असम में पुलिस मुठभेड़ जारी, वकील ने एनएचआरसी में शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की

वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.

/

वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम पुलिस ने दो अलग-अलग मुठभेड़ों में कम से कम एक और आरोपी को मार गिराया, जबकि एक अन्य के घायल होने की खबर है. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दो महीने पहले सत्ता में आने के बाद सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ के मामले बढ़े हैं.

वहीं, असम के रहने वाले दिल्ली के एक वकील ने हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से हुई कई मुठभेड़ों को लेकर असम पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में शिकायत दर्ज कराई है.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवीनतम मुठभेड़ नौगांव जिले में बीते 10 जुलाई को हुई.

उन्होंने कहा, ‘पहली मुठभेड़ नौगांव कस्बे के बोरघाट चारिआली में हुई जहां पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार दो मादक द्रव्य तस्करों को रोका. दोनों से जब इंतजार करने के कहा गया तो उन्होंने भागने की कोशिश की. इसलिए हमें उन्हें रोकने के लिए गोली चलानी पड़ी, उन्हें मारने के लिए नहीं.’

अधिकारी ने कहा कि एक आरोपी की जांघ में गोली लगी है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है, जबकि दूसरे को गिरफ्तार कर लिया गया है.

दूसरी घटना ढिंग पुलिस थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक दल सूचना मिलने के बाद एक कुख्यात डकैत को पकड़ने के लिए पहुंचा था.

उन्होंने कहा, ‘नौगांव और मोरीगांव जिले में यह डकैत सक्रिय था और उसने पुलिस पर पूर्व में हमला भी किया था. जब पुलिस दल उसके घर पहुंचा तो उसने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी. हमनें जवाबी कार्रवाई की, जिसमें वह घायल हो गया. हम उसे अस्पताल लेकर गए, लेकिन चिकित्सकों ने वहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया.’

कोकराझार और चिरांग जिलों में बीते 10 जुलाई को अलग-अलग घटनाओं में एक हत्या आरोपी मारा गया और हिरासत से भागने का प्रयास करने पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में दो कथित गांजा तस्कर घायल हो गए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, असम के रहने वाले दिल्ली के एक वकील ने दो महीने पहले हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से हुई कई मुठभेड़ों को लेकर असम पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने अधिकार निकाय से संज्ञान लेने और इन घटनाओं की जांच करने का भी आग्रह किया है.

वकील आरिफ जवादर ने बीते 10 जुलाई को मानवाधिकार आयोग को दी अपनी शिकायत में कहा कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. इस तरह के मुठभेड़ों का कारण यह बताया गया है कि उन्होंने हथियार छीनकर पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी.

जवादर ने दावा किया कि हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. उन्होंने शिकायत में कहा कि सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.

उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ की मौके पर ही मौत हो गई, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है.

बता दें कि बीते छह जुलाई को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने पदभार संभालने के बाद हुईं कई मुठभेड़ों को उचित ठहराते हुए कहा था कि अपराधी अगर भागने का प्रयास करते हैं या गोलीबारी करने के लिए पुलिस से हथियार छीनते हैं तो मुठभेड़ पैटर्न होना चाहिए.

शर्मा ने कहा था, ‘जब कोई मुझसे पूछता है कि क्या राज्य में मुठभेड़ का पैटर्न बन गया है तो मैंने कहा कि अगर अपराधी पुलिस हिरासत से भागने का प्रयास करता है तो (मुठभेड़) पैटर्न होना चाहिए.’

शर्मा ने कहा कि आरोपी या अपराधी पहले गोली चलाते हैं या भागने का प्रयास करते हैं तो कानून में पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.

असम के कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने 9 जुलाई को कहा था कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के हिरासत से भागने या बंदूक छीनकर भागने का प्रयास करने वाले अपराधियों को गोली मार देने वाले बयान के गंभीर नतीजे होंगे और असम ‘पुलिस राज्य’ में बदल जाएगा.

बोरा ने कहा था, ‘शर्मा को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उच्चतम न्यायालय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय दोनों ने फैसला सुनाया है कि अपराधी कितने भी खूंखार क्यों न हों, उन्हें जिंदा पकड़ा जाना चाहिए और पुलिस को आरोपियों पर गोली चलाने या उन्हें अपनी मर्जी से मारने का कोई अधिकार नहीं है.’

राज्य में मई के बाद करीब 12 संदिग्ध उग्रवादी और अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं, क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने हिरासत से भागने का प्रयास किया, वहीं बलात्कार के आरोपियों और पशु तस्करों सहित कई अन्य मुठभेड़ में जख्मी हुए हैं.

विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस सरकार में असम पुलिस क्रूर हो गई है. मुठभेड़ों में इजाफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने दावा किया था कि असम पुलिस अपनी कमी को छिपाने और नई सरकार को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है.

वहीं, रायजोर दल के प्रमुख और विधायक अखिल गोगोई ने भी आरोप लगाया था कि मुठभेड़ के नाम पर पुलिस द्वारा सरेआम हत्या की जा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq