केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रदर्शनकारी किसानों को मवाली कहा, बाद में माफ़ी मांगी

केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए 200 किसानों के एक समूह ने दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार से किसान संसद शुरू की. इस बारे में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली कहा था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया.

/
भाजपा सांसद ​मीनाक्षी लेखी. (फोटो साभार: फेसबुक)

केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए 200 किसानों के एक समूह ने दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार से किसान संसद शुरू की. इस बारे में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली कहा था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया.

भाजपा सांसद ​मीनाक्षी लेखी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्लीः केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कृषि कानूनों के विरोध में बीते कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को किसान कहने पर आपत्ति जताई और उन्हें मवाली कहकर संबोधित किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लेखी के इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनके तत्काल इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनका यह बयान भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

हालांकि, मीनाक्षी लेखी ने बाद में कहा कि उनके शब्द को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वह इसे वापस लेती हैं.

दरअसल भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूदा किसान प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखी ने कहा,’फिर किसान आप उन लोगों को बोल रहे हैं, मवाली हैं वो.’

उन्होंने कहा, ’26 जनवरी को जो आपराधिक गतिविधियां हुई, वे शर्मनाक थीं. विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है.’

लेखी ने यह भी कहा, ‘प्रदर्शनकारी कुछ षड्यंत्रकारियों के हाथों में खेल रहे हैं. किसानों के पास जंतर मंतर पर बैठने का समय नहीं है. वे अपने खेतों में काम कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के पीछे बिचौलिए हैं, जो नहीं चाहते कि किसानों को लाभ मिले.’

लेखी के एक सहयोगी ने कहा कि वह जंतर मंतर पर एक कैमरापर्सन पर कथित हमले और 26 जनवरी को लाल किले पर किसान रैली के दौरान हुई हिंसा के बारे में एक रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया दे रही थीं.

इस बारे में विवाद होने के बाद लेखी ने कहा, ‘मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया. प्रेस कॉन्फेंस के दौरान पूछा गया सवाल बिल्कुल अलग विषय पर था. फिर भी अगर मेरे शब्दों से कोई किसान आहत हुआ है तो मैं उन्हें वापस लेती हूं और माफी मांगती हूं.’

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर लेखी की आलोचना की थी जिसके बाद उन्होंने अपना बयान वापस लिया है.

अमरिंदर ने आधिकारिक बयान में कहा था, ‘सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा असहमति और विरोध की सभी आवाजों को दबाने के कथित प्रयासों को देखते हुए तथ्य यह है कि किसानों के जज्बे को तोड़ने में असफलता हाथ लगी है.’

उन्होंने कहा था कि जंतर मंतर पर कैमरापर्सन पर हमला निंदनीय था और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया पूरी तरह से अनावश्यक और उकसावे वाली थी. लेखी के पास इस तरह से किसानों को बदनाम करने का अधिकार नहीं है.

अमरिंदर सिंह ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू होने के बाद से किसानों के खिलाफ विभिन्न भाजपा नेताओं द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल शुरू से ही किसानों को बदनाम करने और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.

इस बीच पुलिस का कहना है कि जंतर मंतर पर एक यूट्यूबर के साथ हाथापाई करने के दौरान कैमरापर्सन घायल हुआ था.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कुछ टिप्पणियों के बाद दोनों पक्षों के बीच बहस हुई. झपड़ के दौरन टीवी पत्रकार के हाथ में चोट लगी. हम उन्हें एमएलसी ले गए और कानूनी कार्रवाई करेंगे. यूट्यूबर को हिरासत में लिया गया है.’

बता दें कि 200 किसानों के समूह ने गुरुवार से कृषि कानूनों के विरोध में जंतर मंतर पर किसान संसद शुरू की है.

संसद के मानसून सत्र के बीच केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर गुरुवार से किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया. जंतर-मंतर पर किसानों की नारेबाजी और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग जारी है.

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी है.

मालूम हो कि केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते साल 26 नवंबर से दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों ने अपना प्रदर्शन शुरू किया था. पंजाब और हरियाणा में दो दिनों के संघर्ष के बाद किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंजूरी मिल गई थी.

केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन किसानों ने इस मैदान को खुली जेल बताते हुए यहां आने से इनकार करते हुए दिल्ली की तीनों सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन शुरू किया था, जो आज भी जारी है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि से संबंधित तीन विधेयक– किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को बीते साल 27 सितंबर को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी, जिसके विरोध में चार महीने से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने की स्थापित व्यवस्था को खत्म कर रही है और यदि इसे लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा.

दूसरी ओर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने बार-बार इससे इनकार किया है. सरकार इन अध्यादेशों को ‘ऐतिहासिक कृषि सुधार’ का नाम दे रही है. उसका कहना है कि वे कृषि उपजों की बिक्री के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बना रहे हैं.

अब तक प्रदर्शनकारी यूनियनों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध जारी है, क्योंकि दोनों पक्ष अपने अपने रुख पर कायम हैं. प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच पिछली औपचारिक बातचीत बीते 22 जनवरी को हुई थी. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के लिए किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से अब तक कोई बातचीत नहीं हो सकी है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq