एसपी का तबादला करने की चेतावनी और कॉल रिकॉर्ड होने के दावे पर शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर में पार्टी की बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से पुलिस प्रमुख अमरनाथ के. को ऐसा कुछ करने से परहेज करने की सलाह दी, जिससे उनका स्थानांतरण कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला हो जाए. साथ ही उन्होंने पेगासस स्पायवेयर से कथित जासूसी गतिविधियां अंजाम दिए जाने को लेकर विवाद के बीच कॉल रिकॉर्ड रखने का दावा किया.

शुभेंदु अधिकारी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर में पार्टी की बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से पुलिस प्रमुख अमरनाथ के. को ऐसा कुछ करने से परहेज करने की सलाह दी, जिससे उनका स्थानांतरण कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला हो जाए. साथ ही उन्होंने पेगासस स्पायवेयर से कथित जासूसी गतिविधियां अंजाम दिए जाने को लेकर विवाद के बीच कॉल रिकॉर्ड रखने का दावा किया.

शुभेंदु अधिकारी. (फोटो: पीटीआई)

तमलुक/कोलकाता: पेगासस स्पायवेयर से कथित जासूसी गतिविधियां अंजाम दिए जाने को लेकर विवाद के बीच पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शुभेंदु अधिकारी तब विवादों में फंस गए जब उन्होंने कहा कि उनके पास पूर्वी मेदिनीपुर जिला पुलिस अधीक्षक के कॉल का ब्योरा है. राज्य पुलिस ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को अधिकारी के खिलाफ तमलुक थाने में मामला दर्ज किया.

कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार का जिक्र करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अच्छा होगा कि पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करें और बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने कर्तव्यों का पालन करें.

पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चिटफंड मामलों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए पूछताछ की थी.

शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस प्रमुख अमरनाथ के. को ऐसा कुछ करने से परहेज करने की चेतावनी दी जिससे उनका स्थानांतरण कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला हो जाए.

उनकी टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए जिला पुलिस ने भाजपा विधायक और उनके 14 सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एक मामला आपदा प्रबंधन कानून के तहत और एक मामला लोक सेवक को उसके कर्तव्य के पालन से रोकने के प्रयास का भी है.

शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को पार्टी की बैठक में पुलिस अधीक्षक (एसपी) को संदेश देते हुए कहा, ‘फर्जी मामले दर्ज न करें. मेरे पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि वे फर्जी हैं. मैं इस तरह के आरोपों के संबंध में सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए जनहित याचिका दाखिल करूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ भी न करें जिससे आपका स्थानांतरण कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला में हो जाए.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शुभेंदु अधिकारी को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहते सुना गया, ‘यह बच्चा है जिसे यहां एसपी के पद पर तैनात किया गया है. मुझे पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं. मैं एक पुराना खिलाड़ी हूं. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि आप केंद्रीय कैडर के अधिकारी हैं. ऐसा कुछ न करें जिसके लिए आपको कश्मीर के बारामूला या अनंतनाग में पोस्टिंग मिल जाए. कोई ‘पिशी’ या ‘दीदी’ आपको नहीं बचा पाएगा. मेरे पास सभी कॉल रिकॉर्ड, फोन विवरण और नंबर हैं. यदि आपके पास राज्य सरकार है, तो हमारे पास केंद्र सरकार है.’

नंदीग्राम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उनके पास मुख्यमंत्री के ‘भतीजे (तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी) द्वारा की गई कॉल का ब्योरा है और कहा कि अगर आपको राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है तो हमारे साथ केंद्र सरकार है.’

संपर्क किए जाने पर जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा, ‘हमने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. उन्होंने दावा किया है कि उनके पास सभी कॉल रिकॉर्ड हैं. चूंकि वह कानून लागू करने वाली एजेंसियों में काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए उनके पास यह नहीं होना चाहिए.’

कथित तिरपाल चोरी से संबंधित मामला समेत कई पुलिस जांचों का सामना कर रहे शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अच्छा होगा कि पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करें.

अधिकारी के टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस प्रमुख अमरनाथ के. ने कहा, ‘उनके (अधिकारी) खिलाफ कोविड-19 मानदंडों का उल्लंघन करने और 50 से अधिक लोगों के सभा को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही उन्होंने सांप्रदायिक आधार पर कुछ बयान दिए है. इसलिए आईपीसी की धारा 295 ए (जान-बूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण इरादे से धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का कृत्य) और शासकीय गोपनीयता अधिनियम की एक धारा भी जोड़ी गई है.’

पुलिस ने शासकीय गोपनीयता अधिनियम लागू करते हुए कहा है कि प्रशासन कानूनी रूप से उचित मंजूरी प्राप्त करने के बाद टेलीफोन पर निगरानी कर सकता है.

अधिकारी के बयान के बाद राज्य में घमासान शुरू हो गया है.

टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘शुभेंदु अधिकारी को तुरंत गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए. उन्होंने साबित कर दिया है कि अभिषेक बनर्जी समेत कई लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया जाता था. यह एक जघन्य अपराध है. केंद्र अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘हम ममता बनर्जी और अभिषेक (बनर्जी) से अनुरोध करते हैं कि वे तुरंत जांच शुरू करें और पूछताछ के माध्यम से पूरी साजिश को उजागर करें.’

हालांकि, शुभेंदु अधिकारी के समर्थन में आते हुए प्रदेश भाजपा ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो टीएमसी नेता मुकुल रॉय को भी 2017 में इसी तरह की टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार करना चाहिए.

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘शुभेंद्रु अधिकारी एक अनुभवी राजनेता हैं. उन्होंने एक रैली में यह बयान दिया. अगर पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है, तो मुकुल रॉय को क्यों बख्शा जा रहा है? भाजपा से जुड़ने के बाद मुकुल रॉय ने कहा था कि टीएमसी नेतृत्व वाली सरकार ने उनके फोन टैप कराए थे. उनका बयान सच था या गलत?’

रॉय 2017 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. पिछले महीने रॉय फिर से टीएमसी में लौट गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)