यूपी: पंचायत चुनाव ड्यूटी में कोविड से गुज़रे 2,020 कर्मचारियों के परिजन मुआवज़े के पात्र माने गए

योगी सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दो हज़ार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की सिफ़ारिश की है. सरकार के पास मुआवज़े के लिए कुल 3,092 आवेदन आए थे, जिनमें से 2,020 को पात्र माना गया है.

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अप्रैल 2021 में मथुरा के एक केंद्र पर पंचायत चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स आदि लेने पहुंचे पोलिंग एजेंट. (फोटो: पीटीआई)

योगी सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दो हज़ार से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की सिफ़ारिश की है. सरकार के पास मुआवज़े के लिए कुल 3,092 आवेदन आए थे, जिनमें से 2,020 को पात्र माना गया है.

मथुरा के एक केंद्र पर पंचायत चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स आदि लेने पहुंचे पोलिंग एजेंट. (फोटो: पीटीआई)

गोरखपुर: प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से दिवंगत हुए 2020 शिक्षकों-कर्मचारियों अनुग्रह राशि दिए जाने की राज्य निर्वाचन आयोग से संस्तुति की है.

सरकार के पास अनुग्रह राशि के लिए कुल 3,092 आवेदन आए थे जिसमें से 2,020 कर्मियों को पात्र माना गया है. कुछ आवेदनों को एडवाइजरी बोर्ड ऑन कोविड को भेजा गया है.

अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव को 13 जुलाई को लिखे पत्र में इस बात की जानकारी दी गई है.

सिंह ने लिखा है कि निर्वाचन ड्यूटी अवधि को कोविड-19 के मद्देनजर परिवर्तित कर निर्वाचन ड्यूटी की तिथि से 30 दिन तक की मृत्यु होने पर अनुग्रह धनराशि देने की पात्रता बनाई गई थी. इसके तहत कुल 3,092 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 2020 कर्मियों के परिजनों को जिलाधिकारियों की संस्तुति के आधार पर अनुग्रह राशि के लिए पात्र पाया गया है.

अपर मुख्य सचिव द्वारा भेजी गई इस सूची में सबसे अधिक 75 नाम आजमगढ़ के हैं. गोरखपुर जिले के 72 कर्मियों के नाम सूची में शामिल हैं. इलाहाबाद से 59, देवरिया से 51, मुरादाबाद, सीतापुर, जौनपुर और बुलंदशहर से 43-43, रायबरेली, अयोध्या और बरेली से 47-47, बिजनौर से 41, खीरी से 46 कर्मियों के नाम इस सूची में है.

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से दिवंगत हुए इन सभी कर्मियों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस सूची में बेसिक शिक्षा विभाग के एक हजार से अधिक शिक्षक-कर्मचारी शामिल हैं. हमारे तरफ से सरकार को 1,621 शिक्षकों-कर्मचारियों की सूची सौंपी गई थी. पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से दिवंगत हुए सभी शिक्षकों-कर्मचारियों को अनुग्रह राशि दिलाने के लिए हम संघर्ष जारी रखेंगे.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने बताया, ‘पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए 234 शिक्षा मित्र कोरोना से संक्रमित होकर गुजरे थे. सरकार द्वारा अनुग्रह राशि के लिए स्वीकृत सूची में 145 शिक्षा मित्रों का ही नाम है. हम आवेदनों को खारिज करने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं. कोरोना से दिवंगत कई शिक्षा मित्रों के परिजन आवेदन नहीं कर पाए तो कुछ मांगे गए डॉक्यूमेंट उपलब्ध नहीं करा पाए हैं. अंतिम सूची में भी सभी शिक्षा मित्रों के नाम शामिल नहीं हुए तो हम उनके परिजनों का न्याय दिलाने के लिए अदालत भी जाएंगे.’

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कोविड-19 संक्रमण से अप्रैल और मई महीने में पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 प्राथमिक शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व अन्य कार्मिकों की मृत्यु होने की बात कहते हुए सूची जारी की थी. इसी तरह माध्यमिक शिक्षक संघ ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से माध्यमिक विद्यालयों के 425 शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की मौत होने की बात कही थी.

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा था कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए एक हजार से अधिक कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई हैं. परिषद ने कोरोना संक्रमण से दिवंगत हुए 518 कर्मचारियों की सूची जारी भी जारी की थी.

महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को दो जून को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि विभाग में कोविड-19 के कारण कुल 1,474 कार्मिकों की मृत्यु हुई है. इसमें समूह क के एक अधिकारी, छह खंड शिक्षा अधिकारी, समूह ग के 1,248 कार्मिक तथा समूह घ के 47 कार्मिक शामिल हैं.

समूह ग में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक और क्लर्क आते हैं. इसके अलावा 172 शिक्षा मित्रों एवं अनुदेशकों की कोविड से मृत्यु हुई है.

प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों-कर्मचारियों को अनुग्रह राशि देने संबंधी ‘ निर्वाचन ड्यूटी अवधि ’ के शासनादेश में बदलाव करते हुए इसमें निर्वाचन ड्यूटी के एक महीने के भीतर कोविड-19 संक्रमण से हुई मौतों को भी शामिल किया था.

पंचायत चुनाव में निर्वाचन ड्यूटी अवधि की परिभाषा में पहले प्रशिक्षण, मतदान, मतगणना व इससे संबंधित अन्य कार्य में कार्मिक के ड्यूटी पर आने और जाने के समय को रखा गया था. इस कारण पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण से हुई कार्मिकों की मौत शामिल नहीं की जा रही थी.

(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)