दुनियाभर में सबसे अधिक सरकारी सूचना अनुरोध भारत से आए: ट्विटर

ट्विटर की द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2020 की दूसरी छमाही के दौरान सरकारी सूचनाओं के लिए भारत से जो अनुरोध आए, वो वैश्विक संख्या का 25 फीसदी हिस्सा है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

ट्विटर की द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2020 की दूसरी छमाही के दौरान सरकारी सूचनाओं के लिए भारत से जो अनुरोध आए, वो वैश्विक संख्या का 25 फीसदी हिस्सा है.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: बुधवार को जारी द्विवार्षिक ट्विटर पारदर्शिता रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 की दूसरी छमाही के दौरान भारत सरकारी सूचना अनुरोधों का सबसे बड़ा स्रोत है, जो वैश्विक संख्या का 25 फीसदी हिस्सा है.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ट्विटर को जून से दिसंबर, 2020 तक छह महीने की अवधि में 51,584 खातों के लिए 14,561 ऐसे अनुरोध प्राप्त हुए जिनमें से 7,762 खातों के लिए 3,615 अनुरोध भारत से थे.

भारत की ओर से यह साल की पहली छमाही से लगभग 38 फीसदी की वृद्धि है, जब इस तरह के अनुरोधों की संख्या 2,613 थी.

कंपनी ने एक ब्लॉग में कहा, ‘पिछले एक साल में हमने अनुभव किया है और गंभीर वैश्विक चुनौतियों का सामना करना जारी रखा है, जिसमें कोरोना वायरस महामारी भी शामिल है. हमने सरकारों द्वारा आम तौर पर इंटरनेट और विशेष रूप से ट्विटर तक पहुंच को सीमित करने के ठोस प्रयासों को भी देखा है.’

इसमें कहा गया है कि वैश्विक सरकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पिछली रिपोर्टिंग अवधि की तुलना में लगभग 15 फीसदी अधिक सूचना अनुरोध प्रस्तुत किए हैं.

जून-दिसंबर की अवधि के लिए, सरकारी सूचना अनुरोधों की अनुपालन दर वैश्विक स्तर पर 30 फीसदी और भारत में 0.6 फीसदी थी. सूचना अनुरोधों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या अमेरिका से आई, जिसमें वैश्विक सूचना अनुरोधों का 22 फीसदी शामिल है.

कानूनी मांग

इस अवधि के दौरान ट्विटर को 1,31,933 खातों को निर्दिष्ट करने वाली सामग्री को हटाने के लिए कुल 38,524 कानूनी मांगें मिलीं. इन वैश्विक कानूनी मांगों के 29 फीसदी के जवाब में प्लेटफ़ॉर्म ने कुछ या सभी रिपोर्ट की गई सामग्री को रोक दिया या अन्यथा हटा दिया.

भारत की ओर से कानूनी अनुरोधों की संख्या 6,971 थी, जो 2020 के पहले छह महीनों में 2,772 के ऐसे अनुरोधों से 151 फीसदी अधिक है.

अमेरिका स्थित कंपनी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर की गई कुल मांगों में से 94 फीसदी केवल पांच देशों जापान, भारत, रूस, तुर्की और दक्षिण कोरिया से थीं.

उसने आगे कहा, ‘361 कानूनी मांगें दुनियाभर के 199 पत्रकारों और न्यूज आउटलेट्स के खातों से संबंधित थे जो कि दर्ज की गई पिछली अवधि से 26 फीसदी अधिक थी.’

प्रवर्तन कार्रवाई

इसके अलावा, ट्विटर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस रिपोर्टिंग अवधि के दौरान 6,35,415 खातों से 11,26,990 खातों में घृणित आचरण नीति के उल्लंघन के लिए कार्रवाई करने वाले खातों की संख्या में 77 फीसदी की वृद्धि हुई है.

कंपनी ने गैर-सहमति नग्नता वाले 27,087 खातों पर भी प्रवर्तन कार्रवाई की, जो पूर्व रिपोर्टिंग अवधि से 194 फीसदी अधिक थे.

उसने कहा, जुलाई से दिसंबर, 2020 तक इस नीति के तहत खातों पर कार्रवाई की संख्या में हमने सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी.

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