वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज एक और ढकोसला है: राहुल गांधी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड- 19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड- 19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना समेत कई कदमों की घोषणा किए जाने को ‘एक और ढकोसला’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि इस ‘आर्थिक पैकेज’ से कोई परिवार अपने रहने, खाने, दवा और बच्चे की स्कूल की फीस का खर्च वहन नहीं कर सकता.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘वित्त मंत्री के ‘आर्थिक पैकेज’ से कोई परिवार अपने रहने-खाने-दवा-बच्चे की स्कूल फ़ीस का ख़र्च वहन नहीं कर सकता. पैकेज नहीं, एक और ढकोसला!’

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा, ‘कुछ बुनियादी सच्चाई: कोई बैंकर कर्ज के बोझ तले दबे कारोबार को ऋण नहीं देगा. कर्ज के बोझ से दबे या नकदी की किल्लत का सामना कर रहे कारोबार अब और अधिक कर्ज नहीं चाहते. उन्हें कर्ज से इतर पूंजी की जरूरत है.’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘उस स्थिति में मांग (उपभोग) से अर्थव्यवस्था में गति नहीं आएगी जहां नौकरियां खत्म हो गई हों और आय कम हो गई हो. इस संकट का एक समाधान यह है कि लोगों के हाथ में पैसे दिए जाएं, खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद की जाए.’

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड- 19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिये 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिये आपातकाल ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये किए जाने का ऐलान भी किया.

इसके अलावा, सीतारमण ने कोरोना वायरस से आहत अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त कोष देने, पर्यटन एजेंसियों और टूरिस्ट गाइडों को कर्ज तथा पांच लाख विदेशी पर्यटकों को शुल्क मुक्त वीजा जैसे उपायों की घोषणा की.

पूर्व में घोषित मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत नवंबर तक मुफ्त अनाज दिए जाने पर 93,869 करोड़ रुपये और उर्वरक पर 14,775 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सब्सिडी खर्च सहित कुल मिलाकर अतिरिक्त 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई.

प्रोत्साहन पैकेज में ज्यादातर कोविड-प्रभावित क्षेत्रों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिये बैंकों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को सरकारी गारंटी देने का प्रावधान किया गया है.

अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने पर सरकार के उपाय पूर्व की घोषणाओं की रीपैकेजिंग की कवायद: माकपा

माकपा ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा महामारी प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए घोषित उपायों को ‘व्यय में कोई वृद्धि नहीं होने के साथ पहले की गई घोषणाओं की रीपैकेजिंग करने की एक और कवायद’ करार दिया.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा होना चाहिए, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी.

घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए येचुरी ने ट्वीट किया, ‘व्यय में वृद्धि किये बिना पहले की गई घोषणाओं की रीपैकेजिंग की एक और कवायद. लोगों को जीने के लिए और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के वास्ते मांग बढ़ाने को क्रय शक्ति की आवश्यकता है. यह वह नहीं करता है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी कम टीकाकरण दर और सामने आ रहे नये स्वरूपों को देखते हुए मुफ्त वीजा पर्यटकों की आमद को बढ़ावा देने वाला नहीं है. इसी तरह, पर्यटन ‘हितधारकों’ के लिए ऋण गारंटी कोई प्रोत्साहन नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा कि केवल दो नए अतिरिक्त परिव्यय पूर्व घोषित 14,775 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बहुत देरी के बाद 93,869 करोड़ रुपये के पीएमजीकेएवाई विस्तार के लिए है.

उन्होंने कहा, ‘अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारी 2016 के नोटबंदी से पस्त होने के बाद महामारी लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. भारत रोजगार योजना में उन्हें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इसमें केवल भविष्य निधि भुगतान शामिल हैं.’

माकपा नेता ने कहा, ‘भारत को आज जिस चीज की जरूरत है, वह है लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसा देना ताकि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए घरेलू मांग को बढ़ाया जा सके.’

उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को महामारी से लड़ने के लिए सभी के लिए मुफ्त गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित स्वास्थ्य पैकेज 7.95 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण और निवेश की गारंटी का एक सेट है ‘जो स्वास्थ्य लागत में वृद्धि करेगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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