मणिपुरः स्थानीय अख़बार की प्रतियां जलाने पर पत्रकार संगठनों की आपत्ति, शिकायत दर्ज कराई

घटना इंफाल पूर्वी ज़िले की है. एक स्थानीय अख़बार के स्तंभकार के घर के बाहर क़रीब 20 लोगों ने इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की और समाचार पत्र की प्रतियां जलाई. इन स्तंभकार ने एक लेख में इंफाल के कांगला किले के अंदर कंगलाशा की प्रतिमा से प्रॉप्स हटाने के लिए उठाए गए क़दमों का उल्लेख किया था.

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घटना इंफाल पूर्वी ज़िले की है. एक स्थानीय अख़बार के स्तंभकार के घर के बाहर क़रीब 20 लोगों ने इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की और समाचार पत्र की प्रतियां जलाई. इन स्तंभकार ने एक लेख में इंफाल के कांगला किले के अंदर कंगलाशा की प्रतिमा से प्रॉप्स हटाने के लिए उठाए गए क़दमों का उल्लेख किया था.

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इंफालः ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) ने एक स्थानीय समाचार पत्र की प्रतियां जलाने के मामले में शुक्रवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना इंफाल पूर्वी जिले में शुक्रवार को एक अख़बार के स्तंभकार आरके निमाई के आवासीय गेट के बाहर हुई.

एएमडब्ल्यूजेयू के कार्यकारी ने कहा कि यह पता चला कि लगभग 20 लोगों ने निमाई के घर के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और स्थानीय समाचार पत्र की प्रतियां जलाई. इस समाचार पत्र में स्तंभकार निमाई का लेख प्रकाशित हुआ था.

एएमडब्ल्यूजेयू के कार्यकारी ने बताया कि निमाई ने इस लेख में इंफाल के कांगला किले के अंदर कांगला (पौराणिक प्राणी) की प्रतिमा से प्रॉप्स हटाने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया था.

बता दें कि कांगला किला मणिपुर के तत्कालीन साम्राज्य का प्रशासनिक केंद्र था.

सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना के वीडियो में कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को निमाई के विचारों का विरोध करते हुए नारेबाजी करते और अखबार की प्रतियां जलाते देखा जा सकता है.

इस मामले पर निमाई ने कहा, ‘ऐसा कृत्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का एक प्रयास है, जिसकी गारंटी भारतीय संविधान के तहत दी गई है. मैं एएमडब्ल्यूजेयू से ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं.’

इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एएमडब्ल्यूजेयू और ईजीएम ने शुक्रवार देर शाम आपात बैठक बुलाई, जिसमें घटना की निंदा की गई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पर बात हुई.

डीजीपी को लिखे पत्र में पत्रकार संगठनों ने पुलिस से घटना में शामिल लोगों को सात दिनों के भीतर गिरफ्तार करने को कहा. इसके साथ ही पोकनाफम कार्यालय पर हाल ही में हुए बम हमलों और एएमडब्ल्यूजेयू, आईएसटीवी और इम्पैक्ट टीवी द्वारा दर्ज कराए गए साइबर अपराधों को लेकर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को भी कहा.