमले को लेकर था.

वहीं, फरवरी 2021 में रामपुर पुलिस ने 26 जनवरी 2021 को किसान प्रदर्शन के दौरान एक युवा किसान की मौत पर उसके दादा के दावों की रिपोर्टिंग को लेकर वरदराजन और द वायर की पत्रकार इस्मत आरा के खिलाफ रामपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. किसान के दादा ने अपने बयान में कहा था कि उनके पोते की मौत दुर्घटना में नहीं बल्कि गोली लगने से हुई है.

इससे पहले अप्रैल 2020 में अयोध्या पुलिस ने द वायर  में प्रकाशित एक रिपोर्ट को लेकर वरदराजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि अयोध्या में एक बड़े धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन की योजना है जबकि दिल्ली में तबलीगी जमात मामले में कोरोना वायरस फैलाने को लेकर मुस्लिम संप्रदाय को निशाना बनाया गया था.

इस संबंध में यूपी पुलिस 2020 में देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच अप्रैल महीने में अयोध्या पुलिस वरदराजन को अयोध्या पुलिस स्टेशन ले जाने के लिए उनके घर पहुंची थी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq