कांग्रेस ने भाजपा पर चुनी हुईं सरकारों को पेगासस का इस्तेमाल कर गिराने का आरोप लगाया

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कर्नाटक में 2019 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था. कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.

Bengaluru: Newly sworn-in Karnataka Chief Minister H D Kumaraswamy with Karnataka former chief minister & Congress leader Siddaramaiah during the swearing-in ceremony of JD(S)-Congress coalition government, in Bengaluru, on Wednesday. (PTI Photo)(PTI5_23_2018_000160B)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया. (फोटो: पीटीआई)

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कर्नाटक में 2019 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था. कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.

Bengaluru: Newly sworn-in Karnataka Chief Minister H D Kumaraswamy with Karnataka former chief minister & Congress leader Siddaramaiah during the swearing-in ceremony of JD(S)-Congress coalition government, in Bengaluru, on Wednesday. (PTI Photo)(PTI5_23_2018_000160B)
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर इजरायल के पेगासस स्पायवेयर का उपयोग करके देश में चुनी हुईं सरकारों को गिराने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी सरकार ने कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने के लिए स्पायवेयर का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की हत्या की है.

सुरजेवाला के साथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के प्रमुख डीके शिवकुमार भी थे.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने पेगासस स्पायवेयर का उपयोग करके कर्नाटक में एक निर्वाचित कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराकर लोकतंत्र की हत्या की है और संविधान को तार-तार कर दिया है.’

सुरजेवाला ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और इसलिए प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर संसद में बहस नहीं करना चाहते हैं.

इस बात पर जोर देते हुए कि अब घटनाओं का कालक्रम खुले में सामने आ गया है, उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में एक निर्वाचित सरकार को गिराकर जनादेश की हत्या के लिए इजरायली स्पायवेयर का इस्तेमाल किया गया था और सवाल किया कि क्या मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा की सरकारों को भी पेगासस का इस्तेमाल करके ही गिराया गया था.

इजरायल के एनएसओ ग्रुप के अज्ञात भारतीय क्लाइंट की दिलचस्पी वाले फोन नंबरों के रिकॉर्ड की द वायर  द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कि 2019 में कर्नाटक में विपक्ष की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था.

गौरतलब है कि मई 2018 में बनी कांग्रेस-जेडीएस सरकार 14 महीने बाद जुलाई 2019 में लंबे सियासी घमासान के बाद गिर गई थी. सदन में हुए विश्वास मत में भाजपा के 105 वोटों के मुकाबले कांग्रेस-जेडीएस को केवल 99 वोट हासिल हुए थे.

खड़गे ने आरोप लगाया कि यह सब सरकार द्वारा देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतंत्र को ध्वस्त करने के लिए किया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तानाशाही से देश को चलाने की कोशिश कर रहे हैं.

खड़गे ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सच्चाई सामने आए और प्रधानमंत्री की भूमिका पर भी अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए. अमित शाह के पास सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. हम भाजपा की ऐसी गंदी राजनीति की निंदा करते हैं.’

सिद्धरमैया ने कहा कि यह निश्चित रूप से एक अपराध है और इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा, ‘राजनीति में इस तरह के गंदे खेल की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और यह लोकतंत्र नहीं है. एक लोकतांत्रिक सरकार में, लोकतांत्रिक सरकार को गिराना अपराध है.’

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि नवीनतम खुलासे से यह स्पष्ट रूप से स्थापित हो गया है कि इस स्पायवेयर का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए किया गया है और जासूसी का समय स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि भाजपा का मुख्य इरादा उस समय कर्नाटक सरकार को गिराना था.

उन्होंने कहा, ‘यह बहुत स्पष्ट है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने खरीद-फरोख्त द्वारा सरकार को गिराने की योजना बनाई और उन्होंने इसमें इस स्पायवेयर का इस्तेमाल किया.’

उन्होंने साथ ही यह भी इशारा किया कि यह मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी किया गया हो सकता है.

वेणुगोपाल ने कहा, ‘इसलिए कांग्रेस पार्टी मांग कर रही है कि इस मामले की निष्पक्ष, स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस देश के सामने सवाल यह है कि कौन सुरक्षित है? जहां तक ​​व्यक्तिगत जानकारी की बात है, आजकल सभी को सावधान रहना होगा, कोई गोपनीयता नहीं है.’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सवालों के जवाब देने से नहीं भाग सकती. सरकार को संसद में खुली चर्चा के लिए आगे आना होगा.

उन्होंने कहा, ‘अगर वे दोषी नहीं हैं तो सरकार उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच के लिए राजी क्यों नहीं है.’

वेणुगोपाल ने अपने 17 सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के लिए कांग्रेस की याचिका पर शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि यह फैसला इस देश में खरीद फरोख्त उद्योग के लिए महत्वपूर्ण बन गया है.

उन्होंने कहा कि इसलिए, यह बहुत स्पष्ट है कि यह एक लोकतांत्रिक सरकार को गिराने और विपक्षी दलों की चुनावी प्रक्रिया को नकारने के लिए किया जा रहा है और इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने साबित कर दिया है कि सत्ता की तलाश में वह किसी भी हद तक जा सकती है और लोकतंत्र और संविधान को कमजोर कर सकती है.’

सचिव का फोन टैप किए जाने की परवाह नहीं करता: कुमारस्वामी

जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि दो साल पहले जब वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे, तब पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल कर उनके सचिव निगरानी के लिए संभावित निशाने पर थे. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी परवाह नहीं है.

कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं इन सब चीजों की परवाह नहीं करता क्योंकि हालिया दिनों में आयकर विभाग समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने महत्वपूर्ण लोगों के फोन टैप किए हैं. ये चीजें 10-15 साल से नियमित रूप से हो रही हैं.’

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसा केवल नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नहीं हो रहा है. पहले भी ऐसा होता था.

कुमारस्वामी ने कहा, ‘मेरे हिसाब से यह नई बात नहीं है. मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो मेरे निजी सचिव का फोन टैप किया गया क्योंकि मैंने कुछ गलत नहीं किया.’

वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह सत्ता हासिल करने और धर्मनिरपेक्ष सरकारों को गिराने लिए किसी भी हद तक नीचे गिर सकती है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हम मानते हैं कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसी भी हद तक नीचे नहीं जा सकती है. हर बार यह दिखाने के लिए नए सबूत आते हैं कि वे सबसे नीचे गिर सकते हैं और गिरेंगे. पेगासस स्पायवेयर से पता चलता है कि भाजपा सत्ता हासिल करने और धर्मनिरपेक्ष सरकारों को गिराने के लिए विदेशी शक्तियों के साथ साझेदारी सहित सब कुछ सकती है.’

उन्होंने कहा कि इससे यह भी साबित होता है कि गोवा, पुदुचेरी, मणिपुर और मध्य प्रदेश में लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बावजूद भाजपा ने सत्ता में आने के लिए यही तरीका अपनाया है. बेशर्मी से खरीद-फरोख्त और भाजपा द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के कारण भारत में लोकतंत्र की मौत हुई है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि कांग्रेस और अन्य संगठनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और अपमानजनक हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब 2013 में कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया था, तो यूपीए सरकार हर महीने लगभग 9,000 फोन और 500 से अधिक ईमेल खातों की निगरानी कर रही थी.’

उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ किए गए दावों को साबित करने के लिए गवाह या सबूत उपलब्ध कराए जाएं. नारायण ने कहा, ‘हम मामले पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते दावों के समर्थन में सबूत मुहैया कराए जाएं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)