जेएनयू में कोविड केयर सेंटर बनने में हुई देरी को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा

हाईकोर्ट जेएनयू शिक्षक संघ, छात्र संघ और दो संकाय सदस्यों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कोविड-19 से निपटने के लिए परिसर में चिकित्सा सुविधाओं की मांग की गई थी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह समय बर्बाद नहीं कर सकती, साथ ही स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय. (फोटो: पीटीआई)

हाईकोर्ट जेएनयू शिक्षक संघ, छात्र संघ और दो संकाय सदस्यों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कोविड-19 से निपटने के लिए परिसर में चिकित्सा सुविधाओं की मांग की गई थी. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह समय बर्बाद नहीं कर सकती, साथ ही स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के अंदर एक कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दिल्ली सरकार को सोमवार को समय दे दिया और सवाल किया कि उसने अब तक इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की.

जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, ‘आप समय बर्बाद नहीं कर सकते. दिल्ली सरकार क्या कर रही है? जब चीजें बिगड़ जाती हैं और आपको कुछ समझ में नहीं आता है तो आप दूसरों पर दोष मढ़ने लगते है.’

दिल्ली सरकार के वकील रिजवान ने कहा कि केंद्र स्थापित करने के लिए प्रासंगिक फाइल विचार और अनुमोदन के लिए लंबित है.

उन्होंने अदालत को बताया, ‘हमने फाइल स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है. दिल्ली सरकार ने कोई स्थिति रिपोर्ट दाखिल नहीं की है.’

अदालत ने इस बात पर गौर किया कि अनुमोदन एक महीने से लंबित है. रिजवान ने अदालत को आश्वासन दिया कि कार्रवाई की जाएगी और दो सप्ताह के भीतर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते 28 मई को जेएनयू ने अदालत को बताया कि परिसर के अंदर एक कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने के लिए एक साइट की पहचान की गई है और उसका निरीक्षण भी किया गया है.

वहीं, सरकार ने अदालत को बताया था कि एक कोविड-19 अस्पताल को इस देखभाल केंद्र से जोड़ा जाना आवश्यक है, को अंतिम रूप दे दिया गया है और इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को पहले ही फाइल भेजा जा चुका है.

अदालत ने कहा था कि उसे उम्मीद थी कि 12 जुलाई से पहले कोविड देखभाल केंद्र चालू हो जाएगा.

अदालत जेएनयू शिक्षक संघ, जेएनयू छात्र संघ और दो संकाय सदस्यों की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड-19 से निपटने के लिए परिसर में चिकित्सा सुविधाओं, कोविड देखभाल टीम, ऑक्सीजन सुविधाओं की स्थापना की मांग की गई थी.

दोनों संघों और संकाय की ओर से पेश अधिवक्ता अभिक चिमनी ने अदालत को बताया कि दो आदेश पारित होने के बावजूद, दिल्ली सरकार ने अभी तक एक कोविड देखभाल केंद्र स्थापित नहीं किया है.

उन्होंने कहा, ‘एक कोविड देखभाल केंद्र के लिए आपको इतने समय की आवश्यकता नहीं है. यह अस्पताल नहीं है.’

जेएनयू की वकील मोनिका अरोड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने केंद्र स्थापित करने के लिए जगह पहले ही निर्धारित कर ली है और पानी और बिजली देने के लिए भी सहमत है.

दिल्ली सरकार को दो सप्ताह का समय देते हुए अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख से पहले एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 13 अगस्त तय की.

गौरतलब है कि अदालत ने मई में निर्देश दिया था कि जेएनयू के अंदर उन निवासियों को पृथक करने के लिए एक कोविड ​​देखभाल केंद्र तत्काल स्थापित किया जाए, जो इस महामारी से संक्रमित पाए गए हैं क्योंकि परिसर के अंदर कोरोना वायरस के मामले काफी अधिक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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